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ब्राड़ता के ग्रामीणों ने पेश की मिसाल, कोरोना संक्रमित परिवार की फसल काटकर पहुंचाई घर

कोरोना संक्रमण से 21 वर्षीय बेटे की मौत और मां के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद परिवार अलग थलग पड़ा है. ऐसे में ग्रामीणों ने पहल करते हुए इस परिवार की खेतों में खड़ी फसल को काटकर घर तक पहुंचाया है.

corona infected family Help
कोरोना संक्रमित परिवार की मदद
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Published : May 13, 2020, 10:46 PM IST

मंडी: कोरोना संक्रमण के इस दौर में संक्रमित व संदिग्ध मरीजों के साथ भेदभाव के अलग अलग तरह के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, सरकाघाट उपमंडल के चौक ब्राड़ता पंचायत में कोरोना संक्रमित मरीज के परिवार की ग्रामीणों ने मदद कर एक मिसाल पेश की है. भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए एक दर्जन से अधिक युवाओं व महिलाओं ने उक्त परिवार की खेतों में खराब हो रही गेहूं की फसल को काटकर घर पहुंचाया है.

कोरोना संक्रमण से 21 वर्षीय बेटे की मौत और मां के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद परिवार अलग थलग पड़ा है. परिवार के अन्य सदस्य क्वारंटाइन में हैं. इन दिनों ग्रामीण इलाकों में गेहूं की फसल पककर तैयार है और कटाई व ढुलाई न होने पर खेतों में खराब हो रही है. यह परिवार घर से बाहर नहीं निकल सकता है और सरकारी आदेशों का पालन कर रहा है.

ऐसे में ग्रामीणों ने पहल करते हुए इस परिवार की खेतों में खड़ी फसल को काटकर घर तक पहुंचाया है. स्थानीय विक्रांत, विकास, अंकेश, लीला, बीना, पूजा, बिमला, शांता, रमिता समेत अन्य लोगों ने भाईचारे का संदेश देते हुए अपनी ही मर्जी से यह काम कर दिया, जिसकी हर जगह प्रशंसा की जा रही है.

Villagers reap the corona infected family
कोरोना संक्रमित परिवार की फसल काटते ग्रामीण

बता दें कि सरकाघाट की चौक पंचायत के 21 वर्षीय युवक की आईजीएमसी शिमला में मौत हुई थी. मौत के तीन घंटे बाद उसके कोरोना संक्रमित होने का पता चला. इसके बाद जांच करने पर उसकी मां भी कोरोना संक्रमित पाई गई, जबकि अन्य परिवार के सदस्य इसके बाद एहतिहातन क्वारटाइंन कर दिए गए हैं. इस परिवार पर गिरे दुखों के पहाड़ को देखते हुए ग्रामीण खुद ही मदद के लिए आगे आए हैं.

ये भी पढ़ें: छोटी काशी की जनता ने सराहा पीएम मोदी का विशेष आर्थिक पैकेज, देखें ये खास रिपोर्ट

मंडी: कोरोना संक्रमण के इस दौर में संक्रमित व संदिग्ध मरीजों के साथ भेदभाव के अलग अलग तरह के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, सरकाघाट उपमंडल के चौक ब्राड़ता पंचायत में कोरोना संक्रमित मरीज के परिवार की ग्रामीणों ने मदद कर एक मिसाल पेश की है. भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए एक दर्जन से अधिक युवाओं व महिलाओं ने उक्त परिवार की खेतों में खराब हो रही गेहूं की फसल को काटकर घर पहुंचाया है.

कोरोना संक्रमण से 21 वर्षीय बेटे की मौत और मां के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद परिवार अलग थलग पड़ा है. परिवार के अन्य सदस्य क्वारंटाइन में हैं. इन दिनों ग्रामीण इलाकों में गेहूं की फसल पककर तैयार है और कटाई व ढुलाई न होने पर खेतों में खराब हो रही है. यह परिवार घर से बाहर नहीं निकल सकता है और सरकारी आदेशों का पालन कर रहा है.

ऐसे में ग्रामीणों ने पहल करते हुए इस परिवार की खेतों में खड़ी फसल को काटकर घर तक पहुंचाया है. स्थानीय विक्रांत, विकास, अंकेश, लीला, बीना, पूजा, बिमला, शांता, रमिता समेत अन्य लोगों ने भाईचारे का संदेश देते हुए अपनी ही मर्जी से यह काम कर दिया, जिसकी हर जगह प्रशंसा की जा रही है.

Villagers reap the corona infected family
कोरोना संक्रमित परिवार की फसल काटते ग्रामीण

बता दें कि सरकाघाट की चौक पंचायत के 21 वर्षीय युवक की आईजीएमसी शिमला में मौत हुई थी. मौत के तीन घंटे बाद उसके कोरोना संक्रमित होने का पता चला. इसके बाद जांच करने पर उसकी मां भी कोरोना संक्रमित पाई गई, जबकि अन्य परिवार के सदस्य इसके बाद एहतिहातन क्वारटाइंन कर दिए गए हैं. इस परिवार पर गिरे दुखों के पहाड़ को देखते हुए ग्रामीण खुद ही मदद के लिए आगे आए हैं.

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