करसोग: लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो, इसके लिए जल शक्ति विभाग ने वाटर टेस्टिंग और स्वच्छता सर्वे अभियान शुरू किया है. यह अभियान 30 जून तक चलेगा. बरसात से पहले चलाए गए इस अभियान में लोगों को पेयजल स्रोतों में ले जाकर वाटर टेस्टिंग और पेयजल स्रोतों को स्वच्छ रखने के टिप्स दिए जा रहे हैं.
फील्ड टेस्ट किट से वाटर टेस्टिंग की ट्रेनिंग
जल शक्ति विभाग ने पानी की शुद्धता जांचने के लिए सभी पंचायतों को फील्ड टेस्ट किट दी है. इसके माध्यम से जनप्रतिनिधियों और ग्रामीण पेयजल स्वच्छता कमेटियों को वाटर टेस्टिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके अतिरिक्त विभाग पेयजल स्रोतों का स्वच्छता सर्वे भी कर रहा है. इस दौरान लोगों को पानी के स्रोतों के आसपास सफाई व्यवस्था बनाए रखने के बारे में भी बताया जा रहा है. बरसात में पानी के साथ बहकर आने वाली गंदगी पेयजल स्रोतों में न मिले, इस बारे में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
प्रदेश में हर साल 1 से 15 जून तक यह अभियान चलता था लेकिन कोविड काल को देखते हुए इस बार यह अभियान 30 जून तक चलेगा. इसके तहत अभी तक करीब 25 पंचायतों में जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीण पेयजल स्वच्छता कमेटियों को फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से ट्रेनिंग दी जा चुकी है. बाकी बची पंचायतों में भी चरणबद्ध तरीके से ट्रेनिंग का कार्य तय समयावधि में पूरा किया जाएगा.
पेयजल स्रोतों का स्वच्छता सर्वेक्षण करने की अपील
बता दें कि जल शक्ति विभाग ने सभी 62 पंचायतों में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समितियां गठित की हैं जो फील्ड टेस्ट किट से पानी की टेस्टिंग सहित पेयजल स्रोतों की साफ सफाई का जिम्मा देखती हैं. जल शक्ति विभाग वाटर टेस्टिंग और स्वच्छता सर्वे अभियान के तहत पंचायतों में पानी के सैंपल भरने का प्रशिक्षण दे रहा है. जल शक्ति विभाग के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सुंदर लाल ने बताया कि वाटर टेस्टिंग और स्वच्छता सर्वे अभियान शुरू कर दिया गया है. इसमें पंचायत प्रतिनिधियों सहित ग्रामीण पेयजल स्वच्छता कमेटियों को पेयजल स्रोतों में जाकर ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने सभी पंचायतों से फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से वाटर टेस्टिंग और पेयजल स्रोतों का स्वच्छता सर्वेक्षण करने की अपील की है.
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