शिमला : प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालाें और मेडिकल कॉलेजाें में फ्री मिलने वाली नई जरूरी दवाओं (असेंशियल ड्रग) की लिस्ट जारी कर दी है. इसमें 119 दवाओं की बढ़ाेतरी की गई. यह दवाएं प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में मिलेंगी. जानकारी के मुताबिक अभी तक मरीजाें काे 330 दवाएं फ्री दी जा रही थी.
आईजीएमसी प्रशासन ने फैसला लिया महिलाओं को होने वाले ब्रेस्ट कैंसर और बच्चे दानी के मुंह के कैंसर से भी बहुत महिलाएं पीड़ित रहती हैं.उन्हें महंगे इलाज के लिए भटकना पड़ता है, ऐसे में सीएम के आदेश के अनुसार आईजीएमसी प्रशासन ब्रेस्ट कैंसर और बच्चे दानी के मुंह के कैंसर की दवा मुफ्त देगा.
सरकार ने गंभीर बीमारियाें की लगभग सभी दवाएं इसमें कवर की गई हैं. मेडिकल कॉलेजाें में आने वाले मरीजाें काे लगभग सभी बीमारियाें की दवाएं फ्री मिलेंगी, हालांकि जाेनल अस्पतालाें में 330 और पीएचसी, सीएचसी में 66 दवाएं फ्री दी मिलेंगी. दवाएं न मिलने पर 104 टोल फ्री शिकायत नंबर भी जारी किया गया है.
मेडिकल कॉलेजाें में फ्री दवाओं की बढ़ाेतरी
मेडिकल कॉलेजाें में फ्री दवाओं की बढ़ाेतरी की गई. जब मरीज काे सीएचसी या जाेनल अस्पताल में दवाएं खाने से फायदा नहीं मिलता ताे उसे मेडिकल कालेज में रेफर किया जाता है. इससे सबसे बड़ा फायदा यह हाेगा कि रेफर मरीजाें काे हाई लेवल की दवाओं की जरूरत रहती है. जिससे तुरंत असर हाे सके. अब नई लिस्ट में ज्यादातर वहीं दवाएं हैं,जाे मरीज काे गंभीर बीमारी में भी तुरंत असर करती हैं. इसमें कई ऐसी दवाएं हैं जाे बहुत जरूरी हाेती है, मगर यह उस लिस्ट से बाहर थी जाे फ्री मिलनी चाहिए थी. मधुमेह, हार्ट, ब्रेन, किडनी, कैंसर, टीवी, लीवर की कई दवाएं मरीजाें काे खरीद करनी पड़ रही थी. मगर अब सरकार ने ज्यादातर दवाएं क्राेनिकल डिजिज की इसमें रखी. जाे मरीजाें काे काफी महंगी मिलती थी, लेकिन अब भी फ्री मिलेगी.
यह दवाएं मिलेंगी फ्री
टेबलेट एजेथ्राेप्रिन, ओलांजापाइन, ओक्साजेंम्पाइन, पिरसेटम, टेरबिनफिन, माॅक्सूनाडाइन, प्लाज्मा वाल्यूम एक्पेंडर, पैरासिटामाेल, क्लीथाेडाइन, राेज्यूवैस्लेशन, कैप्सूल साइक्लाेसुप्रीन, हाइड्राेएक्सूरिया, वैलीक्लेवर, फ्यूसिडिक एसिड क्रीम, मुप्रीसिनओनिटमेंट, एस्ट्रीसिन, डिस्प्रिन, एप्रीजाेसिन, इंजेक्शन वैक्यूरिज्म, इंजेक्शन भूपिनेसाइनहैवी, इंजेक्शन डाॅक्सिटैक्सल समेत कई जरूरी दवाएं हैं जाे मेडिकल कालेजाें में फ्री दी जाएंगी.
अस्पतालों में होती 30 हजार ओपीडी
प्रदेश सरकार ने मरीजों की सुविधा के लिए सरकारी अस्पतालों में 330 दवाएं फ्री की हैं, जो हर मेडिकल कालेज में मिल रही, ऐसे में मरीजों को अब अस्पतालों में दवाओं का खर्च नहीं उठाना पड़ता. इसके अलावा कई तरह के टेस्ट फ्री होने से मरीजों के पैसे बच रहे हैं. प्रदेश के अस्पतालों में रोजाना 20 से 30 हजार करीब ओपीडी होती है. आईजीएमसी शिमला में 3 हजार मरीज रोजाना चेकअप के लिए आते हैं. इसके अलावा कमला नेहरू अस्पताल, टांडा मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा मरीज रोजाना इलाज के लिए पहुंचते हैं.
सरकार कई मरीजाें के टेस्ट भी फ्री करवा रही है. इसमें मलेरिया, डेंगू, टीबी, स्क्रब टाइफस, मिसिल्स, चिकनपॉक्स, चिकनगुनिया, एंट्रीक फीवर, एक्यूट एंटीफेलाइटस सिंड्रोम, फीवर ऑफ अननॉन आर्गेन, डिप्थेरिया, परट्यूसिस, एआरआई इंफ्लूएंजा लाइक इल्लनैस, वॉयरल हैपेटाइटस, लैप्थॉसपाइरैसिस, पैरालाइसिस, डॉग बाइट, स्नैक बाइट, कैंसर, एचआईवी, ऑल बीपीएल फैमिली समेत कई अन्य कैटेगरी हैं.
सरकार के आदेशों का पालन
आइजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ राहुल गुप्ता ने बताया मुख्यमंत्री के आदोश के बाद विभाग ने नई असेंशियल ड्रग लिस्ट जारी की. पहले 330 दवाएं आइजीएमसी में फ्री मिलती थी, मगर अब 540 दवाएं फ्री मिलेगी. इसमें गंभीर बीमारियाें जैसे मधुमेह, हार्ट, ब्रेन, किडनी, कैंसर, मिर्गी, टीवी की दवाओं में बढ़ाेतरी की गई है. इससे अब मरीजाें काे काफी फायदा मिलेगा. उन्हें बाजार से दवाएं खरीदने के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे.
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