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Himachal Monsoon: प्रदेश मानसून से 8099 करोड़ का नुकसान, 344 सड़कें अभी भी बंद - Himachal Flood

हिमाचल में मानसून में आफत बनकर आई तबाही ने अब तक 346 लोगों की जान ले चुकी है. वहीं, राज्य को करीब 8099 करोड़ का नुकसान हुआ है. प्रदेश में 344 से ज्यादा सड़कें अभी भी बंद हैं. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Monsoon Loss) (Damage due to rain in Himachal)

Heavy damage due to rain in Himachal
प्रदेश मानसून से 8099 करोड़ का नुकसान
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Published : Aug 21, 2023, 10:19 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. बारिश से सड़कों, पानी, बिजली सहित अन्य अधोसंरचना को भारी क्षति पहुंच रही है. सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ निजी संपत्ति को भी बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 8099 करोड़ का नुकसान हो चुका है. बारिश में 12035 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और 346 लोगों भी की मौत हुई है,जबकि 331 लोग जख्मी हुए हैं.

पीडब्ल्यूडी को हुआ 2712 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में अबकी बार भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. मानसून की बारिश से अब तक 8099 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसमें पीडब्ल्यूडी को 2712 करोड़ की क्षति हुई है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 97 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. प्रदेश में बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बंद हो रही हैं और अभी भी 344 सड़कें बंद हैं. इनमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में सबसे ज्यादा 117 सड़कें बंद हैं, जबकि शिमला जोन में 92 सड़कें बंद हैं. हमीरपुर जोन के तहत 75 और कांगड़ा जोन के तहत 58 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1036 मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है.

जल शक्ति विभाग की 18048 परियोजनाएं हुई क्षतिग्रस्त: प्रदेश में भारी बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट से सैंकड़ों परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18048 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9745 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 9540 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. पानी की परियोजनाएं बंद होने से लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2510 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 और सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1860 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

roads damaged due to landslide
भारी बारिश के बाद आए भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुई सड़कें

बिजली बोर्ड को भी करीब 1707 करोड़ का नुकसान: इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1707 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.

मानसून में 12035 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ से रिहाय़शी और अन्य मकान इनकी चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 12035 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2216 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 9819 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. करीब 300 दुकानों के अलावा 44702 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में 346 लोगों की जानें गई हैं जबकि 331 लोग जख्मी हुए हैं.

ये भी पढ़ें: Shimla landslide: राजधानी पर मंडराए खतरे के बादल, कोमली बैंक में खाली करवाए मकान, दयानंद पब्लिक स्कूल में लैंडस्लाइड का खतरा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. बारिश से सड़कों, पानी, बिजली सहित अन्य अधोसंरचना को भारी क्षति पहुंच रही है. सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ निजी संपत्ति को भी बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 8099 करोड़ का नुकसान हो चुका है. बारिश में 12035 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और 346 लोगों भी की मौत हुई है,जबकि 331 लोग जख्मी हुए हैं.

पीडब्ल्यूडी को हुआ 2712 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में अबकी बार भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. मानसून की बारिश से अब तक 8099 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसमें पीडब्ल्यूडी को 2712 करोड़ की क्षति हुई है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 97 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. प्रदेश में बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बंद हो रही हैं और अभी भी 344 सड़कें बंद हैं. इनमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में सबसे ज्यादा 117 सड़कें बंद हैं, जबकि शिमला जोन में 92 सड़कें बंद हैं. हमीरपुर जोन के तहत 75 और कांगड़ा जोन के तहत 58 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1036 मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है.

जल शक्ति विभाग की 18048 परियोजनाएं हुई क्षतिग्रस्त: प्रदेश में भारी बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट से सैंकड़ों परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18048 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9745 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 9540 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. पानी की परियोजनाएं बंद होने से लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2510 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 और सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1860 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

roads damaged due to landslide
भारी बारिश के बाद आए भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुई सड़कें

बिजली बोर्ड को भी करीब 1707 करोड़ का नुकसान: इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1707 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.

मानसून में 12035 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ से रिहाय़शी और अन्य मकान इनकी चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 12035 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2216 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 9819 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. करीब 300 दुकानों के अलावा 44702 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में 346 लोगों की जानें गई हैं जबकि 331 लोग जख्मी हुए हैं.

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