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डाइट में लगाई गई शून्य लागत शिक्षण सामग्री की प्रदर्शनी, शिक्षा को रोचक बनाना है उद्देश्य - Zero Cost Teaching Learning Materials Exhibition in mandi

इस मौके पर जिला परियोजना अधिकारी बलवीर भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा का रुचि पूर्ण और अनुभवात्मक होना आवश्यक है, क्योंकि एक सच्चा शिक्षक वह होता है जो अपने छात्रों को पुस्तक से नहीं दिल से पढ़ाता है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि छात्र शिक्षा को किताबों के पन्नों तक सिमटा हुआ नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा हुआ ज्ञान को समझें. बता दें कि इस तरह की शिक्षा में विद्यार्थी भी रुचि लेते हैं. खेल-खेल में आसानी से कठिन चीजों को समझ जाते हैं. इसके लिए शिक्षकों को पहले प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

Zero Cost Teaching Learning Materials Exhibition in mandi, डाइट में लगाई गई शून्य लागत शिक्षण अधिगम सामग्री प्रदर्शनी
डाइट में लगाई गई शून्य लागत शिक्षण अधिगम सामग्री प्रदर्शनी
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Published : Jan 7, 2020, 7:04 PM IST

मंडी: प्रदेश में सभी स्कूलों तक शिक्षा को पहुंचाने और शिक्षा को अधिक रोचक बनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंडी डाइट संस्थान में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसके तहत जिला भर के 22 ब्लॉकों के 102 अध्यापकों ने शून्य लागत शिक्षण सामग्री की प्रदर्शनी लगाई.

Zero Cost Teaching Learning Materials Exhibition in mandi, डाइट में लगाई गई शून्य लागत शिक्षण अधिगम सामग्री प्रदर्शनी
डाइट में लगाई गई शून्य लागत शिक्षण अधिगम सामग्री प्रदर्शनी

इस कार्यक्रम में एडीएम मंडी श्रवण मांटा ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की व प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. इस मौके पर जिला परियोजना अधिकारी बलवीर भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा का रुचि पूर्ण और अनुभवात्मक होना आवश्यक है, क्योंकि एक सच्चा शिक्षक वह होता है जो अपने छात्रों को पुस्तक से नहीं दिल से पढ़ाता है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि छात्र शिक्षा को किताबों के पन्नों तक सिमटा हुआ नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा हुआ ज्ञान को समझें.

वीडियो.

बलवीर भारद्वाज ने बताया कि बताया कि मंडी जिला के 22 ब्लॉक से आए हुए अध्यापकों ने वेस्ट मटेरियल से बनाए गए सामान की प्रदर्शनी लगाई गई है. जिससे बच्चों को पढ़ाने के अलग-अलग तरीके बताए गए हैं. कई स्कूलों में इस प्रकार से शिक्षा भी दी जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से को शिक्षा को सरलता पूर्वक समझने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य ही शिक्षा को सरल व भावात्मक बनाना है जिससे बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों में भी एक नई ऊर्जा भरी जा सके. बता दें कि इस तरह की शिक्षा में विद्यार्थी भी रुचि लेते हैं. खेल-खेल में आसानी से कठिन चीजों को समझ जाते हैं. इसके लिए शिक्षकों को पहले प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

ये भी पढ़ें- स्किल यात्रा के एडवांस्ड टूल्स युक्त वैन पहुंची धर्मशाला, स्कूली बच्चों को दी गई ट्रेनिंग

मंडी: प्रदेश में सभी स्कूलों तक शिक्षा को पहुंचाने और शिक्षा को अधिक रोचक बनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंडी डाइट संस्थान में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसके तहत जिला भर के 22 ब्लॉकों के 102 अध्यापकों ने शून्य लागत शिक्षण सामग्री की प्रदर्शनी लगाई.

Zero Cost Teaching Learning Materials Exhibition in mandi, डाइट में लगाई गई शून्य लागत शिक्षण अधिगम सामग्री प्रदर्शनी
डाइट में लगाई गई शून्य लागत शिक्षण अधिगम सामग्री प्रदर्शनी

इस कार्यक्रम में एडीएम मंडी श्रवण मांटा ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की व प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. इस मौके पर जिला परियोजना अधिकारी बलवीर भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा का रुचि पूर्ण और अनुभवात्मक होना आवश्यक है, क्योंकि एक सच्चा शिक्षक वह होता है जो अपने छात्रों को पुस्तक से नहीं दिल से पढ़ाता है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि छात्र शिक्षा को किताबों के पन्नों तक सिमटा हुआ नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा हुआ ज्ञान को समझें.

वीडियो.

बलवीर भारद्वाज ने बताया कि बताया कि मंडी जिला के 22 ब्लॉक से आए हुए अध्यापकों ने वेस्ट मटेरियल से बनाए गए सामान की प्रदर्शनी लगाई गई है. जिससे बच्चों को पढ़ाने के अलग-अलग तरीके बताए गए हैं. कई स्कूलों में इस प्रकार से शिक्षा भी दी जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से को शिक्षा को सरलता पूर्वक समझने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य ही शिक्षा को सरल व भावात्मक बनाना है जिससे बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों में भी एक नई ऊर्जा भरी जा सके. बता दें कि इस तरह की शिक्षा में विद्यार्थी भी रुचि लेते हैं. खेल-खेल में आसानी से कठिन चीजों को समझ जाते हैं. इसके लिए शिक्षकों को पहले प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

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Intro:मंडी। प्रदेश में स्कूली शिक्षा सभी तक पहुंचे और शिक्षा को और भी अधिक रोचक बनाने के लिए कई तरह के कायक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मंडी डाइट में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके तहत जिला भर के 22 ब्लाॅकों के 102 अध्यापकों ने शून्य लागत शिक्षण सामग्री की प्रदर्शनी लगाई।


Body:इस कार्यक्रम में एडीएम मंडी श्रवण मांटा ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की व प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस मौके पर जिला परियोजना अधिकारी बलवीर भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा का रुचि पूर्ण और अनुभवातमक होना आवश्यक है। क्योंकि एक सच्चा शिक्षक वह होता है जो अपने छात्रों को पुस्तक से नहीं दिल से पढ़ाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि छात्र शिक्षा को किताबों के पन्नों तक सिमटा हुआ नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा हुआ ज्ञान को समझें। उन्होंने बताया कि मंडी जिला के 22 ब्लॉक से आए हुए अध्यापकों ने वेस्ट मटेरियल से बनाए गए सामान की प्रदर्शनी लगाई गई है। जिससे बच्चों को पढ़ाने के अलग अलग तरीके बताए गए हैं। कई स्कूलों में इस प्रकार से शिक्षा भी दी जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से को शिक्षा को सरलता पूर्वक समझने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य ही शिक्षा को सरल व भावात्मक बनाना है जिससे बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों में भी एक नई उर्जा भरी जा सके।

बाइट - बलबीर भारद्वाज, जिला परियोजना अधिकारी मंडी


Conclusion:बता दें कि इस तरह की शिक्षा में विद्यार्थी भी रुचि लेते हैं। खेल खेल में आसानी से कठिन चीजों को समझ जाते हैं। इसके लिए शिक्षकों को पहले प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

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