शिमला: डीजल की कमी अब एचआरटीसी की बसों पर पड़ने लगी है. डीजल की कमी के के कारण 300 रूट बंद होने के कगार पर हैं. वहीं, 800 रूटों पर निगम घाटे पर बसें चलाने की बात कर रहा है. इन रूटों पर चल रही बसों से डीजल और रख रखाव का खर्च भी पूरा नहीं हो रहा. चालक-परिचालकों का वेतन और रात्रि ठहराव निगम अपने खाते से दे रहा है. पथ परिवहन निगम के शिमला डिविजन में 300 रूट बाधित हैं. कमाई कम होने से निगम प्रबंधन डीजल की सीमित मात्रा मंगवा रहा है.
इन दिनों शिमला के अलग-अलग डिपुओं में पिछले काफी समय से डीजल की कमी चली हुई है. ऐसे में ग्रामीण स्तर के कई डिपुओं में नए रूट ही शुरू नहीं किए गए हैं. वहीं, पुराने रूटों को बंद करने की योजना चल रही है. वहीं, लॉन्ग रूट पर बसों की आवाजाही को सुचारू किया गया है.
एचआरटीसी शिमला मंडल के मंडलीय प्रबंधक दलजीत सिंह का कहना है कि डीजल की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. लॉकडाउन के चलते पहले ही निगम घाटे में हैं. एचआरटीसी की एक दिन में करीब अढ़ाई करोड़ तक की कमाई होती थी. लॉकडाइन के बाद अब कमाई मात्र 80 से 90 लाख प्रतिदिन हो रही है. शिमला के आसपास के इलाकों की बात कि जाए तो यहां अधिकतर बसें बंद हैं, जिससे गांव में रहने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.