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निष्ठा योजना के तहत प्रदेश के 354 टीचर्स को दिया गया प्रशिक्षण, ये है उद्देश्य

एनसीईआरटी की निष्ठा योजना के तहत प्रदेश के 354 टीचर्स को प्रैक्टिकल के जरिए स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने की ट्रेनिंग दी गई है. अब ये टीचर्स प्रदेश के 41000 शिक्षकों को ये प्रशिक्षण देंगे.

फाइल फोटो
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Published : Oct 24, 2019, 6:38 PM IST

शिमला: निष्ठा (नेशनल इनिशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीसर्च होलिस्टिक एडवांसमेंट) योजना के तहत प्रदेश के 354 टीचर्स को नए तरीकों की पठन-पाठन प्रक्रिया से के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. प्रदेश में 2 चरणों में एनसीईआरटी के विशेषज्ञों ने इन टीचर्स को रिसोर्स मास्टर की ट्रेनिंग दी है.

दूसरे चरण की ट्रेनिंग में 150 टीचर्स को ट्रेनिंग दी गई है. अब ये प्रशिक्षित टीचर स्कूलों में अन्य टीचर्स को भी टीचिंग के नए मेथड के बारे में बताएंगे. ट्रेनिंग में टीचर्स को स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए अधिक से अधिक प्रैक्टिकल को बढ़ावा देने की बात कही है.

वीडियो.

प्रैक्टिकल से छात्रों की पढ़ाई में जिज्ञासा बढ़ेगी और उनको चीजों को समझने में भी आसानी होगी. यही इस ट्रेनिंग का उद्देश्य है.15 अलग-अलग मॉड्यूल के तहत टीचर्स को ये ट्रेनिंग दी गई है. किया गया. इसके साथ ही शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए स्टडी मटेरियल भी एनसीईआरटी की ओर से उपलब्ध करवाया गया है.

इस ट्रेनिंग की खास बात ये है कि देशभर में एक ही पैटर्न पर शिक्षकों को ये ट्रेनिंग दी जा रही है. देश में 45 लाख शिक्षकों को एनसीईआरटी के विशेषज्ञ ये ट्रेनिंग दे रहे हैं. बता दें कि 354 टीचर्स प्रदेश के अन्य 41000 शिक्षकों ये ट्रेनिंग देंगे.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आज आवश्यकता है कि अंतरराष्ट्रीय देशों के साथ हम अपनी शिक्षा पद्धति को सामान्तर लाएं. इसके लिए एनसीईआरटी की ओर से शिक्षा में लर्निंग आउटकम पर फोकस करने के लिए शिक्षकों को ये ट्रेनिंग दी जा रही है. कार्यक्रम के समापन समारोह में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सभी टीचर्स को ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट देकर स्कूलों में टीचींग के नए मेथड को अपनाने की सलाह दी है.

शिमला: निष्ठा (नेशनल इनिशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीसर्च होलिस्टिक एडवांसमेंट) योजना के तहत प्रदेश के 354 टीचर्स को नए तरीकों की पठन-पाठन प्रक्रिया से के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. प्रदेश में 2 चरणों में एनसीईआरटी के विशेषज्ञों ने इन टीचर्स को रिसोर्स मास्टर की ट्रेनिंग दी है.

दूसरे चरण की ट्रेनिंग में 150 टीचर्स को ट्रेनिंग दी गई है. अब ये प्रशिक्षित टीचर स्कूलों में अन्य टीचर्स को भी टीचिंग के नए मेथड के बारे में बताएंगे. ट्रेनिंग में टीचर्स को स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए अधिक से अधिक प्रैक्टिकल को बढ़ावा देने की बात कही है.

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प्रैक्टिकल से छात्रों की पढ़ाई में जिज्ञासा बढ़ेगी और उनको चीजों को समझने में भी आसानी होगी. यही इस ट्रेनिंग का उद्देश्य है.15 अलग-अलग मॉड्यूल के तहत टीचर्स को ये ट्रेनिंग दी गई है. किया गया. इसके साथ ही शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए स्टडी मटेरियल भी एनसीईआरटी की ओर से उपलब्ध करवाया गया है.

इस ट्रेनिंग की खास बात ये है कि देशभर में एक ही पैटर्न पर शिक्षकों को ये ट्रेनिंग दी जा रही है. देश में 45 लाख शिक्षकों को एनसीईआरटी के विशेषज्ञ ये ट्रेनिंग दे रहे हैं. बता दें कि 354 टीचर्स प्रदेश के अन्य 41000 शिक्षकों ये ट्रेनिंग देंगे.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आज आवश्यकता है कि अंतरराष्ट्रीय देशों के साथ हम अपनी शिक्षा पद्धति को सामान्तर लाएं. इसके लिए एनसीईआरटी की ओर से शिक्षा में लर्निंग आउटकम पर फोकस करने के लिए शिक्षकों को ये ट्रेनिंग दी जा रही है. कार्यक्रम के समापन समारोह में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सभी टीचर्स को ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट देकर स्कूलों में टीचींग के नए मेथड को अपनाने की सलाह दी है.

Intro:अनिष्ठा योजना के तहत प्रदेश के 354 शिक्षक शिक्षा के नए तरीकों और पठन-पाठन कि नहीं प्रक्रिया से पूरी तरह से प्रशिक्षित हो चुके हैं। प्रदेश में 2 चरणों में एनसीईआरटी के विशेषज्ञों ने मास्टर की रिसोर्स पर्सन स्कोर को ट्रेनिंग दी है जिसका दूसरे चरण का समापन आज हुआ है। दूसरे चरण के ट्रेनिंग के समापन अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट बांटने के साथ ही शिक्षकों को ट्रेन में बताए गए टीचिंग के मेथड को स्कूलों में अपनाने और अन्य शिक्षकों को इसके बारे में बेहतर तरीके से प्रशिक्षण देने की बात भी कही।


Body:दूसरे चरण की ट्रेनिंग में 150 के करीब की रिसोर्स पर्सन को ट्रेंड किया गया है। अब यह 354 की रिसोर्स पर्सन प्रदेश के दूसरे 41 हजार शिक्षकों को शिक्षित करेंगे। बता की दूसरे चरण की इस ट्रेनिंग को 19 से 22 अक्टूबर तक शिक्षा निदेशालय में ही पूरा किया गया ओर इसका समापन आज 23 अक्टूबर को किया गया। छात्र कक्षाओं में प्रैक्टिकल कार्य कर चीजों को समझें और उनमें चीजों को जानने की जिज्ञासा पैदा हो यही इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य है। इसी को ध्यान में रखते हुए देशभर में शिक्षकों को यह ट्रेनिंग दी गई है। 15 अलग-अलग मॉड्यूल पर टीचर्स को ट्रेंड किया गया है। इसके साथ ही शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए स्टडी मैटीरियल भी एनसीईआरटी की ओर से उपलब्ध करवाया गया है। इस ट्रेनिंग की खास बात यह है कि देश भर में एक ही पैटर्न पर शिक्षकों को यह ट्रेनिंग दी जा रही है और देश भर में 45 लाख शिक्षकों को एनसीईआरटी के विशेषज्ञ ही यह ट्रेनिंग दे रहे है।


Conclusion:इस दौरान शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आज आवश्यकता है कि अंतरराष्ट्रीय देशों के साथ हम अपनी शिक्षा पद्धति को मिलाए। इसके लिए एनसीईआरटी की ओर से शिक्षा में लर्निंग आउटकम पर फोकस करने के लिए शिक्षकों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। देश भर में एक समान पैटर्न पर यह शिक्षा दी जा रही है। प्रदेश में भी 354 की रिसोर्स पर्सन को यह ट्रेनिंग दी गई है। शिक्षकों को भी लेटेस्ट तकनीक की जानकारी होना आवश्यक है तभी वह शिक्षकों को उस स्तर का ज्ञान दे पाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में नवीनतम तकनीकों और सकारात्मक बदलावों की आवश्यकता है जिससे छात्रों को मजबूत नींव प्रदान हो गया और उनका पूरी तरह से विकास होगा। शिक्षा मंत्री ने संस्कार युक्त और रचनात्मक शिक्षा पद्धति पर बल देते हुए कहा कि इससे विद्यार्थी और शिक्षक के बीच सीधा संवाद स्थापित होगा और विद्यार्थी वर्ग अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक व्यवसायिक शिक्षा पर बल दे रही है जिससे विद्यार्थियों को कौशल विकास रोजगार व स्वरोजगार मिल सके। शिक्षा मंत्री ने एनसीईआरटी को प्रशिक्षण कार्यक्रम में योगदान देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वह धरातल पर सकारात्मक प्रभाव और प्रदेश को शिक्षा में केरल राज्य का स्थान दिलाएं। इस आयोजन में प्रधान शिक्षा सचिव केके पंत सहित एनसीईआरटी के अधिकारी, समग्र शिक्षा के निदेशक आशीष कोहली सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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