शिमला: राजधानी में ओवरलोडिंग की समस्या को खत्म करने के लिए शिमला के निजी स्कूलों को दी गई एचआरटीसी बसों को स्कूलों से वापस लिया जाएगा. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला के कॉन्वेंट और निजी स्कूलों को एचआसटीसी के बसें वापिस करने के निर्देश जारी कर दिये हैं.
बता दें कि राजधानी में फिलहाल हिमाचल पथ परिवहन निगम की 62 बसें चलाई जा रही है. निजी स्कूलों से बसें वापिस लेने के निर्देश शिमला शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली छात्रों के साथ-साथ आम जनता की यातयात संबंधी सुरक्षा को लेकर जारी किये गए हैं. ये निर्देश शिक्षा, विधि और संसदीय मामलों की बैठक में दिये गए. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने उपस्थित निजी स्कूलों की प्रबंधन कमेटी और प्रधानाचार्यों को अपने स्तर पर बसें चलाने को कहा.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस फैसले से जहां ग्रामीण क्षेत्र की जनता और सरकारी स्कूलों के छात्रों को यातायात सुविधा मिल सकेगी. बैठक में उपस्थित सभी कॉन्वेंट और निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों व प्रबंधन कमेटी के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री के सुझाव पर अपनी निजी बसें चलाने पर आश्वासन दिया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक महीने के भीतर ये सपष्ट हो जाएगा कि इन स्कूलों ने कितनी निजी बसें लगाने का निर्णय लिया. बैठक में जिला प्रशासन ने सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को बसों और कैब में छात्रों की सुरक्षा के बारे दी गई आवश्यक हिदायतों का पालन करने बारे दिशा निर्देश दिए. इसके साथ ही एचआरटीसी के अधिकारियों को भी यह निर्देश जारी किए गए कि सभी पुरानी सरकारी और गैर सरकारी बसों में भी जीपीएस सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे स्थापित किये जाए.
सुरेश भारद्वाज ने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिकारियों को सेब सीजन और बरसात का मौसम शुरू होने से पहले सड़कों की मुरम्मत, डंगे और मैटलिंग कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ओवरलोडिंग खत्म करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों को रट परमिट दिए जाएंगे और एचआरटीसी की अतिरिक्त बसें लगाई जाएगी. बैठक के दौरान डीसी शिमला ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर बसों में चालक गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन, म्यूजियक सिस्टम का प्रयोग करते हैं, तो उसका विरोध करें और 100 नंबर व 94180-00529 पर शिकायत करें.