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रामपुर में कबाड़ बेचकर दिन काटने को मजबूर प्रवासी मजदूर, घर वापसी के लिए लगा रहे गुहार - lockdown in himachal

कोरोना काल में रामपुर में 70 प्रवासी मजदूर वापस उत्तरप्रदेश लौटना चाहते हैं. इनके पास न खाने को राशन बचा न दिहाड़ी के लिए काम मिल रहा. ऐसे में कबाड़ बेचकर काम चला रहे हैं. इन्होंने पंजीकरण के नाम पर एक हजार रुपया मांगने का आरोप भी लगाया.

70 migrants from Uttar Pradesh demand to be sent back in Rampur
रामपुर में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर.
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Published : May 23, 2020, 11:55 AM IST

रामपुर: कोरोना संकट काल में न खाने को कुछ रहा न कमाने को काम मिला, तो प्रवासी मजदूरों ने वापस अपने घरों की तरफ जाने का मन बना लिया. प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं. ऐसा ही कुछ हाल डकोलड़ में रह रहे प्रवासी मजदूरों का है. यह अपने घर जाने के लिए प्रशासन से कई बार फरियाद कर चुके हैं, लेकिन फरियाद सिर्फ फरियाद बनकर रह गई. मजदूरों का कहना है कि न खाने को अन्न है न कमाने के लिए कोई काम मिल रहा है. बस अब इंतजार घर जाने का कर रहे हैं. कब वो दिन आएगा कि हम अपने घर जाकर शांति से दिन बिता सकेंगे.

कबाड़ के सहारे चल रही है जिंदगी

कुछ प्रवासी यहां रहकर दिल्ली से सामान लाकर बेचने का काम करते थे, लेकिन सारा काम बंद होने के कारण अब कबाड़ बेचकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक 70 लोग उत्तरप्रदेश जाना चाहते हैं. प्रवासियों ने बताया प्रशासन के पास तीन बार गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. तहसील में जाकर उन्होंने बात की तो उन्हें सभी परिवारों की सूची बनाने को कहा गया. जब सूची बनाकर तहसील में कर्मचारियों को ऑनलाइन पंजीकरण के लिए सौंपी गई, तो उन्होंने पंजीकरण करवाने के लिए 1 हजार रुपए की मांग की प्रवासियों ने बताया कि हमारे पास इतने पैसे नहीं है तो पंजीकरण नहीं कराया.

वीडियो

एक महीने से नहीं मिला राशन

प्रवासियों के मुताबिक हमारी कोई नहीं सुन रहा. कुछ दिनों पहले आर्मी जवानों ने राशन बांटा उससे काम चलाया. यहां के स्थानियों ने भी जितनी मदद हो सकती थी की. एक महीने से प्रशासन ने मदद नहीं की. उत्तरप्रदेश जाने के लिए निजी गाड़ी वाले से बात की तो 1 लाख 20 हजार बताया गया. उन्होंने कहा कि खाने के पैसे नहीं इतनी बड़ी रकम कहां लाएंगे. घर पर बुजुर्ग माता-पिता इंतजार कर रहे हैं. हमारी प्रशासन से मांग है कि हमारे लिए राशन की व्यवस्था की जाए और हमें वापस अपने घरों के लिए मदद की जाए.

आदेश का इंतजार

इस बारे में एसडीएम नरेंद्र चौहान ने बताया कि डकोलड़ में रह रहे प्रवासियों को समय-समय पर राशन मुहैया करवाया जा रहा है. यदि उनका आवेदन हमारे पास आया तो उसे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. जैसे ही अगले आदेश मिलेंगे वैसे ही सभी को घर भेजा जाएगा.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन का कमाल, मुस्कुराने लगी बिलासपुर की आब-ओ-हवा

रामपुर: कोरोना संकट काल में न खाने को कुछ रहा न कमाने को काम मिला, तो प्रवासी मजदूरों ने वापस अपने घरों की तरफ जाने का मन बना लिया. प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं. ऐसा ही कुछ हाल डकोलड़ में रह रहे प्रवासी मजदूरों का है. यह अपने घर जाने के लिए प्रशासन से कई बार फरियाद कर चुके हैं, लेकिन फरियाद सिर्फ फरियाद बनकर रह गई. मजदूरों का कहना है कि न खाने को अन्न है न कमाने के लिए कोई काम मिल रहा है. बस अब इंतजार घर जाने का कर रहे हैं. कब वो दिन आएगा कि हम अपने घर जाकर शांति से दिन बिता सकेंगे.

कबाड़ के सहारे चल रही है जिंदगी

कुछ प्रवासी यहां रहकर दिल्ली से सामान लाकर बेचने का काम करते थे, लेकिन सारा काम बंद होने के कारण अब कबाड़ बेचकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक 70 लोग उत्तरप्रदेश जाना चाहते हैं. प्रवासियों ने बताया प्रशासन के पास तीन बार गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. तहसील में जाकर उन्होंने बात की तो उन्हें सभी परिवारों की सूची बनाने को कहा गया. जब सूची बनाकर तहसील में कर्मचारियों को ऑनलाइन पंजीकरण के लिए सौंपी गई, तो उन्होंने पंजीकरण करवाने के लिए 1 हजार रुपए की मांग की प्रवासियों ने बताया कि हमारे पास इतने पैसे नहीं है तो पंजीकरण नहीं कराया.

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एक महीने से नहीं मिला राशन

प्रवासियों के मुताबिक हमारी कोई नहीं सुन रहा. कुछ दिनों पहले आर्मी जवानों ने राशन बांटा उससे काम चलाया. यहां के स्थानियों ने भी जितनी मदद हो सकती थी की. एक महीने से प्रशासन ने मदद नहीं की. उत्तरप्रदेश जाने के लिए निजी गाड़ी वाले से बात की तो 1 लाख 20 हजार बताया गया. उन्होंने कहा कि खाने के पैसे नहीं इतनी बड़ी रकम कहां लाएंगे. घर पर बुजुर्ग माता-पिता इंतजार कर रहे हैं. हमारी प्रशासन से मांग है कि हमारे लिए राशन की व्यवस्था की जाए और हमें वापस अपने घरों के लिए मदद की जाए.

आदेश का इंतजार

इस बारे में एसडीएम नरेंद्र चौहान ने बताया कि डकोलड़ में रह रहे प्रवासियों को समय-समय पर राशन मुहैया करवाया जा रहा है. यदि उनका आवेदन हमारे पास आया तो उसे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. जैसे ही अगले आदेश मिलेंगे वैसे ही सभी को घर भेजा जाएगा.

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