सरकाघाट/मंडी: गोपालपुर विकास खंड में तीसरे चरण के चुनावों में लोगों में भारी उत्साह देखा गया. इस मौके पर विभिन्न पंचायतों में हर वर्ग के मतदाता काफी जोश के साथ मतदान केंद्रों में पहुंचे और वोट डाले. 21 जनवरी को गोपालपुर की 16 पंचायतों में चुनाव हुए. इस दौरान कुछ छुटपुट घटनाओं को छोड़कर सभी बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान आयोजित किए गए.
चुनाव में कोरोना नियमों का सख्ती से पालन
गोपालपुर की विभिन्न पंचायतों में खुडला, भांबला, सुलपुर जबोठ, रखोह, खाहन, चल्होग, गैहरा, बकारटा और बरच्छवाड़ आदि में गुरुवार सुबह आठ बजे से ही लोगों की पोलिंग बूथ पर लाइनें लगी हुई थी, जोकि दिन में बढ़ती गई और शाम तक वोटिंग होती रही. कोरोना से बचाव को लेकर पहले ही पूरी तैयारियां की गई थी. मतदान केंद्रों में वोटे देने वाले सभी लोगों को मास्क पहने देखा गया, जबकि सभी को हैंड सेनिटाइजर लगाने के बाद वोटिंग के लिए अंदर भेजा गया. इस दौरान सामाजिक दूरी का भी पूरा ख्याल रखा गया.
पालकी, कुर्सी और पीठ पर वोट देने पहुंच बुजुर्ग
पंचायत चुनाव में बुजुर्गों ने भारी उत्साह के साथ अपना प्रतिनधि चुनने के लिए वोट डाले. इस दौरान बुजुर्ग परिजनों के साथ उनकी पीठ, कुर्सी या पालकी पर बैठकर मतदान केंद्र तक पहुंचे. इनमें भांबला पंचायत की 101 साल की मनभरी देवी, धतोली की 85 साल की ब्यासा देवी, भांबला के 80 साल के हरि राम, 90 वर्षीय-गैहरा पंचायत से श्रवण कुमार, बरच्छवाड़ पंचायत के 93 साल के इंद्र सिंह ठाकुर सहित बहुत से बुजुर्गों ने वोट डाले.
पहली बार वोट डालकर चहके युवा
पहली बार वोट डालने वाले युवाओं में काफी खुशी झलक रही थी. पहली बार वोट देने से पहले कई युवाओं में कुछ घबराहट देखी गई, मगर जब वह वोट देकर वापस आए तो उनके चेहरे खिले हुए दिखाई दिए. बरच्छवाड़ के युवा मतदाताओं ने कहा कि उनको पहली बार वोट डालने पर बहुत अच्छा लग रहा है. वह बहुत खुश हैं कि उनके वोट से उनके प्रतिनिधि को चुना जाएगा.
दिव्यांग भी नहीं रहे पीछे
वोट डालने के लिए न सिर्फ युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों में ही अधिक उत्साह दिखा बल्कि कई दिव्यांग लोग भी परिजनों के सहारे मतदान केंद्रों तक पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वोट डाला और लोकतंत्र का पर्व बनाया. भांबला के दिव्यांगों ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
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