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पतंजलि योगपीठ के नाम हुई साधुपुल में 93 बीघा जमीन, जल्द शुरू होगा बाबा रामदेव का ड्रीम प्रोजेक्ट - पतंजलि योगपीठ

सोलन जिला में अधर में लटके बाबा राम देव का ड्रीम प्रोजेक्ट अब जल्द शुरू होगा. साधुपुल में पतंजलि योगपीठ संस्थान को भूमि वापिस मिल गई है. मंगलवार को पतंजली को 93 बीघा जमीन की लीज 99 साल के लिए कर दी गई है.

सोलन पहुंचने पर आचार्य बाल कृष्ण का स्वागत करते
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Published : Mar 12, 2019, 10:01 PM IST

शिमलाः पिछले लंबे अरसे से हिमाचल के सोलन जिला में अधर में लटके बाबा राम देव का ड्रीम प्रोजेक्ट अब जल्द शुरू होगा. सोलन के साधुपुल में पतंजलि योगपीठ संस्थान को भूमि वापिस मिल गई है. मंगलवार को पतंजली को 93 बीघा जमीन कीलीज 99 साल के लिए कर दी गई है.

aachrya bal krishan
सोलन पहुंचने पर आचार्य बाल कृष्ण का स्वागत करते

लीजडीड करवाने स्वयं पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के महासचिव आचार्य बाल कृष्ण अधिवक्ताओं के साथ पहुंचे और उन्होंने साधुपुल संस्थान में भूमि का निरिक्षण भी किया. उन्होंने संस्थान को यहां जल्द शुरू करने का एलान भी किया.

पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के महासचिव आचार्य बाल कृष्ण ने कहा कि पतंजलि योगपीठ के प्रोजेक्ट के लिए सारीकानूनी औपचारिकताएं पूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष के कारण यह प्रोजेक्ट रूका हुआ था, लेकिन अब यह सारे द्वेष खत्म हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और प्रदेश की आर्थिकी का भी विकास होगा.

वहीं इस प्रोजेक्ट में किसानों को ऑरगेनिक खेती को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा और किसानों से पंतजलि खुद उत्पाद खरीदेगी. इसके लिए बाकायदा एग्रीमेंट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यहां जल्द ही योग शिविर के साथ-साथ आयुर्वेदिक सेवा शुरू की जाएगी. संस्थान खुलने से यहां पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

सोलन पहुंचने पर आचार्य बाल कृष्ण का स्वागत करते

बता दें कि पतंजलि योगपीठ को भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2010 में जमीन आवंटित हुई थी. इसके तहत करीब 21 एकड़ जमीन लीज पर आवंटित की गई, जिस पर फल विधायन संयंत्र, आयुर्वेद दवाएं बनाने व क्षेत्र में हर्बल गार्डन विकसित करने की योजना थी. यह जमीन 99 साल के लिए 18 लाख रुपये में लीज पर दी गई थी. पतंजलि योगपीठ की तरफ से आचार्य बालकृष्ण ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

वर्ष 2012 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यह कहते हुए लीज रद्द कर दी कि सरकारी जमीन का मूल्य कम आंका गया है. इसके बाद संशोधित नियमों के अधीन 11 करोड़ रुपये चुकाने पड़ेंगे. इसके हर 5 साल के बाद 5 प्रतिशत वृद्धि के साथ भुगतान करना पड़ेगा. पहले 93 बीघा जमीन के लिए 18 लाख रुपये चुकाने थे. लीज रद्द होने पर पतंजलि योगपीठ ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. साधुपुल में पतंजलि ने 2 करोड़ रुपये से आधारभूत ढांचा तैयार किया, जहां औषधियों का उत्पादन प्रस्तावित था. इसके अतिरिक्त योगशाला भी स्थापित होनी थी.

वहीं प्रदेश में दोबारा से भाजपा सरकार ने योगगुरु बाबा रामदेव पर मेहरबानी दिखाई है. बाबा रामदेव को सोलन जिला के साधुपुल में 93 बीघा जमीन 12 करोड़ से अधिक के मार्किट रेट के स्थान पर 2 करोड़ 39 लाख ,720 रुपये में देने को मंजूरी दी गई है.

शिमलाः पिछले लंबे अरसे से हिमाचल के सोलन जिला में अधर में लटके बाबा राम देव का ड्रीम प्रोजेक्ट अब जल्द शुरू होगा. सोलन के साधुपुल में पतंजलि योगपीठ संस्थान को भूमि वापिस मिल गई है. मंगलवार को पतंजली को 93 बीघा जमीन कीलीज 99 साल के लिए कर दी गई है.

aachrya bal krishan
सोलन पहुंचने पर आचार्य बाल कृष्ण का स्वागत करते

लीजडीड करवाने स्वयं पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के महासचिव आचार्य बाल कृष्ण अधिवक्ताओं के साथ पहुंचे और उन्होंने साधुपुल संस्थान में भूमि का निरिक्षण भी किया. उन्होंने संस्थान को यहां जल्द शुरू करने का एलान भी किया.

पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के महासचिव आचार्य बाल कृष्ण ने कहा कि पतंजलि योगपीठ के प्रोजेक्ट के लिए सारीकानूनी औपचारिकताएं पूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष के कारण यह प्रोजेक्ट रूका हुआ था, लेकिन अब यह सारे द्वेष खत्म हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और प्रदेश की आर्थिकी का भी विकास होगा.

वहीं इस प्रोजेक्ट में किसानों को ऑरगेनिक खेती को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा और किसानों से पंतजलि खुद उत्पाद खरीदेगी. इसके लिए बाकायदा एग्रीमेंट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यहां जल्द ही योग शिविर के साथ-साथ आयुर्वेदिक सेवा शुरू की जाएगी. संस्थान खुलने से यहां पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

सोलन पहुंचने पर आचार्य बाल कृष्ण का स्वागत करते

बता दें कि पतंजलि योगपीठ को भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2010 में जमीन आवंटित हुई थी. इसके तहत करीब 21 एकड़ जमीन लीज पर आवंटित की गई, जिस पर फल विधायन संयंत्र, आयुर्वेद दवाएं बनाने व क्षेत्र में हर्बल गार्डन विकसित करने की योजना थी. यह जमीन 99 साल के लिए 18 लाख रुपये में लीज पर दी गई थी. पतंजलि योगपीठ की तरफ से आचार्य बालकृष्ण ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

वर्ष 2012 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यह कहते हुए लीज रद्द कर दी कि सरकारी जमीन का मूल्य कम आंका गया है. इसके बाद संशोधित नियमों के अधीन 11 करोड़ रुपये चुकाने पड़ेंगे. इसके हर 5 साल के बाद 5 प्रतिशत वृद्धि के साथ भुगतान करना पड़ेगा. पहले 93 बीघा जमीन के लिए 18 लाख रुपये चुकाने थे. लीज रद्द होने पर पतंजलि योगपीठ ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. साधुपुल में पतंजलि ने 2 करोड़ रुपये से आधारभूत ढांचा तैयार किया, जहां औषधियों का उत्पादन प्रस्तावित था. इसके अतिरिक्त योगशाला भी स्थापित होनी थी.

वहीं प्रदेश में दोबारा से भाजपा सरकार ने योगगुरु बाबा रामदेव पर मेहरबानी दिखाई है. बाबा रामदेव को सोलन जिला के साधुपुल में 93 बीघा जमीन 12 करोड़ से अधिक के मार्किट रेट के स्थान पर 2 करोड़ 39 लाख ,720 रुपये में देने को मंजूरी दी गई है.

बाबा रामदेव की हुई  साधुपुल में 93 बीघा जमीन ,लीजडीड करवाने स्वय पहुचे  आचार्य बाल कृष्ण , जल्द  शुरू  पतंजलि योगपीठ संस्थान, बाल कृष्ण  ने साधा निशाना , राजनितिक विक्रतिया हुई दूर
 
शिमला ! पिछले लम्बे अरसे से हिमाचल एक सोलन में अधर में लटके बाबा राम देव के  ड्रीम प्रोजेक्ट अब जल्द शुरू होगा !  जिला सोलन के साधुपुल में पतंजलि योगपीठ संस्थान को  भूमि वापिस मिल गई। मंगलवार को पतंजली को 93 बीघा जमीन की   लीज 99 साल के लिए कर दी गई ! लीजडीड करवाने  सवय पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के महासचिव आचार्य बाल कृष्ण अधिवक्ताओ के साथ पहुचे और उन्होंने साधुपुल संस्थान मे का निरिक्षण भी किया और संस्थान  को यहा पर जल्द शुरू करने का ऐलान भी किया ! 
पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के महासचिव आचार्य बाल कृष्ण ने कहा कि   पीतांजलि योगपीठ का प्रोजेक्ट के लिए सारी  क़ानूनी उपचारिकताये पूरी हो गई है।  उन्होंने कहा की एक राजनितिक द्वेष   के कारण यह प्रोजेक्ट रुका हुआ था। अब वे सारे द्वेष खत्म  हो गया !  उन्होंने कहा की इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से स्थानीय लोगो को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगेऔर प्रदेश की आर्थिकी का भी विकास होगा। उन्होंने कहा की किसानो को ओरगेनिक खेती को लेकर  प्रशिक्षण दिया जायेगा और  किसानो से पतंजलि खुद उत्पाद खरीदेगी इसके लिए बाकायदा अग्रीमेंट किया जायेगा ! उन्होंने कहा की यहा जल्द ही योग शिवर के साथ साथ आयुवेदिक सेवा जल्द शुरू की जाएगी ! संसथान खुलने से यहा पर लोगो को रोजगार भी मिलेगा ! 
बता दे पतंजलि योगपीठ को भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2010 में जमीन आवंटित हुई थी। इसके तहत करीब 21 एकड़ जमीन लीज पर आवंटित की गई जिस पर फल विधायन संयंत्र, आयुर्वेद दवाएं बनाने व क्षेत्र में हर्बल गार्डन विकसित करने की योजना थी। यह जमीन 99 साल के लिए 18 लाख रुपये में लीज पर दी गई थी। पतंजलि योगपीठ की तरफ से आचार्य बालकृष्ण ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। 
वर्ष 2012 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यह कहते हुए लीज रद कर दी कि सरकारी जमीन का मूल्य कम आंका गया है। इसके बाद संशोधित नियमों के अधीन 11 करोड़ रुपये चुकाने पड़ेंगे। इसके हर पांच साल के बाद पांच प्रतिशत वृद्धि के साथ भुगतान करना पड़ेगा। सर्वप्रथम 93 बीघा जमीन के लिए 18 लाख रुपये चुकाने थे। लीज रद होने पर पतंजलि योगपीठ ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। साधुपुल में पतंजलि ने दो करोड़ रुपये से आधारभूत ढाचा तैयार किया जहा औषधियों का उत्पादन प्रस्तावित था। इसके अतिरिक्त योगशाला भी स्थापित होनी थी। 

   वही प्रदेश में दोबारा से बीजेपी सरकार ने योगगुरु बाबा रामदेव पर मेहरबानी दिखाई है। बाबा रामदेव को सोलन जिले के साधुपुल में 93 बीघा जमीन 12 करोड़ से अधिक के मार्केट रेट के स्थान पर दो करोड़ 39 लाख 4,720 रुपये में देने को मंजूरी दी गई है। 
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