मंडी: जिला मुख्यालय से 8 किमी की दूरी पर बसे नसलोह गांव में इस बार रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाया गया. तीन दिन पहले गांव के एक व्यक्ति ने अपनी एक दिन की नवजात की हत्या कर दी. गांव के लोग इस घटना से इतने आहत हुए कि उन्होंने इस बार रक्षा बंधन का त्योहार न मनाकर उस मासूम को श्रद्धांजलि दी. गांव के लोगों ने एक स्थान पर इकट्ठा होकर दो मिनट का मौन रखकर मासूम को श्रद्धांजलि दी.
स्वास्थ्य शिक्षक राकेश यादव और स्थानीय पंचायत के वॉर्ड सदस्य राकेश कुमार समेत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा वर्कर इस मौके पर मौजूद रहे. वॉर्ड सदस्य राकेश कुमार ने बताया कि इस जघन्य अपराध से गांव का नाम बदनाम हुआ है, लेकिन आज गांव के लोग यह संदेश देना चाहते हैं कि एक व्यक्ति के कारनामे का दोष सभी को नहीं दिया जा सकता.
राकेश कुमार ने कहा कि गांव के लोग बेटियों के प्रति पूरा आदर सम्मान रखते हैं. उन्होंने बताया कि गांव में जो क्रूरता पूर्वक घटना घटी है, उसके चलते गांव के लोगों ने इस बार रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाया और यह संदेश देने का प्रयास किया कि अगर बेटियां ही नहीं रहेंगी तो फिर भविष्य में किससे राखी बंधवाओगे.
बता दें कि 29 और 30 जुलाई की रात को नसलोह गांव की एक महिला ने घर पर बेटी को जन्म दिया, लेकिन उसके पति ने उस नवजात को मौत के घाट उतारकर दफना दिया. उसने यह सिर्फ इसलिए किया क्योंकि उसके घर बेटी ने जन्म लिया था. वहीं आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है.