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बंदरों को पकड़ने के लिए लोगों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, अब तक 1.57 लाख बंदरों की हो चुकी है नसबंदी

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Published : Dec 3, 2019, 8:22 PM IST

प्रदेश के आठ बंदर नसबंदी केंद्रों में वन विभाग अब तक एक लाख 57 हजार बंदरों की नसबंदी कर चुका है. भविष्य में विभाग बंदरों को पकड़ने के लिए लोगों को भी उचित प्रशिक्षण देगा.

monkey problem in himachal
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शिमला: हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्य प्राणी विंग ने शिमला में 'ह्यूमन वाइल्ड लाइफ कॉन्फ्लिक्ट' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला में मानव और बंदरों के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करने के प्रयासों पर विचार-विमर्श किया गया.

वन, परिवहन व युवा खेल मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिए लोगों की भागीदारी आवश्यक है. प्रदेश में बंदरों की समस्या के समाधान के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को बंदरों की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए इस समस्या का कारगर तरीका नसबंदी है.

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प्रदेश के आठ बंदर नसबंदी केंद्रों में वन विभाग अब तक एक लाख 57 हजार बंदरों की नसबंदी कर चुका है. भविष्य में विभाग बंदरों को पकड़ने के लिए स्थानीय लोगों को भी उचित प्रशिक्षण देगा. उन्होंने कहा कि बन्दरों को पकड़ने के लिए दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रति बंदर किया जाएगा.वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश की 548 पंचायतें बन्दरों के लिए अति संवेदनशील हैं. इन पंचायतों में जाकर लोगों के बंदरों के पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

शिमला: हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्य प्राणी विंग ने शिमला में 'ह्यूमन वाइल्ड लाइफ कॉन्फ्लिक्ट' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला में मानव और बंदरों के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करने के प्रयासों पर विचार-विमर्श किया गया.

वन, परिवहन व युवा खेल मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिए लोगों की भागीदारी आवश्यक है. प्रदेश में बंदरों की समस्या के समाधान के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को बंदरों की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए इस समस्या का कारगर तरीका नसबंदी है.

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प्रदेश के आठ बंदर नसबंदी केंद्रों में वन विभाग अब तक एक लाख 57 हजार बंदरों की नसबंदी कर चुका है. भविष्य में विभाग बंदरों को पकड़ने के लिए स्थानीय लोगों को भी उचित प्रशिक्षण देगा. उन्होंने कहा कि बन्दरों को पकड़ने के लिए दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रति बंदर किया जाएगा.वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश की 548 पंचायतें बन्दरों के लिए अति संवेदनशील हैं. इन पंचायतों में जाकर लोगों के बंदरों के पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

Intro:प्रदेश में 1.57 लाख बन्दरों की नसबन्दी की गई: वन मंत्री

हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्य प्राणी विंग ने आज यहां में ‘हयूम्न वाईल्ड लाईफ काॅन्फलिकट’ (मानव-वानर) विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में मानव और वानर के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करने के प्रयासों पर विचार-विमर्श किया गया।

Body:वन, परिवहन एवं युवा खेल मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिए लोगों की भागीदारी आवश्यक है। प्रदेश में वानरों की समस्या के समाधान के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। नगर इकाइयों के माध्यम से इन प्रयासों को लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि किसानों को बन्दरों की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए इस समस्या का कारगर तरीका नसबंदी है। प्रदेश के आठ वानर नसबन्दी केन्दों में वन विभाग अब तक एक लाख 57 हजार वानरों की नसबन्दी कर चुका है। वन विभाग बन्दरों को पकड़ने के लिए स्थानीय लोगों को भी उचित प्रशिक्षण देगा। उन्होंने कहा कि बन्दरों को पकड़ने के लिए दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रति बन्दर दिया जाएगा।

वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश की 548 पंचायतें बन्दरों के लिए अति संवेदनशील हैं और इन पंचायतों में भी इस प्रकार की बैठकों का आयोजन किया जाए ताकि लोगों को बन्दरों को पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जा सके।

Conclusion:उन्होंने प्रधानमंत्री की स्वच्छता की सोच को आगे बढ़ाने की दिशा में भी कार्य करने को कहा क्योंकि इससे काफी हद तक बन्दरों की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जंगलों में फलदार वृक्ष लगाके हम बन्दरों को जंगलों में ही आहार की सुविधा प्रदान कर सकते हंै और इस प्रकार बन्दर जंगलों को छोड़ शहरांे की तरफ नहीं आएंगे।
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