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मंडी में पानी व सीवरेज दरें पंजाब से भी ज्यादा, समस्या को लेकर नागरिक सभा ने CM को सौंपा ज्ञापन

मुख्यमंत्री व सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी मंडी जिला के ही रहने वाले हैं. ऐसे में छोटी काशी के लोगों को उम्मीद है कि सरकार उनकी इस समस्या का समाधान करेगी.

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Published : Sep 26, 2019, 1:49 PM IST

मंडी में पानी-सीवरेज दरें पंजाब से भी ज्यादा, समस्या को लेकर नागरिक सभा ने CM को सौंपा ज्ञापन

मंडी: शहर में हर साल 1 अप्रैल को पेयजल व सीवरेज की दरों में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी कर दी जाती है जो मूल दर के बजाय बढ़ी हुई दरों पर ही ली जाती है. मंडी नागरिक सभा ने इन दरों में कमी करने को लेकर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था और इसके लिए शहर के 1033 परिवारों और 18 से अधिक सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा था.

नागरिक सभा मंडी के उपप्रधान रविकांत कपूर ने कहा कि हर साल जिस तरह से दरें बढ़ाई जा रही है उसे अदा करना अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहा है. वर्ष 2005 में पेयजल की दर 4 रुपये प्रति किलोलीटर निर्धारित की गई थी, जो अब सवा 15 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई हैं.

रविकांत कपूर ने कहा कि पंजाब में पेयजल के बिल का 15 प्रतिशत व हरियाणा में 20 प्रतिशत लिया जाता है, लेकिन मंडी में 50 प्रतिशत लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में पांच और 6 साल के बाद ही बढ़ोतरी होती है. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मंडी में पेयजल की दरों में कम से कम 50 प्रतिशत की कटौती की जाए और बढ़ोतरी का पैमाना बढ़ी हुई दरों के बजाए मूल दर पर होना चाहिए.

मंडी: शहर में हर साल 1 अप्रैल को पेयजल व सीवरेज की दरों में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी कर दी जाती है जो मूल दर के बजाय बढ़ी हुई दरों पर ही ली जाती है. मंडी नागरिक सभा ने इन दरों में कमी करने को लेकर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था और इसके लिए शहर के 1033 परिवारों और 18 से अधिक सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा था.

नागरिक सभा मंडी के उपप्रधान रविकांत कपूर ने कहा कि हर साल जिस तरह से दरें बढ़ाई जा रही है उसे अदा करना अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहा है. वर्ष 2005 में पेयजल की दर 4 रुपये प्रति किलोलीटर निर्धारित की गई थी, जो अब सवा 15 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई हैं.

रविकांत कपूर ने कहा कि पंजाब में पेयजल के बिल का 15 प्रतिशत व हरियाणा में 20 प्रतिशत लिया जाता है, लेकिन मंडी में 50 प्रतिशत लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में पांच और 6 साल के बाद ही बढ़ोतरी होती है. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मंडी में पेयजल की दरों में कम से कम 50 प्रतिशत की कटौती की जाए और बढ़ोतरी का पैमाना बढ़ी हुई दरों के बजाए मूल दर पर होना चाहिए.

Intro:मंडी। प्रदेश के दूसरे बड़े शहर मंडी में पेयजल व सीवरेज की दरें जहां दूसरे जिलों से अधिक हैं वहीं यह पंजाब व हरियाणा जैसे प्रदेशों से भी बहुत अधिक हैं। यही नहीं मंडी में हर साल पहले अप्रैल को पेयजल व सीवरेज की दरों में 10 प्रतिशत बढ़ौतरी कर दी जाती है जो मूल दर की बजाय बढ़ी हुई दरों पर ही ली जाती है। ऐसे में लोगों को अत्याधिक बोझ इसका सहन करना पड़ रहा है। अब चूंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री व सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी मंडी जिले से ही हैं ऐसे में छोटी काशी के लोगों को उम्मीद बन गई है कि सरकार इन दरों को न्यायसंगत करके राहत देगी। Body:मंडी नागरिक सभा ने एक हस्ताक्षर अभियान में इन दरों में कमी करने को लेकर चलाया था और इसके तहत शहर के 1033 परिवारों तथा डेढ दर्जन से अधिक सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन भी मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को सौंपा गया। नागरिक सभा मंडी के उपप्रधान रविकांत कपूर ने बताया कि मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन जिसमें मुख्यमंत्री को बताया गया कि हर साल जिस तरह से दरें बढ़ाई जा रही है उसे अदा करना अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहा है। बताया गया कि वर्ष 2005 में पेयजल की दर 4 रुपए प्रति किलोलीटर निर्धारित किए गए थे जो अब सवा 15 रुपए प्रति किलोलीटर हो गए हैं। पेयजल की बिल का 50 प्रतिशत सीवरेज का लिया जा रहा है। पंजाब में पेयजल के बिल का 15 प्रतिशत व हरियाणा में 20 प्रतिशत लिया जाता है मगर मंडी में यह 50 प्रतिशत लिया जा रहा है तथा इन राज्यों में पांच और 6 साल के बाद बढ़ौतरी होती है। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मांग की कि मंडी में पेयजल की दरों में कम से कम 50 प्रतिशत की कटौती की जाए तथा बढ़ौतरी का पैमाना बढ़ी हुई दरों की बजाय मूल दर पर होना चाहिए। मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया गया कि अब तो मंडी में ग्रेवटी सिस्टम के माध्यम से उहल नदी का पानी दिया जा रहा है जिस पर विभागी खर्चा भी बहुत कम हो गया है। ऐसे में जनता राहत की मांग कर रही है। इस मौके पर मंडी नागरिक सभा टीपी कपूर, पीसी बिष्ट, हरीश बहल, योग राज बहल, प्रधान आर्य समाज हरीश चंद्र, प्रधान व्यापार मंडल राजेश महेंद्रू,वरिष्ठ उपाध्यक्ष वेल्फेयर फाउंडेशन, प्रधान इंदिरा मार्केट, वरिष्ठ नागरिक सभा, नामधारी संगत,खत्री सभा, शीतला सेवक समाज, मंडी नागरिक अधिकार मंच के हरमीत सिंह बिट्टू, तारा चंद शर्मा धर्म सभा, महाजन सभा, राजपूत सभा, फल व सब्जी बिक्रेता यूनियन आदि के प्रतिनिधि मौजूद रहे। रविकांत कपूर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांग को गंभीरता से सुना व इस पर जल्द ही कोई निर्णय लेने का भरोसा दिलाया।Conclusion:
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