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Himachal Monsoon: हिमाचल प्रदेश में मानसून से अब तक 8291 करोड़ का नुकसान, 709 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश में आई मानसून की तबाही के कारण अब तक 8291 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं, 361 लोग जान गंवा चुके हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर... (Damage due to rain in Himachal).

LOSS DUE TO MONSOON RAINS IN HIMACHA
प्रदेश मानसून से 8291 करोड़ का नुकसान
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 23, 2023, 10:28 PM IST

शिमला: प्रदेश में बीते दिन से भारी बारिश के बाद सड़कों, पानी की परियोनजाएं प्रभावित हुई हैं. प्रदेश में करीब 709 सड़कें बंद हो गई हैं. इसके साथ ही प्रदेश में बारिश से सड़कों, पानी, बिजली की परियोजनाओं को 8291 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं, बारिश के बाद हुए भूस्खलन और बाढ़ से 12161 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. मानसून की बारिश में होने वाले हादसों में 361 लोगों भी की मौत हुई है और 342 अन्य जख्मी हुए हैं.

दरअसल, प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. मानसून की बारिश से अब तक 8291 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसमें पीडब्ल्यूडी को 2789 करोड़ की क्षति हुई है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 97 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. प्रदेश में बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बंद हो रही हैं और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 709 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के शिमला जोन के तहत 220 सड़कें बंद हैं, जबकि मंडी जोन में 213 स़ड़कें, हमीरपुर जोन में 180 सड़कें और कांगड़ा जोन के तहत 93 सड़कें बंद हैं. हालांकि लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने का काम कर रहा है, लेकिन बीते दिनों भारी बारिश के बाद भूस्खलन होने से फिर से सड़कें बंद हो गई हैं, लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1119 मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है.

प्रदेश में पानी की 636 परियोजनाएं बंद: प्रदेश में भारी बारिश के बाद भूस्खलन और सिल्ट से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18818 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 10417 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 9781 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. मगर अभी भी 636 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इसके अलावा सिंचाई की 2609 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 168 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1971 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1707 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.

मानसून में 12161 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में रिहाय़शी और अन्य मकान भी आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 12161 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हो हुए हैं, जिनमें 2237 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 9924 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. करीब 300 दुकानों के अलावा 4783 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में प्रदेश में 361 लोगों की मौत हुई हैं, जबकि 342 अन्य जख्मी हुए हैं.

ये भी पढ़ें: Heavy Rain In Hamirpur : हमीरपुर में 33 सड़कें बंद, कई पेयजल योजनाएं ठप, 23 और 24 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट

शिमला: प्रदेश में बीते दिन से भारी बारिश के बाद सड़कों, पानी की परियोनजाएं प्रभावित हुई हैं. प्रदेश में करीब 709 सड़कें बंद हो गई हैं. इसके साथ ही प्रदेश में बारिश से सड़कों, पानी, बिजली की परियोजनाओं को 8291 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं, बारिश के बाद हुए भूस्खलन और बाढ़ से 12161 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. मानसून की बारिश में होने वाले हादसों में 361 लोगों भी की मौत हुई है और 342 अन्य जख्मी हुए हैं.

दरअसल, प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. मानसून की बारिश से अब तक 8291 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसमें पीडब्ल्यूडी को 2789 करोड़ की क्षति हुई है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 97 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. प्रदेश में बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बंद हो रही हैं और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 709 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के शिमला जोन के तहत 220 सड़कें बंद हैं, जबकि मंडी जोन में 213 स़ड़कें, हमीरपुर जोन में 180 सड़कें और कांगड़ा जोन के तहत 93 सड़कें बंद हैं. हालांकि लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने का काम कर रहा है, लेकिन बीते दिनों भारी बारिश के बाद भूस्खलन होने से फिर से सड़कें बंद हो गई हैं, लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1119 मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है.

प्रदेश में पानी की 636 परियोजनाएं बंद: प्रदेश में भारी बारिश के बाद भूस्खलन और सिल्ट से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18818 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 10417 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 9781 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. मगर अभी भी 636 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इसके अलावा सिंचाई की 2609 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 168 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1971 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1707 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.

मानसून में 12161 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में रिहाय़शी और अन्य मकान भी आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 12161 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हो हुए हैं, जिनमें 2237 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 9924 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. करीब 300 दुकानों के अलावा 4783 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में प्रदेश में 361 लोगों की मौत हुई हैं, जबकि 342 अन्य जख्मी हुए हैं.

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