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हिल्स क्वीन शिमला में तैयार होगा 15 स्टेशन जोड़ने वाला रोपवे नेटवर्क, डेढ़ हजार करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट

हिमाचल प्रदेश की हिल्स क्वीन शिमला में अब जल्द ही 15 स्टेशनों को रोपवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. जिसपर डेढ़ हजार करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Mar 24, 2023, 9:05 PM IST

शिमला: देश-विदेश में विख्यात पर्यटन स्थल शिमला में 15 स्टेशनों को रोपवे से जोड़ा जाएगा. इसके लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए से अधिक की रकम का प्रोजेक्ट है. सीएम सुखविंदर सिंह के अनुसार शिमला इनोवेटिव अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे नामक इस प्रोजेक्ट के तहत 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला 14.13 किलोमीटर रोपवे नेटवर्क तैयार किया जाएगा. शिमला में एक मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह ने बताया कि यह शहरी रोपवे परियोजना दुनिया में अपनी तरह की दूसरी और भारत की पहली परियोजना होगी.

शुक्रवार को शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस संदर्भ में न्यू डवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की. एनडीबी के महानिदेशक डॉ. डीजे पांडियन की अगुवाई में शिमला आए प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग में शिमला इनोवेटिव अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे प्रोजेक्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस परियोजना के लिए राज्य सरकार हरसंभव मदद प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि इस साल नवंबर के अंत तक इस परियोजना के लिए बहुपक्षीय वित्तपोषण की मंजूरी में तेजी लाई जाए.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन ट्रांस्पोर्ट के लिए बड़े पैमाने पर योजनाओं पर काम किया जा रहा है. इससे शहरों में गाड़ियों की भीड़ कम करने के अलावा नए क्षेत्रों से बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटन क्षमता को विकसित करने में सहायता मिलेगी.उन्होंने कहा कि करीब 1546.40 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के शिमला इनोवेटिव अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे प्रोजेक्ट के तहत 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला 14.13 किलोमीटर रोपवे नेटवर्क तैयार किया जाएगा. इससे शिमला शहर में वाहनों की भीड़-भाड़ कम करने में सहायता मिलेगी.

उन्होंने कहा कि रोप-वे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने इस परियोजना की डीपीआर यानी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में काफी सफलता हासिल कर ली है. इसका ड्रोन सर्वेक्षण भी करीब-करीब पूरा हो चुका है. ट्रैफिक सर्वेक्षण अगले महीने 12 तारीख तक पूरा करने का लक्ष्य रक्षा गया है. उन्होंने कहा कि जियो-टेक परीक्षण और ईएसआईए अध्ययन प्रक्रिया अभी जारी है, जिसकी डीपीआर की काम इस साल 30 जून तक पूरा होने की संभावना है. मीटिंग में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने न्यू डेवलपमेंट बैंक की तरफ से वित्तपोषित जल शक्ति विभाग की परियोजनाओं पर चर्चा की.

ये भी पढ़ें: अदालत पहुंचा CPS की नियुक्ति का मामला, हाई कोर्ट ने जारी किया सरकार को नोटिस, 21 अप्रैल को सुनवाई

शिमला: देश-विदेश में विख्यात पर्यटन स्थल शिमला में 15 स्टेशनों को रोपवे से जोड़ा जाएगा. इसके लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए से अधिक की रकम का प्रोजेक्ट है. सीएम सुखविंदर सिंह के अनुसार शिमला इनोवेटिव अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे नामक इस प्रोजेक्ट के तहत 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला 14.13 किलोमीटर रोपवे नेटवर्क तैयार किया जाएगा. शिमला में एक मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह ने बताया कि यह शहरी रोपवे परियोजना दुनिया में अपनी तरह की दूसरी और भारत की पहली परियोजना होगी.

शुक्रवार को शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस संदर्भ में न्यू डवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की. एनडीबी के महानिदेशक डॉ. डीजे पांडियन की अगुवाई में शिमला आए प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग में शिमला इनोवेटिव अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे प्रोजेक्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस परियोजना के लिए राज्य सरकार हरसंभव मदद प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि इस साल नवंबर के अंत तक इस परियोजना के लिए बहुपक्षीय वित्तपोषण की मंजूरी में तेजी लाई जाए.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन ट्रांस्पोर्ट के लिए बड़े पैमाने पर योजनाओं पर काम किया जा रहा है. इससे शहरों में गाड़ियों की भीड़ कम करने के अलावा नए क्षेत्रों से बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटन क्षमता को विकसित करने में सहायता मिलेगी.उन्होंने कहा कि करीब 1546.40 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के शिमला इनोवेटिव अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे प्रोजेक्ट के तहत 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला 14.13 किलोमीटर रोपवे नेटवर्क तैयार किया जाएगा. इससे शिमला शहर में वाहनों की भीड़-भाड़ कम करने में सहायता मिलेगी.

उन्होंने कहा कि रोप-वे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने इस परियोजना की डीपीआर यानी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में काफी सफलता हासिल कर ली है. इसका ड्रोन सर्वेक्षण भी करीब-करीब पूरा हो चुका है. ट्रैफिक सर्वेक्षण अगले महीने 12 तारीख तक पूरा करने का लक्ष्य रक्षा गया है. उन्होंने कहा कि जियो-टेक परीक्षण और ईएसआईए अध्ययन प्रक्रिया अभी जारी है, जिसकी डीपीआर की काम इस साल 30 जून तक पूरा होने की संभावना है. मीटिंग में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने न्यू डेवलपमेंट बैंक की तरफ से वित्तपोषित जल शक्ति विभाग की परियोजनाओं पर चर्चा की.

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