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युद्ध स्मारक में भारत-पाक युद्ध के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि, शूरवीरों के बलिदान को किया गया याद - Indo Pak war Vijay Divas

भारत-पाक युद्ध के शहीदों को आज मंडी में श्रद्धांजलि दी गई. शहर के संकन गार्डन में स्थित युद्ध स्मारक (War Memorial in Mandi) में भारत-पाक युद्ध का 51वां विजय दिवस समारोह (Indo Pak war Vijay Divas) मनाया गया. इस दौरान शूरवीरों के बलिदान को याद किया गया.

War Memorial in Mandi
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Published : Dec 16, 2022, 6:39 PM IST

Updated : Dec 16, 2022, 10:13 PM IST

भारत-पाक युद्ध के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि.

मंडी/धर्मशाला: भारत-पाक युद्ध का 51वां विजय दिवस समारोह (Indo Pak war Vijay Divas) पूर्व सैनिक लीग, हिमाचल प्रदेश डिफेंस विमेन वेलफेयर एसोसिएशन व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा शहर के संकन गार्डन में स्थित युद्ध स्मारक (War Memorial in Mandi) में मनाया गया. इस मौके पर रिटायर ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, चेयरमेन एक्स सर्विसेज लीग रिटायर्ड कर्नल प्रताप सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे. पूर्व सैनिकों व वीर नारियों नै इस मौके पर दो मिनट का मौन रखकर 1971 भारत-पाक युद्ध में शहादत का जाम पीकर सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

विजय दिवस पर वीर नारियों को भी सम्मानित किया गया. इस अवसर पर रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह युद्ध 3 दिसंबर से 16 दिसंबर 1971 तक चला था. 14 दिन के इस युद्ध में भारतीय सेना पूर्ण तैयारी व प्लानिंग के साथ उतरी थी. उन्होंने कहा कि भारत की ओर से पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल जेएफआर जैकव की इस युद्ध में बहुत बड़ी भूमिका रही थी. मेजर जनरल जैकव ने पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियांजी को हथियार डालने पर मजबूर कर 16 दिसंबर 1971 को पूर्वी पाकिस्तान को आजाद करवाया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है.(Martyrs of the Indo Pak war in Mandi).

गौरतलब है कि इस युद्ध में देश के 3843 शूरवीरों ने शहादत का जाम पिया था और 9851 सैनिक घायल हुए थे. प्रदेश के 190 सैनिकों ने इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी, जिनमें मंडी जिले के 21 शूरवीर शामिल थे. इस युद्ध में सेना की पूर्वी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियांजी ने लगभग 93 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था. उसी दिन से हर वर्ष 16 दिसंबर को भारत-पाक युद्ध विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. संकन गार्डन में इस मौके पर शहीदों के परिजन, पूर्व सैनिक लीग, हिमाचल वूमन डिफेंस वेलफेयर एसोसिएशन व दर्जनों पूर्व सैनिक मौजूद रहे.

धर्मशाला में भी दी गई श्रद्धांजलि: शहीद समारक धर्मशाला में भी आज भारत-पाक युद्ध के विजय दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इसमें सबसे पहले राज्य युद्ध स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. जहां, कार्यक्रम में 9वीं कोर योल के चीफ आफ आर्मी स्टाफ मेजर जनरल अतुल रावत ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की. उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही अमर ज्वाला को भी प्रज्वलित किया. इस मौके पर मुख्यातिथि ने पूर्व सैनिकों, अधिकारियों, वीर नारियों व एनसीसी कैडेट्स व छात्रों से बात की. उन्होंने विजय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए युवाओं से कहा कि आने वाले समय में आप भारतीय सेना के तीनों विंग में नजर आने वाले हैं. साथ ही अब भारत की आने वाली समस्याओं को युवा पीढ़ी ही हल करेगी. उन्होंने युवाओं को देश का अच्छा नागरिक बनकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया.

भारत-पाक युद्ध के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि.

ये भी पढे़ं: जयपुर में सीएम सुखविंदर सिंह का बयान: विधानसभा सत्र के बाद होगा कैबिनेट का विस्तार

भारत-पाक युद्ध के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि.

मंडी/धर्मशाला: भारत-पाक युद्ध का 51वां विजय दिवस समारोह (Indo Pak war Vijay Divas) पूर्व सैनिक लीग, हिमाचल प्रदेश डिफेंस विमेन वेलफेयर एसोसिएशन व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा शहर के संकन गार्डन में स्थित युद्ध स्मारक (War Memorial in Mandi) में मनाया गया. इस मौके पर रिटायर ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, चेयरमेन एक्स सर्विसेज लीग रिटायर्ड कर्नल प्रताप सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे. पूर्व सैनिकों व वीर नारियों नै इस मौके पर दो मिनट का मौन रखकर 1971 भारत-पाक युद्ध में शहादत का जाम पीकर सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

विजय दिवस पर वीर नारियों को भी सम्मानित किया गया. इस अवसर पर रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह युद्ध 3 दिसंबर से 16 दिसंबर 1971 तक चला था. 14 दिन के इस युद्ध में भारतीय सेना पूर्ण तैयारी व प्लानिंग के साथ उतरी थी. उन्होंने कहा कि भारत की ओर से पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल जेएफआर जैकव की इस युद्ध में बहुत बड़ी भूमिका रही थी. मेजर जनरल जैकव ने पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियांजी को हथियार डालने पर मजबूर कर 16 दिसंबर 1971 को पूर्वी पाकिस्तान को आजाद करवाया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है.(Martyrs of the Indo Pak war in Mandi).

गौरतलब है कि इस युद्ध में देश के 3843 शूरवीरों ने शहादत का जाम पिया था और 9851 सैनिक घायल हुए थे. प्रदेश के 190 सैनिकों ने इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी, जिनमें मंडी जिले के 21 शूरवीर शामिल थे. इस युद्ध में सेना की पूर्वी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियांजी ने लगभग 93 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था. उसी दिन से हर वर्ष 16 दिसंबर को भारत-पाक युद्ध विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. संकन गार्डन में इस मौके पर शहीदों के परिजन, पूर्व सैनिक लीग, हिमाचल वूमन डिफेंस वेलफेयर एसोसिएशन व दर्जनों पूर्व सैनिक मौजूद रहे.

धर्मशाला में भी दी गई श्रद्धांजलि: शहीद समारक धर्मशाला में भी आज भारत-पाक युद्ध के विजय दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इसमें सबसे पहले राज्य युद्ध स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. जहां, कार्यक्रम में 9वीं कोर योल के चीफ आफ आर्मी स्टाफ मेजर जनरल अतुल रावत ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की. उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही अमर ज्वाला को भी प्रज्वलित किया. इस मौके पर मुख्यातिथि ने पूर्व सैनिकों, अधिकारियों, वीर नारियों व एनसीसी कैडेट्स व छात्रों से बात की. उन्होंने विजय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए युवाओं से कहा कि आने वाले समय में आप भारतीय सेना के तीनों विंग में नजर आने वाले हैं. साथ ही अब भारत की आने वाली समस्याओं को युवा पीढ़ी ही हल करेगी. उन्होंने युवाओं को देश का अच्छा नागरिक बनकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया.

भारत-पाक युद्ध के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि.

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Last Updated : Dec 16, 2022, 10:13 PM IST
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