मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और आईपीएच मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह के गृह जिला मंडी में करसोग उपमंडल के तहत सरतयोला पंचायत के कई गांव भारी पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं. पिछले 8 महीनों से घरों में लगे नलों से पानी की बूंद नहीं टपकी है. ऐसे में सरतयोला पंचायत के करीब 150 परिवार मनरेगा में बने सिंचाई टैंकों में कई महीनों से जमा दूषित पानी को पीने के लिए मजबूर हैं.
पेयजल संकट से जूझ रहे करीब 15 गांवों में जलजनित रोग फैलने का भी खतरा है. यही नहीं लंबे समय से पानी की सप्लाई न मिलने से मनरेगा में बने टैंक भी अब खाली हो गए हैं. इस बारे में लोग पंचायत स्तर से लेकर संबंधित क्षेत्र के सुपरवाइजर, फिटर और वाटर गार्ड को कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद अभी तक लोगों की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है.
आखिर में अब स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1100 में शिकायत करने का निर्णय लिया है. युवक मंडल सरतयोला के सचिव पुष्पराज का कहना कि सरतयोला पंचायत के कई गांव में 8 महीने से पानी की सप्लाई नहीं मिली है. इस कारण टैंकों में स्टोर किया गया पानी भी खत्म हो गया है. लोग अब बारिश का पानी इकठ्ठा करके गुजरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बारे में कई बार आईपीएच विभाग से भी शिकायत की गई. सरकार से आग्रह है कि इस बारे में विभाग को जरूरी दिशा निर्देश जारी करें.
खुडानाल से मांजू सरतयोला पेयजल योजना
सरतयोला पंचायत के करीब 15 गांवों में लोग पेयजल किल्लत से परेशान हैं. इसमें सरतयोला, दुधलानाल, पराला, शील, चिमुतीर, कुटल, बालू कुफरीधार, अगला बालू, चिमटी, दोगरी, चलावनी व खनोज आदि गांवों में लोगों को बिलों का भुगतान करने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा है. इसमें दो तीन गांव तो ऐसे हैं, जहां लोगों को सप्लाई मिले हुए करीब दो साल हो गए हैं. इन सभी गावों को खुडानाल से मांजू सरतयोला पेयजल लाइन से सप्लाई दी जाती है.
सड़क से दूर गांव, गाड़ी में भी नहीं ला सकते पानी
सरतयोला पंचायत के तहत पड़ने वाले ये गांव सड़क सुविधा से भी नहीं जुड़े हैं, हालांकि माहूंनाग से सरतयोला पंचायत मुख्यालय तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन 8 किलोमीटर सड़क का कार्य प्रगति पर है, लेकिन अभी तक माहूंनाग से आगे 3 किलोमीटर ही रोड पास हुआ है. ऐसे में घर तक सड़क सुविधा न होने के कारण लोगों गाड़ियां किराए में लेकर भी कही दूसरी जगह से पानी नहीं ला सकते हैं. ऐसे में स्थानीय लोग मनरेगा के टैंकों में बारिश के पानी को इकठ्ठा कर रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर रहे हैं.
दूषित पानी पीने से इन रोगों के फैलने का अंदेशा
दूषित पानी लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. ऐसे पानी से लोग कई बीमरियों की चपेट में आ सकते हैं. इसमें वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन प्रमुख हैं. गंदा पानी पीने से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिसकी वजह से हैजा, टाइफाइड, पेचिश जैसी बीमारियां आसानी से किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं. वायरल इंफेक्शन के कारण हेपेटाइटिस ए, फ्लू, कॉलरा, टायफाइड और पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं. ये बीमारियां दूषित पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवाणुओं के कारण होती हैं, जो पानी के साथ से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों के कई कारक हो सकते हैं, इससे कई संक्रामक बीमारियां भी फैलती हैं.
आईपीएच करसोग डिवीजन के अधिशाषी अभियंता अशोक भूपल का कहना है कि मामला ध्यान में आया है, लोगों की समस्या का समाधान किया जाएगा. इस बारे में संबंधित सब डिवीजन के एसडीओ को निर्देश जारी किए गए हैं.
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