सरकाघाट/मंडी: लोग आजकल बैलों से खेती को तरजीह नहीं देते. इस मशीनी युग में ट्रैक्टर, पावर टिल्लर और अन्य मशीनों से खेती हो रही है. लोग पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक खेती का रुख कर रहे हैं. यही वजह है कि लोग सड़कों पर लावारिस बैलों के झुंड देखने को मिलते हैं.
भले ही लोग आज ट्रैक्टर से खेतों की जुताई करते हैं, लेकिन खुड़ला पंचायत के जग्गा राम आज भी बैलों से ही खेती करते हैं. वह करीब 50 सालों से बैलों के जरिए ही अपने खेतों में हल जोतते आ रहे हैं. जग्गा राम ने बताया कि सालों से वह अपने खेतों में बैलों के जरिए ही हल जोत रहे हैं और चाहे कोई भी स्थिति हो कभी भी ट्रैक्टर से अपने खेतों की जुताई नहीं की. बैलों से खेती करने पर फसल अच्छी होती है. इसलिए वो सिर्फ बैलों को ही खेतों में जोतते हैं. इससे खेत भी समतल रहते हैं.
जग्गा राम ने कहा कि आज आधुनिकता के चलते कोई मेहनत नहीं करना चाहता. हर चीज आसानी से मिल रही है और ऐसे में जब दिन भर का काम एक घंटे में हो जाए तो क्यों कोई बैलों से खेती करे. उनका कहना है अगर पहले की तरह हर कोई बैलों से खेती करे तो कोई भी बैल लावारिस नहीं फिरता और किसानों की फसलें भी बर्बाद नहीं होती.
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