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HPU इक्डोल में फीस बढ़ोतरी को लेकर ABVP का विरोध, छात्रों ने निदेशक का किया घेराव - shimla news

HPU इक्डोल में हुई फीस बढ़ोतरी के बाद छात्र संगठन विरोध जता रहे हैं. फीस बढ़ोतरी पर गुस्साए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एचपीयू इक्डोल निदेशक का घेराव किया.

फीस बढ़ोतरी को लेकर ABVP का विरोध
ABVP protest for fee hike
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Published : Jan 29, 2020, 9:35 PM IST

शिमला: एचपीयू इक्डोल में हुई फीस बढ़ोतरी के बाद छात्र संगठन विरोध जता रहे हैं. फीस बढ़ोतरी पर गुस्साए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एचपीयू इक्डोल निदेशक का घेराव किया.इस दौरान छात्र उग्र हो गए और पुलिस को इक्डोल निदेशक के कार्यालय में बुलवाना पड़ा. एबीवीपी ने इक्डोल के निदेशक के पास मांग रखी कि इक्डोल में की गई फीस बढ़ोतरी को वापिस लिया जाए और छात्रों को राहत प्रदान की जाए.

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एबीवीपी इकाई मंत्री मुनीष वर्मा ने कहा की इक्डोल के माध्यम में से प्रदेशभर से ऐसे हजारों छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं जो रेगुलर शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते. ऐसे छात्र अधिकतर गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले छात्र होते हैं.

इक्डोल ने फीस दरों में काफी अधिक बढ़ोतरी की है. पीजी कोर्स में जो फीस एमए की 3,320 थी. उसे बढ़ा के 4,320 कर दिया गया है. फीस बढ़ोतरी से प्रदेश के हजारों गरीब छात्रों को लुटा जा रहा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने इक्डोल के डायरेक्टर को पांच फरवरी तक बढ़ाई गई फिस को वापस लेने का समय दिया है.

ईकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय का इक्डोल विभाग हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है. बीते साल भी इक्डोल के अंदर 80 लाख का प्रोस्पेक्टस का घोटाला सामने आया था, जिसकी भरपाई अब प्रशासन प्रदेश के गरीब छात्रों से फीस वृद्धि जैसे तानाशाही निर्णय कर के कर रहा है.

शिमला: एचपीयू इक्डोल में हुई फीस बढ़ोतरी के बाद छात्र संगठन विरोध जता रहे हैं. फीस बढ़ोतरी पर गुस्साए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एचपीयू इक्डोल निदेशक का घेराव किया.इस दौरान छात्र उग्र हो गए और पुलिस को इक्डोल निदेशक के कार्यालय में बुलवाना पड़ा. एबीवीपी ने इक्डोल के निदेशक के पास मांग रखी कि इक्डोल में की गई फीस बढ़ोतरी को वापिस लिया जाए और छात्रों को राहत प्रदान की जाए.

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एबीवीपी इकाई मंत्री मुनीष वर्मा ने कहा की इक्डोल के माध्यम में से प्रदेशभर से ऐसे हजारों छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं जो रेगुलर शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते. ऐसे छात्र अधिकतर गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले छात्र होते हैं.

इक्डोल ने फीस दरों में काफी अधिक बढ़ोतरी की है. पीजी कोर्स में जो फीस एमए की 3,320 थी. उसे बढ़ा के 4,320 कर दिया गया है. फीस बढ़ोतरी से प्रदेश के हजारों गरीब छात्रों को लुटा जा रहा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने इक्डोल के डायरेक्टर को पांच फरवरी तक बढ़ाई गई फिस को वापस लेने का समय दिया है.

ईकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय का इक्डोल विभाग हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है. बीते साल भी इक्डोल के अंदर 80 लाख का प्रोस्पेक्टस का घोटाला सामने आया था, जिसकी भरपाई अब प्रशासन प्रदेश के गरीब छात्रों से फीस वृद्धि जैसे तानाशाही निर्णय कर के कर रहा है.

Intro:एचपीयू इक्डोल में हुई फ़ीस बढ़ोतरी के बाद छात्र संगठन विरोध जता रहे है। फ़ीस बढ़ोतरी पर गुस्साए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने आज एचपीयू इक्डोल में निदेशक का घेराव किया। इस दौरान छात्र उग्र हो गए और पुलिस को इक्डोल निदेशक के कार्यालय में बुलवाना पड़ा। एबीवीपी ने इक्डोल के निदेशक के समक्ष यह मांग रखी कि इक्डोल में की गई फ़ीस बढ़ोतरी को वापिस लिया जाए और छात्रों को राहत प्रदान की जाए। एबीवीपी इकाई मंत्री मुनीष वर्मा ने कहा की इक्डोल के माध्यम में से प्रदेश भर से ऐसे हज़ारों छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं जो रेगुलर शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते। इन छात्रो में अधिकतर गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले छात्र है।

Body:इक्डोल ने फीस दरों में काफी अधिक बढ़ोतरी की है। पीजी कोर्स में जो फ़ीस एमए की 3,320 थी उसे बढ़ा के 4,320 तक कर दिया गया है। इक्डोल इस फ़ीस बढ़ोतरी से सीधे-सीधे प्रदेश के हजारों गरीब छात्रों को लुट रहा है। 25 से 30 फीसदी तक यह फीस वृद्धि हुई हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने इक्डोल के डायरेक्टर को 5 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है कि बढ़ाई गई फ़ीस को वापस लिया जाए।विद्यार्थी परिषद ने इक्डोल के डायरेक्टर का घेराव करते हुए चेतावनी दी है की यदि 5 फरवरी तक इस फीस वृद्धि के निर्णय को वापिस नहीं लिया जाता तो विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश की सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन शुरू करेगी।

Conclusion:वहीं ईकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा की विश्वविद्यालय का इक्डोल विभाग हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। पिछले वर्ष ही जहां इक्डोल के अंदर 80 लाख का प्रोस्पेक्टस का घोटाला सामने आता है, जिसकी भरपाई अब प्रशासन प्रदेश के गरीब छात्रों से फीस वृद्धि जैसे तानाशाही निर्णय कर के कर रहा है। इक्डोल में हुई फीस वृद्धि के माध्यम से प्रदेश के हजारों छात्रों को लूटा जा रहा है। विद्यार्थी परिषद शिक्षा के व्यापारीकरण को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस फीस वृद्धि के लिए जितना विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेवार है उतना ही प्रदेश की सरकार भी जिम्मेवार है। प्रदेश की सरकार को विश्वविद्यालय के संचालन के लिए प्राप्त ग्रांट मुहैया नहीं करवा रही है और न ही विश्वविद्यालय के बजट में कोई बढ़ौतरी कर रही है जिसका खामियाजा प्रदेश के लाखों छात्रों को फीस वृद्धि के रूप में भुगतना पड़ रहा है।


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