शिमला: गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड में अदालत नीलू को दोषी करार दे चुकी है. सजा का ऐलान 11 मई को हो सकता है. मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में नीलू की सजा पर मंगलवार को बहस होनी है. इससे पहले सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी नीलू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)1, 376 ए, 302 और पॉक्सों अधिनियिम की धारा 4 के तहत दोषी करार दिया है.
रेयरेस्ट ऑफ रेयर है मामला
यह अपराध जघन्य है और रेयरेस्ट ऑफ रेयर है. हालांकि कोर्ट तथ्यों के आधार पर ही सजा सुनाएगा. जो धाराएं लगी हैं उनके अनुसार दोषी को फांसी की भी हो सकती है. इसके अलावा कोर्ट उम्रकैद की सजा भी सुना सकता है. जब यह मामला अदालत के सामने आया था. उस समय जिला बार एसोसिएशन ने आरोपी के पक्ष से मुकदमा नहीं लड़ने का निर्णय लिया था. पिछली सुनवाई के दौरान चार साल पहले के इस मामले में नीलू को दोषी ठहरा देने के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में दोषी को सजा 11 मई को सुनाई जाएगी. सीबीआई की ओर से अदालत में घटनास्थल से जुटाए गए सबूतों के सैंपल की नीलू के डीएनए से मिलान को कोर्ट ने महत्वपूर्ण सबूत माना.
14 में से 12 सबूत थे नीलू के खिलाफ
सीबीआई ने 14 बिंदुओं पर जांच कर अदालत में दायर आरोपपत्र में 14 सबूत पेश किए थे. इनमें 12 नीलू के खिलाफ साबित हो जाने पर अदालत ने नीलू को दोषी करार दे दिया. सीबीआई ने जांच के दौरान सैंकडों लोगों के खून के नमूने लिए थे और उनका मिलान मौके पर मिले नमूनों से किया था लेकिन सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लग रहा था. इस बीच सीबीआई को चिरानी नीलू के बारे में जानकारी मिली तो सीबीआई ने उस पर अपनी जांच केंद्रित की. मौके पर मिले नमूनों का मिलान नीलू के परिवार वालों से किया गया. इन नमूनों का मिलान होने के बाद सीबीआई नीलू के पीछे पड़ गई.
कॉल डिटेल की मदद से गिरफ्तार हुआ था नीलू
वारदात को अंजाम देने के बाद नीलू फरार हो गया था. अप्रैल 2018 में फोन कॉल डिटेल के आधार पर सीबीआई ने उसे हाटकोटी में एक बागवान के बगीचे से दबोच लिया. इसके बाद सीबीआई ने उसका डीएनए टेस्ट भी लिया और उसका मिलान हो गया और सीबीआई ने इस मामले को सुलझाने का दावा कर दिया. इसके अलावा दांतों के निशानों का भी मिलान हुआ था. गुड़िया के शरीर पर दो जगह दांतों के निशान मिले थे.
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