शिमला: प्रदेश में छात्र हित के मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक बार फिर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एबीवीपी अपने आंदोलन का आगाज करने जा रही है और इसके लिए शेड्यूल भी एबीवीपी ने पूरी रणनीति तैयार कर ली है.
7 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक एबीवीपी अपने आंदोलन को अलग-अलग तरीके से आगे बढ़ाएगी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और सरकार से उनकी बर्खास्तगी की मांग उठाई.
इसके साथ ही केंद्रीय विश्वविद्यालय के हालातों को सुधारने की मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से की गई है. एबीवीपी के प्रांत मंत्री राहुल राणा ने मांग की है कि सरकार केंद्रीय विवि के स्थाई परिसर का निर्माण शीघ्र से शीघ्र पूरा करें जिससे कि छात्रों को वहां छोटी-छोटी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी परेशान ना होना पड़े.
इसके साथ ही क्लस्टर विवि, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय में शिक्षको और गैर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए. एबीवीपी ने प्रदेश के चिकित्सा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि मेडिकल विश्वविद्यालय में आधारभूत ढांचे को तुरंत सुधारा जाए.
एबीवीपी ने एक बड़ी बात थी कही कि पिछली सरकार और ना ही वर्तमान सरकार विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर है. निजी विश्वविद्यालयों में लगातार फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं लेकिन सरकार इन फर्जीवाड़ों पर रोक नहीं लगा पा रही है. ना ही छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जा रहा है.
यही वजह है कि अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को एक बार फिर से सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन का बिगुल रहा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने आंदोलन के तहत 7 अक्टूबर को डीसी और एसडीएम के माध्यम से शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपेगी वही 9 और 10 अक्टूबर को शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री और राज्यपाल को मास ईमेल और प्लेकार्ड अभियान चलाया जाएगा.
राहुल राणा ने स्पष्ट किया है कि अगर सरकार मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाती है तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद की ओर से बड़ा आंदोलन किया जाएगा.