शिमला: राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में प्री-लिटिगेशन (पूर्व मुकदमेबाजी) और पोस्ट-लिटिगेशन (मुकदमेबाजी के बाद) मामलों के लिए प्रदेश के सभी न्यायालयों में किया गया. इनमें रिकार्ड ऑनलाइन व ऑफलाइन मामलों की सुनवाई हुई. हिमाचल में कुल 1,13670 मामले सुनवाई के लिए लाए गए और 61,804 का मौके पर निपटारा किया गया. राज्य में 133 बेंचों में मामलों की सुनवाई हुई, जिसमें 86 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया. इनमे कई वर्षों से लंबित मामलों का मौके पर निपटारा किया गया. (rashtriya Lok Adalat in Himachal) (State Legal Services Authority)
बड़ी संख्या में मामलों को निपटाने के लिए प्रदेश भर में 133 लोक अदालत बेंचों का गठन किया गया था. यह लोक अदालत प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एए सईद की देखरेख में आयोजित की गई. एए सईद राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक भी हैं. इसके अलावा प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायाधीश सबीना के मार्गदर्शन में लोक अदालत लगाई गई. न्यायाधीश सबीना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
हिमाचल में लोगों की सुविधा के लिए पहली बार विशेष आनलाइन लोक अदालत लगी. इस विशेष अदालत के दौरान आम जनता को कंपाउंडिंग फीस या जुर्माने के आनलाइन भुगतान के लिए सुविधा दी गई, इससे वे लोग कंपाउंडिंग अथारिटी या कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए बिना जुर्माने का भुगतान आसानी से घर बैठे कर सके.
ये भी पढ़ें- जी-20 की अध्यक्षता, हमारे लिए एक बड़ा अवसर: पीएम मोदी
लोक अदालतों में रिकॉर्ड केस निपटाए गए: हिमाचल प्रदेश में पहली बार लोक अदालतों में इतिहास रचकर रिकॉर्ड 61,804 केस निपटाए गए. इसमें ऑफलाइन 50175 और ऑनलाइन 11629 मामले निपटाए गए. लोक अदालतों के लिए 4.26 लाख मामले चिह्नित किए गए थे. इनमें 1,13,670 मामलों की एक साथ सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने जुर्माने के तौर पर लोगों से करीब ₹86 करोड़ वसूले.