मंडी: एक तरफ कोरोना का कहर तो दूसरी तरफ मौसम इन दिनों हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है. कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन के कारण किसान पहले ही परेशानी में थे. लंबे समय तक उन्हें खेतीबाड़ी के कार्य से दूर रहना पड़ा जिस कारण फसलों की उचित देखभाल नहीं हो सकी.
लॉकडाउन के बीच हो रही मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि ने रही-सही कसर को पूरा कर दिया है. मंडी जिला में बेमौसमी बारिश ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया है. गेहूं की फसल पककर तैयार है लेकिन इसकी कटाई में मौसम सबसे बड़ी बाधा बन रहा है.
मौसम के बदले मिजाज के कारण जिला के कुछ स्थानों में अभी फसल काटने के लायक नहीं हो सकी है. गेहूं की फसल की कटाई से पहले अच्छी धूप होनी चाहिए ताकि फसल अच्छी तरह से पक जाए, लेकिन जिस तरह हर तीसरे दिन बारिश और ओलावृष्टि हो रही है उससे फसल पकने में देरी हो रही है.
वहीं, बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हो रहा है. जिला के किसान बृकमु राम, जगदीश, कश्मीर सिंह और नवीन कुमार ने बताया कि बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से 50 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है. इसमें बागवानी से जुड़ी फसलें भी शामिल हैं, जिन फलदार पौधों पर फूल खिल गए थे उनके सारे फूल झड़ गए हैं. प्रभावित किसानों और बागवानों ने सरकार व प्रशासन से मुश्किल की इस घड़ी में राहत की गुहार लगाई है.