शिमला: हिमाचल में स्क्रब टाइफस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. वहीं, स्क्रब टाइफस से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. मंगलवार को स्क्रब टाइफस से एक और मौत हुई है. सोलन के 50 वर्षीय व्यक्ति ने दम तोड़ दिया है. जिसके बाद आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से मरने वालों की संख्या 11 पहुंच गई है, जबकि प्रदेश में 12 मौत स्क्रब टाइफस से हो चुकी हैं. इसके अलावा मंगलवार को स्क्रब टाइफस के 34 सैंपल की जांच की गई, जिनमें 8 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. आईजीएमसी में अब तक स्क्रब टाइफस के 1179 सैंपलों की जांच की जा चुकी है. जिनमें 368 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
इसके अलावा आईजीएमसी अस्पताल में मंगलवार को पीलिया के 4 सैंपल लिए गए, जिनमें 1 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वहीं, अब तक पीलिया के 265 सैंपलों की जांच की गई है, जिनमें 109 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
स्क्रब टाइफस से बचाव बेहद जरूरी है. लोग सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें और कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. मरीजों को डॉक्सीसाइक्लिन और एजिथ्रोमाइसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरुआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि मरीजों की मौत हो जाती है. स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखने पर तुरन्त डॉक्टर से चेकअप करवाएं- डॉ. बलवीर वर्मा, IGMC में मेडिसिन विभाग के एचओडी
क्या होता है स्क्रब टाइफस?: स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच ना जाएं, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि आगामी दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है.
स्क्रब टाइफस के मुख्य लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार जिसमें 104 से 105 तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना, अधिक संक्रमण में गर्दन बाजू कूल्हों के नीचे गिल्टियां का होना आदि इसके लक्षण हैं.