शिमला: हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश ने बीते तीन माह में जमकर कहर मचाया है. बारिश से फलों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. मानसून सीजन से पहले हुई बेमौसम बारिश से प्रदेश में 192 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है. इसमें सबसे ज्यादा 92 करोड़ का नुकसान बागवानी क्षेत्र को पहुंचा है. जबकि कृषि फसलों को करीब 55 करोड़ का नुकसान हुआ है. बेमौसमी बारिश, आंधी तुफान और ओलावृष्टि से भारी नुकसान हो रहा है.
बेमौसम बारिश ने लगाई 192 करोड़ की चपत: हिमाचल में मौसम कहर बनकर बरस रहा है. प्री-मानसून सीजन यानी मार्च से अब तक के तीन माह में ही हिमाचल को 192 करोड़ की चपत लग चुकी है. बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि से बागवानी और कृषि को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. इन दोनों क्षेत्रों को 147 करोड़ का नुकसान हुआ है. इनमें बागवानी क्षेत्र के तहत सेब और स्टोन फ्रूड के अलावा अन्य फलों को करीब 92 करोड़ की क्षति अबकी बार इस मौसम ने पहुंचाई है. फलों का सबसे अधिक 59.02 करोड़ का नुकसान शिमला जिला में हुआ है.
भारी बारिश से कई जिलों में नुकसान: वहीं, कुल्लू जिला में करीब 9.44 करोड़ का नुकसान इस दौरान हुआ है. जबकि मंडी में करीब 6.91 करोड़ का नुकसान बागवानी को हुआ है. इसके अलावा किन्नौर जिला में 6.87 करोड़ का नुकसान फलों को हुआ है. कांगड़ा जिला में 3.76 करोड़ और बिलासपुर जिला में 2.32 करोड़ का नुकसान मौसम से इस बार हुआ है. अन्य जिलों में 19 लाख से 89 लाख तक का नुकसान हुआ है.
55 करोड़ की कृषि फसलें तबाह: मानसून से पहले बारिश और ओलावृष्टि ने 55 करोड़ की कृषि फसलों, सब्जियों आदि को तबाह किया है. इसमें भी शिमला जिला में सबसे अधिक 23.30 करोड़ का नुकसान मौसम ने किया है. ऊना जिला में 11.54 करोड़ से अधिक का नुकसान कृषि फसलों को हुआ है. बिलासपुर में भी करीब 4.68 करोड़ का नुकसान आंका गया है. कांगड़ा जिले में भी करीब 8.15 करोड़ की फसलें तबाह हुई हैं. जबकि सिरमौर जिला में कृषि को करीब 2.62 करोड़ और सोलन जिला में करीब 1.61 करोड़ का नुकसान इस मौसम ने पहुंचाया है. मंडी जिला में 1.26 करोड़, किन्नौर जिला में 1.21 करोड़ और हमीरपुर में 1.17 करोड़ का नुकसान फसलों को इस दौरान हुआ है.
205 मकान और 98 गौशालाएं क्षतिग्रस्त: भारी बारिश से प्रदेश में 45 मकान पूरी तरह से जबकि 160 मकान आंशिंक तौर पर क्षतिग्रस्त हुई हैं. बारिश से जो 45 मकान पूरी तरह तबाह हुए. उनमें 7 पक्के मकान और 38 कच्चे मकान शामिल हैं. इनके अलावा 160 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है, जिनमें 50 पक्के मकान और 110 कच्चे मकान शामिल हैं. इनके अलावा 22 मजदूरों के शेड को भी ढहे हैं. 98 पशुशालाएं भी इस दौरान बारिश से जमींदोज हो गईं.
तीन माह में 299 लोगों की गई जानें: डिजास्टर मैनेजमेंट आथोरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछली तीन माह में प्रदेश में 287 लोगों की जानें गई हैं. जिनमें 208 जानें सड़क हादसों में हुई हैं. 5 लोगों की मौत भूस्खलन में दबने की वजह से हुई है. 15 लोगों की पानी में डूबने से मौत हुई है. इस दौरान आग से 4 और करंट लगने से 6 जानें गई हैं. पहाड़ी या अन्य जगहों से गिरने से 53 लोगों की जान इस दौरान गई हैं. जबकि 8 मौतें अन्य कारणों से इस दौरान हुई हैं. तीन लोग इस दौरान लापता भी हुए. वहीं, इस दौरान 215 पशुओं की भी मौत हुई है. सरकारी संपत्तियों को भी बारिश से नुकसान हुआ है. जलशक्ति विभाग को करीब 24.18 करोड़ का नुकसान इस अवधि में हुआ है.
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