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HPU में अकादमिक स्तर बढ़ाने की कवायद, VC बोले- शैक्षणिक विभागों में होगी वर्चुअल क्लासरूम

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Published : Aug 25, 2021, 6:02 PM IST

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में सिर्फ तीन वर्ष के अल्प समय में 12 नए शैक्षणिक विभाग शुरू हुए और 153 शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही शोध कार्यों को गति देने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए. इस वर्ष शुरू किए गए नए विभागों में डाटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फॉरेंसिक साइंस, पुरातत्व एवं प्राचीन इतिहास और पापुलेशन स्टडीज विभाग शामिल हैं.

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शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) को देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में शामिल कराने के लिए जोरदार कवायद चल रही है. विश्वविद्यालय में सिर्फ तीन वर्ष के अल्प समय में 12 नए शैक्षणिक विभाग (Academic Department) शुरू हुए और 153 शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही शोध कार्यों को गति देने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए. प्रदेश सरकार का इसमें पूरा सहयोग है.

कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने बताया कि हर शैक्षणिक विभाग में एक अत्याधुनिक वर्चुअल क्लासरूम (virtual classroom) बनाने और सभी शिक्षकों को लैपटॉप देने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इससे ऑनलाइन पढ़ाई का स्तर मजबूत किया जा सकेगा. सभी शिक्षकों को नया फर्नीचर भी दिया जा रहा है. विश्वविद्यालय परिसर को दिसंबर 2019 में ही वाई-फाई सुविधा (Wi-Fi facility) से लैस कर दिया गया था. विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी का डिजिटाइजेशन (Digitization) कर दिया गया है. उच्च गुणवत्ता के शोध को बढ़ावा देने के लिए हर शिक्षक को 50 हजार रुपए की प्रोजेक्ट फंडिंग और हर विभाग को अकादमिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए एक लाख रुपए की ग्रांट की ग्रांट भी शुरू की गई है.

कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में वर्ष 2019 में यूनवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सिविल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और अप्लाइड साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज विभागों की शुरुआत की गई. पिछले वर्ष डिफेंस स्टडीज, लाइब्रेरी साइंस(यूजी एवं पीजी), एनवायरमेंट साइंस और माइक्रोबायोलॉजी विभाग खोले गए. इस वर्ष शुरू किए गए नए विभागों में डाटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फॉरेंसिक साइंस, पुरातत्व एवं प्राचीन इतिहास और पापुलेशन स्टडीज विभाग शामिल हैं. यही नहीं, विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक विभागों में 80 प्रतिशत पाठ्यक्रम अपडेट कर दिया गया है. तीन वर्ष के अल्प कार्यकाल में 12 नए शैक्षणिक विभाग खोलना और 153 शिक्षकों की नियुक्ति भी अपने आप में एक कीर्तिमान है.

विश्वविद्यालय के शिक्षकों को पीएचडी करने का अवसर देने के लिए हर विभाग में उनके लिए प्रतिवर्ष एक-एक सीट आरक्षित कर दी गई है. यही नहीं, विश्वविद्यालय के मॉडल स्कूल का दर्जा बढ़ाकर 12वीं कक्षा तक कर दिया गया है. वहां नया भवन और प्रयोगशाला भी बनाई गई है.

ये भी पढे़ं- 26 अगस्त को सरकाघाट के दौरे पर रहेंगे CM, करोड़ों रुपये की विकास योजनाओं का करेंगे उद्घाटन

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) को देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में शामिल कराने के लिए जोरदार कवायद चल रही है. विश्वविद्यालय में सिर्फ तीन वर्ष के अल्प समय में 12 नए शैक्षणिक विभाग (Academic Department) शुरू हुए और 153 शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही शोध कार्यों को गति देने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए. प्रदेश सरकार का इसमें पूरा सहयोग है.

कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने बताया कि हर शैक्षणिक विभाग में एक अत्याधुनिक वर्चुअल क्लासरूम (virtual classroom) बनाने और सभी शिक्षकों को लैपटॉप देने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इससे ऑनलाइन पढ़ाई का स्तर मजबूत किया जा सकेगा. सभी शिक्षकों को नया फर्नीचर भी दिया जा रहा है. विश्वविद्यालय परिसर को दिसंबर 2019 में ही वाई-फाई सुविधा (Wi-Fi facility) से लैस कर दिया गया था. विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी का डिजिटाइजेशन (Digitization) कर दिया गया है. उच्च गुणवत्ता के शोध को बढ़ावा देने के लिए हर शिक्षक को 50 हजार रुपए की प्रोजेक्ट फंडिंग और हर विभाग को अकादमिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए एक लाख रुपए की ग्रांट की ग्रांट भी शुरू की गई है.

कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में वर्ष 2019 में यूनवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सिविल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और अप्लाइड साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज विभागों की शुरुआत की गई. पिछले वर्ष डिफेंस स्टडीज, लाइब्रेरी साइंस(यूजी एवं पीजी), एनवायरमेंट साइंस और माइक्रोबायोलॉजी विभाग खोले गए. इस वर्ष शुरू किए गए नए विभागों में डाटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फॉरेंसिक साइंस, पुरातत्व एवं प्राचीन इतिहास और पापुलेशन स्टडीज विभाग शामिल हैं. यही नहीं, विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक विभागों में 80 प्रतिशत पाठ्यक्रम अपडेट कर दिया गया है. तीन वर्ष के अल्प कार्यकाल में 12 नए शैक्षणिक विभाग खोलना और 153 शिक्षकों की नियुक्ति भी अपने आप में एक कीर्तिमान है.

विश्वविद्यालय के शिक्षकों को पीएचडी करने का अवसर देने के लिए हर विभाग में उनके लिए प्रतिवर्ष एक-एक सीट आरक्षित कर दी गई है. यही नहीं, विश्वविद्यालय के मॉडल स्कूल का दर्जा बढ़ाकर 12वीं कक्षा तक कर दिया गया है. वहां नया भवन और प्रयोगशाला भी बनाई गई है.

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