शिमला: हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्य प्राणी विंग ने शिमला में 'ह्यूमन वाइल्ड लाइफ कॉन्फ्लिक्ट' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला में मानव और बंदरों के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करने के प्रयासों पर विचार-विमर्श किया गया.
वन, परिवहन व युवा खेल मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिए लोगों की भागीदारी आवश्यक है. प्रदेश में बंदरों की समस्या के समाधान के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को बंदरों की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए इस समस्या का कारगर तरीका नसबंदी है.
प्रदेश के आठ बंदर नसबंदी केंद्रों में वन विभाग अब तक एक लाख 57 हजार बंदरों की नसबंदी कर चुका है. भविष्य में विभाग बंदरों को पकड़ने के लिए स्थानीय लोगों को भी उचित प्रशिक्षण देगा. उन्होंने कहा कि बन्दरों को पकड़ने के लिए दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रति बंदर किया जाएगा.वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश की 548 पंचायतें बन्दरों के लिए अति संवेदनशील हैं. इन पंचायतों में जाकर लोगों के बंदरों के पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.