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निजी विश्वविद्यालयों के 51 फीसदी शिक्षक अयोग्य करार, दो सप्ताह में देना होगा जवाब

शिमला में निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की जांच में निजी विश्विद्यालयों के 51 फीसदी शिक्षक अयोग्य पाए गए हैं. बता दें कि इन शिक्षकों की नियुक्ति यूजीसी के नियमों के अनुसार नही हुई है और कई शिक्षक नेट क्वालीफाई नहीं पाई गई है. जांच कमेटी अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों की योग्यता की जांच भी कर रही है. जांच कमेटी विश्वविद्यालय को दो सप्ताह के अंदर अपना पक्ष आयोग के समक्ष रखने का मौका दिया है.

51% teachers of private universities disqualified
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Published : Apr 13, 2021, 10:30 AM IST

शिमला: निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की जांच में निजी विश्वविद्यालय के 51 फीसदी शिक्षक अयोग्य पाए गए हैं. ये शिक्षक दो निजी विश्वविद्यायल के हैं. जांच में पाया गया है कि शिक्षक की नियुक्ति यूजीसी के नियमों के अनुसार नहीं हुई है. इसमें कई शिक्षक नेट क्वालीफाई नहीं हैं.

जांच कमेटी अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों की योग्यता की जांच भी कर रही है. वहीं, जो शिक्षक अयोग्य पाए गये हैं, उन्हें निजी विश्वविद्यालयों के सामने दो सप्ताह में अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है. इसके बाद इन विश्वविद्यालयों को दो सप्ताह के अंदर अपना पक्ष आयोग के सामने रखना होगा.

मई के पहले सप्ताह में आयोग करेगा सेमिनार

निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग का कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता और सस्थानों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कार्य करना होगा. इसके लिये आयोग अब एक सेमिनार करने भी जा रहा है. ये सेमिनार मई के पहले सप्ताह में होगा. उधर, मानव भारती विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले जिन छात्रों की डिग्री सही है. उन्हें राहत देने के लिए आयोग द्वारा गठित कमेटी विश्वविद्यालय का दौरा कर सकती है. बता दें कि मानव भारती विश्वविद्यालय के लिए आयोग ने एक अलग जांच कमेटी गठित की है.

ये भी पढ़े :- DDU अस्पताल फिर बन सकता है कोविड केयर सेंटर, सरकार को भेजा प्रस्ताव

शिमला: निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की जांच में निजी विश्वविद्यालय के 51 फीसदी शिक्षक अयोग्य पाए गए हैं. ये शिक्षक दो निजी विश्वविद्यायल के हैं. जांच में पाया गया है कि शिक्षक की नियुक्ति यूजीसी के नियमों के अनुसार नहीं हुई है. इसमें कई शिक्षक नेट क्वालीफाई नहीं हैं.

जांच कमेटी अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों की योग्यता की जांच भी कर रही है. वहीं, जो शिक्षक अयोग्य पाए गये हैं, उन्हें निजी विश्वविद्यालयों के सामने दो सप्ताह में अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है. इसके बाद इन विश्वविद्यालयों को दो सप्ताह के अंदर अपना पक्ष आयोग के सामने रखना होगा.

मई के पहले सप्ताह में आयोग करेगा सेमिनार

निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग का कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता और सस्थानों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कार्य करना होगा. इसके लिये आयोग अब एक सेमिनार करने भी जा रहा है. ये सेमिनार मई के पहले सप्ताह में होगा. उधर, मानव भारती विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले जिन छात्रों की डिग्री सही है. उन्हें राहत देने के लिए आयोग द्वारा गठित कमेटी विश्वविद्यालय का दौरा कर सकती है. बता दें कि मानव भारती विश्वविद्यालय के लिए आयोग ने एक अलग जांच कमेटी गठित की है.

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