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नारी शक्ति को सलाम कर रहा शिक्षा विभाग, हर जिले में महिला शिक्षकों को मिली दो परीक्षा केंद्रों की जिम्मेदारी

हिमाचल के प्रत्येक जिला में दो ऐसे परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनका जिम्मा पूरी तरह से महिलाओं को दिया गया है.

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Published : Mar 7, 2019, 10:44 PM IST

महिला शिक्षकों को मिली दो परीक्षा केंद्रों की जिम्मेदारी

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की परीक्षाओं में बोर्ड ने इस मर्तबा प्रदेश में कुछ परीक्षा केंद्रों को महिला शिक्षकों के हवाले किया है. हिमाचल के प्रत्येक जिला में दो ऐसे परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनका जिम्मा पूरी तरह से महिलाओं को दिया गया है.
जिला कुल्लू का भुंतर व कटराई स्कूल भी इसमें शामिल हैं. इन परीक्षा केंद्रों में अधीक्षक से लेकर पर्यवेक्षक तक मात्र महिला शिक्षक ही सेवाएं दे रही हैं. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा लागू की गई इस योजना के अंतर्गत आने वाले सभी केंद्रों के नाम सावित्री बाई फुले के नाम पर आधारित हैं. प्रदेश सरकार का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की तरफ एक बेहतर प्रयास है.

kullu, 2 exam centers, women teachers, bhunter
महिला शिक्षकों को मिली दो परीक्षा केंद्रों की जिम्मेदारी
बता दें कि सावित्री बाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं. उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए. उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है. 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की. सावित्री बाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं.गौरतलब है कि सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया, जिन्होंने अपना जीवन विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित करने में दे दिया. वे एक कवियत्री भी थीं, उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था. यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने भी सावित्री बाई फुले के नाम पर प्रदेश के प्रत्येक जिले में दो परीक्षा केंद्र पूर्ण रूप से महिला शिक्षकों के हवाले किए हैं.जिला कुल्लू के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भुंतर व कटराई में बोर्ड परीक्षाओं के लिए स्थापित परीक्षा केंद्र भी बोर्ड की योजना सावित्री बाई फुले पर आधारित हैं. इन दोनों परीक्षा केंद्रों में महिला अधीक्षक व पर्यवेक्षक अपनी सेवाएं दे रही हैं. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भुंतर के प्रधानाचार्य हेम राज शर्मा ने बताया कि 5 मार्च से आरंभ हुई परीक्षाओं के लिए कुल्लू जिला के भुंतर व कटराई विद्याालय में सावित्री बाई फुले के नाम पर परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं व महिला शिक्षकों हवाले ही इन केंद्रों को किया गया है.
प्रधानाचार्य हेम राज शर्मा
हेमराज शर्मा ने बताया कि भुंतर विद्यालय में अंजू हाजरी ने परीक्षा अधीक्षिका और नीना कुमारी, विजय जम्बाल व सविता देवी ने केंद्र उन-अधिक्षिका के रूप में अपना-अपना कार्यभार संभाला है.

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की परीक्षाओं में बोर्ड ने इस मर्तबा प्रदेश में कुछ परीक्षा केंद्रों को महिला शिक्षकों के हवाले किया है. हिमाचल के प्रत्येक जिला में दो ऐसे परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनका जिम्मा पूरी तरह से महिलाओं को दिया गया है.
जिला कुल्लू का भुंतर व कटराई स्कूल भी इसमें शामिल हैं. इन परीक्षा केंद्रों में अधीक्षक से लेकर पर्यवेक्षक तक मात्र महिला शिक्षक ही सेवाएं दे रही हैं. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा लागू की गई इस योजना के अंतर्गत आने वाले सभी केंद्रों के नाम सावित्री बाई फुले के नाम पर आधारित हैं. प्रदेश सरकार का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की तरफ एक बेहतर प्रयास है.

kullu, 2 exam centers, women teachers, bhunter
महिला शिक्षकों को मिली दो परीक्षा केंद्रों की जिम्मेदारी
बता दें कि सावित्री बाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं. उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए. उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है. 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की. सावित्री बाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं.गौरतलब है कि सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया, जिन्होंने अपना जीवन विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित करने में दे दिया. वे एक कवियत्री भी थीं, उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था. यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने भी सावित्री बाई फुले के नाम पर प्रदेश के प्रत्येक जिले में दो परीक्षा केंद्र पूर्ण रूप से महिला शिक्षकों के हवाले किए हैं.जिला कुल्लू के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भुंतर व कटराई में बोर्ड परीक्षाओं के लिए स्थापित परीक्षा केंद्र भी बोर्ड की योजना सावित्री बाई फुले पर आधारित हैं. इन दोनों परीक्षा केंद्रों में महिला अधीक्षक व पर्यवेक्षक अपनी सेवाएं दे रही हैं. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भुंतर के प्रधानाचार्य हेम राज शर्मा ने बताया कि 5 मार्च से आरंभ हुई परीक्षाओं के लिए कुल्लू जिला के भुंतर व कटराई विद्याालय में सावित्री बाई फुले के नाम पर परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं व महिला शिक्षकों हवाले ही इन केंद्रों को किया गया है.
प्रधानाचार्य हेम राज शर्मा
हेमराज शर्मा ने बताया कि भुंतर विद्यालय में अंजू हाजरी ने परीक्षा अधीक्षिका और नीना कुमारी, विजय जम्बाल व सविता देवी ने केंद्र उन-अधिक्षिका के रूप में अपना-अपना कार्यभार संभाला है.

महिला शिक्षकों के हवाले कुल्लू जिला के दो बोर्ड परीक्षा केंद्र 
भुंतर स्कूल में महिला शिक्षकों की निगरानी में हो रही परीक्षा
कुल्लू 
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की परीक्षाओं में बोर्ड ने इस मर्तबा प्रदेश में कुछ परीक्षा केद्र पूर्णतयः महिला शिक्षको के हवाले किए हैं। जान हिमाचल के प्रत्येक जिला में दो ऐसे परीक्षा केंद्र स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा स्थापित किए गए हैं। जिनमें केवल महिला शिक्षक ही परीक्षा केंद्रों की निगरानी करेगी। जिला कुल्लू का भुंतर व कटराई स्कूल भी इसमें शामिल है।  इन परीक्षा केंदों में अधीक्षक से लेकर पर्यवेक्षक तक मात्र महिला शिक्षक ही सेवाएं दे रही है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा लागू की गई इस योजना के अंतर्गत आने वाले सभी केंद्रों के नाम सावित्री बाई फुले के नाम पर आधारित है। प्रदेश सरकार का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की तरफ एक बेहतर प्रयास है। गौर रहे कि सावित्री बाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है। 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। गौरतलब है कि सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया है जिसका उद्देश्य विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने भी सावित्री बाई फुले के नाम पर प्रदेश के प्रत्येक जिले में दो परीक्षा केंद्र पूर्ण रूप से महिला शिक्षकों के हवाले किए है। जिला कुल्लू के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भूंतर व कटराई में बोर्ड परीक्षाओं के लिए स्थापित परीक्षा केंद्र भी बोर्ड की योजना सावित्री बाई फुले पर आधारित है। इन दोनों परीक्षा केंद्रों में महिला अधीक्षक व पर्यवेक्षक अपनी सेवाएं दे रही है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भुंतर के प्रधानाचार्य हेम राज शर्मा ने बताया कि 5 मार्च से आरंभ हुई परीक्षाओं के लिए कुल्लू जिला के भूंतर व कटराई विद्याालय में सावित्री बाई फुले के नाम पर परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं तथा महिला शिक्षकों हवाले ही इन केंद्रों को किया गया है। हेमराज शर्मा ने बताया कि भूंतर विद्यालय में अंजू हाजरी ने परीक्षा अधीक्षिका और नीना कुमारी, विजय जम्बाल व सविता देवी ने केंद्र उन-अधिक्षिका के रूप में अपना-अपना कार्यभार संभाला है। 
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