मंडी: विश्व हिंदू परिषद की हिमाचल इकाई द्वारा चीन की राखियों का बहिष्कार कर 50 हजार स्वनिर्मित राखियां बना कर तैयार की जा रही हैं. यह राखिया कोरोना ड्यूटी पर तैनात कोरोना वॉरियर्स और सेना के जवानों को लेह-लद्दाख भेजी जाएंगी. विश्व हिंदू परिषद ने यह निर्णय भारत-चीन के बीच उपजे तनाव के मद्देनजर लिया है.
विश्व हिंदू परिषद के प्रांताध्यक्ष लेखराज राणा ने कहा कि चीनी सैनिकों ने धोखे से भारती सैनिकों पर हमला कर कायरता का प्रमाण दिया था. उन्होंने कहा कि चीन की हरकत के बाद विश्व हिंदू परिषद हिमाचल ने चीन में निर्मित राखियों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि चीन में निर्मित राखी का बहिष्कार कर अपने देश की आर्थिकी और लोकल फॉर वोकल के नारे को बुलंद किया जा रहा है.
लेखराज राणा ने कहा कि इस अभियान के तहत विश्व हिंदू परिषद के आयाम मातृशक्ति और दुर्गा वाहिनी ने स्वनिर्मित राखियां बनाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि यह राखियां देश की सीमा पर डटे सेना के जवानों और कोरोना वॉरियर्स को भेजी जाएंगी. राणा ने बताया कि कुल्लू, मंडी और बिलासपुर जिला में भी राखियां तैयार की जा रही हैं. उन्होंने आम जनता से भी आग्रह किया है कि चीन निर्मित किसी भी वस्तु का इस्तेमाल ना करें.
लेखराज राणा ने कहा कि देश के लोगों के लिए चीन का सामान खरीदना दुश्मनों के हाथ में बंदूक देने के समान है. इस अभियान का मकसद चीन के समान का बहिष्कार करने के साथ चीन की आर्थिक व्यवस्था को गिराना भी है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के अंदर इस समय विश्व हिंदू परिषद द्वारा 50 हजार से अधिक राखियां तैयार की जा रही हैं और पंडोह से आर्मी के ट्रकों और अन्य माध्यम से भारत-चीन बॉर्डर पर लड़ाई लड़ रहें सेना के जवानों को भेजी जाएंगी.
विश्व हिंदू परिषद हिमाचल प्रदेश की सदस्य बबली ठाकुर ने बताया कि चीन की कायराना हरकत के बाद विश्व हिंदू परिषद ने निर्णय लिया है कि चीन की निर्मित कोई भी वस्तु नहीं खरीदी जाएगी. उन्होंने कहा कि राखी के त्यौहार के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा 50 हजार राखियां घर-घर तैयार की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि यह राखियां वीर जवानों को बॉर्डर पर भेजी जाएंगी और इसके साथ जो भी कोरोना वॉरियर्स की ड्यूटी मे तैनात हैं, उन्हें भी यह राखियां भेजी जाएंगी.
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