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चंडीगढ़ में 7 राज्यों के पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद बोले हरियाणा के डीजीपी 'हिमाचल की दवा कंपनियों पर कार्रवाई करने की जरूरत'

नशे की दवाइयों के उत्पादन को लेकर हिमाचल की कुछ दवाई कंपनियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है. ये बात हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने वीरवार को चंडीगढ़ में नशा तस्करी पर आयोजित बैठक के दौरान कहा. बता दें कि नशा तस्करी समेत अपराध पर कैसे लगाम लगाई जाए. इस मुद्दे पर चंडीगढ़ में 7 राज्यों के पुलिस अधिकारियों के बीच बैठक हुई. बैठक में कई अहम फैसले किए गए. वहीं, हिमाचल की दवाई कंपनियों पर कार्रवाई करने को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई.

हिमाचल की दवा कंपनियों पर होगी कार्रवाई
हिमाचल की दवा कंपनियों पर होगी कार्रवाई
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Published : Mar 2, 2023, 8:01 PM IST

हिमाचल की दवा कंपनियों पर होगी कार्रवाई.

शिमला: हिमाचल की कुछ दवाई कंपनियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है. ये इशारा हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने गुरुवार को चंडीगढ़ में हुई 7 राज्यों के पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद किया. दरअसल, वीरवार को चंडीगढ़ में नशा तस्करी समेत अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों के डीजीपी व अन्य पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक का मकसद नशे से लेकर अन्य अपराधों में उत्तर भारत के राज्यों के बीच आपसी तालमेल को बेहतर करना था. बैठक के बाद हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने कहा कि हिमाचल की कुछ दवा कंपनियों पर कार्रवाई की जरूरत है और इस मुद्दे को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है. नशा तस्करी के फैलते जाल को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए हरियाणा के डीजीपी ने ये बात कही. उनका इशारा हिमाचल प्रदेश में दवा कंपनियों उन्होंने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश में बहुत सारी दवा कंपनियां नशे की दवा बनाने का कारोबार कर रही हैं. उन पर नकेल लगाने के लिए क्या कदम उठाए जाएं, इस पर भी बैठक में चर्चा हुई है.

नशा तस्करी पर रोक लगाने पर चर्चा: हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने कहा कि यह नॉर्दन जोन की कॉर्डिनेशन मीटिंग थी. पिछली बार जब देश के गृह मंत्री अमित शाह शहर में आए थे तो उस दौरान नॉर्दन रीजन के राज्यों ने ड्रग के मुद्दे पर एक रणनीति बनाई थी. इसमें एक-दूसरे से तालमेल बनाए रखना और सहयोग देने को लेकर बात हुई थी. उसी के अंतर्गत आज यह मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. नशा तस्करी को रोकने के लिए आने वाले समय में सभी को मिलकर काम करने और सूचनाओं का आदान प्रदान करने की जरूरत है. इसके लिए वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा. जिसमें हर राज्य के अधिकारी को शामिल किया जाएगा और वो इसमें नशे से जुड़ी जानकारी साझा करते रहेंगे, ताकि आरोपियों तक पहुंचने में आसानी हो.

ड्रग मनी पर नकेल कसना जरूरी: हरियाणा डीजीपी ने कहा कि ड्रग ऐसा मुद्दा है, जो किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है. इससे निपटने के लिए सभी राज्यों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. इस मीटिंग में ड्रग की रोकथाम के लिए ग्राउंड स्तर पर काम करने का फैसला लिया गया है. वहीं कहा कि ड्रग से लड़ाई के लिए गैर ड्रग स्मगलर्स और गैंगस्टर्स की गतिविधियों पर नजर रखना, उनके खिलाफ कार्रवाई करना और ड्रग रैकेट में फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस पर नजर रख उस पर नकेल कसने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ड्रग की डिमांड को खत्म करने के लिए जागरूकता फैलाने को लेकर भी मीटिंग में बात हुई.

7 राज्यों की पुलिस बनाएगी वर्किंग ग्रुप: बैठक में इस बात को लेकर सहमति बनी है कि सभी राज्यों के पुलिस अधिकारियों का एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाए, जो लगातार एक दूसरे के साथ संपर्क में रहे और इस संबंध में लगातार जानकारियां सांझा करते रहें. जिससे नशे के कारोबार पर लगाम लगाने में और मदद मिल सके. हरियाणा के डीजीपी ने कहा कि अगली बार उनकी कोशिश होगी कि इस बैठक में सभी राज्यों के जेल से संबंधित अधिकारी, स्वास्थ्य और सोशल जस्टिस विभाग के अधिकारी शामिल हो, क्योंकि इन सभी का सहयोग भी नशा तस्करी पर लगाम लगाने में अहम है. उन्होंने कहा कि अगली बार इस बैठक में उत्तर प्रदेश और राजस्थान को भी शामिल किया जाएगा.

बैठक में ये अधिकारी हुए शामिल: बैठक में हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल, चंडीगढ़ के डीजीपी परवीर रंजन समेत उत्तराखंड से डीजीपी अशोक कुमार के अलावा पंजाब से एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर), हिमाचल प्रदेश से आईजी रैंक के अफसर, दिल्ली और जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी समेत सहित नारकोटिक्स के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

ये भी पढे़ं: गैस सिलेंडर के बाद अब हिमाचल में दूध भी हुआ महंगा, मिल्क फेडरेशन में बढ़ाए दाम

हिमाचल की दवा कंपनियों पर होगी कार्रवाई.

शिमला: हिमाचल की कुछ दवाई कंपनियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है. ये इशारा हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने गुरुवार को चंडीगढ़ में हुई 7 राज्यों के पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद किया. दरअसल, वीरवार को चंडीगढ़ में नशा तस्करी समेत अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों के डीजीपी व अन्य पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक का मकसद नशे से लेकर अन्य अपराधों में उत्तर भारत के राज्यों के बीच आपसी तालमेल को बेहतर करना था. बैठक के बाद हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने कहा कि हिमाचल की कुछ दवा कंपनियों पर कार्रवाई की जरूरत है और इस मुद्दे को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है. नशा तस्करी के फैलते जाल को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए हरियाणा के डीजीपी ने ये बात कही. उनका इशारा हिमाचल प्रदेश में दवा कंपनियों उन्होंने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश में बहुत सारी दवा कंपनियां नशे की दवा बनाने का कारोबार कर रही हैं. उन पर नकेल लगाने के लिए क्या कदम उठाए जाएं, इस पर भी बैठक में चर्चा हुई है.

नशा तस्करी पर रोक लगाने पर चर्चा: हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने कहा कि यह नॉर्दन जोन की कॉर्डिनेशन मीटिंग थी. पिछली बार जब देश के गृह मंत्री अमित शाह शहर में आए थे तो उस दौरान नॉर्दन रीजन के राज्यों ने ड्रग के मुद्दे पर एक रणनीति बनाई थी. इसमें एक-दूसरे से तालमेल बनाए रखना और सहयोग देने को लेकर बात हुई थी. उसी के अंतर्गत आज यह मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. नशा तस्करी को रोकने के लिए आने वाले समय में सभी को मिलकर काम करने और सूचनाओं का आदान प्रदान करने की जरूरत है. इसके लिए वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा. जिसमें हर राज्य के अधिकारी को शामिल किया जाएगा और वो इसमें नशे से जुड़ी जानकारी साझा करते रहेंगे, ताकि आरोपियों तक पहुंचने में आसानी हो.

ड्रग मनी पर नकेल कसना जरूरी: हरियाणा डीजीपी ने कहा कि ड्रग ऐसा मुद्दा है, जो किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है. इससे निपटने के लिए सभी राज्यों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. इस मीटिंग में ड्रग की रोकथाम के लिए ग्राउंड स्तर पर काम करने का फैसला लिया गया है. वहीं कहा कि ड्रग से लड़ाई के लिए गैर ड्रग स्मगलर्स और गैंगस्टर्स की गतिविधियों पर नजर रखना, उनके खिलाफ कार्रवाई करना और ड्रग रैकेट में फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस पर नजर रख उस पर नकेल कसने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ड्रग की डिमांड को खत्म करने के लिए जागरूकता फैलाने को लेकर भी मीटिंग में बात हुई.

7 राज्यों की पुलिस बनाएगी वर्किंग ग्रुप: बैठक में इस बात को लेकर सहमति बनी है कि सभी राज्यों के पुलिस अधिकारियों का एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाए, जो लगातार एक दूसरे के साथ संपर्क में रहे और इस संबंध में लगातार जानकारियां सांझा करते रहें. जिससे नशे के कारोबार पर लगाम लगाने में और मदद मिल सके. हरियाणा के डीजीपी ने कहा कि अगली बार उनकी कोशिश होगी कि इस बैठक में सभी राज्यों के जेल से संबंधित अधिकारी, स्वास्थ्य और सोशल जस्टिस विभाग के अधिकारी शामिल हो, क्योंकि इन सभी का सहयोग भी नशा तस्करी पर लगाम लगाने में अहम है. उन्होंने कहा कि अगली बार इस बैठक में उत्तर प्रदेश और राजस्थान को भी शामिल किया जाएगा.

बैठक में ये अधिकारी हुए शामिल: बैठक में हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल, चंडीगढ़ के डीजीपी परवीर रंजन समेत उत्तराखंड से डीजीपी अशोक कुमार के अलावा पंजाब से एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर), हिमाचल प्रदेश से आईजी रैंक के अफसर, दिल्ली और जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी समेत सहित नारकोटिक्स के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

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