मंडी: पहले के समय में बच्चों की इम्युनिटी स्ट्रांग बनाने और उन्हें रोगों से बचाने के लिए दादी-नानी के घरेलू नुस्खे बड़े ही कारगर साबित होते थे. आज के दौर में इन घरेलू नुस्खों का प्रयोग ना के बराबर हो गया है. लोग आज के इस दौर में एंटीबायोटिक दवाओं पर ही निर्भर हो गए हैं. जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है. बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए स्वामी पूर्णानंद मेमोरियल आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंडी ने स्वर्ण प्राशन की गोल्डन ड्रॉप बनाई है
पुष्प नक्षत्र के दिन ही पिलाई जाती दवाई: यह गोल्डन ड्रॉप बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने में ही नहीं बल्कि शारीरिक व मानसिक रूप से बच्चे के विकास में भी सहायक है. इस ड्रॉप की खास बात यह है कि यह महीने में एक बार पुष्प नक्षत्र के दिन ही पिलाई जाती है. इस समय चिकित्सालय में 130 बच्चों को स्वर्ण प्राशन की गोल्डन ड्रॉप पिलाई जा रही है. इस बारे में स्वामी पूर्णानंद मेमोरियल आयुर्वेद चिकित्सालय के चिकित्सक एमडी (आयुर्वेदिक) पंचकर्म डॉ. अभिषेक कौशल ने बताया कि स्वर्ण प्राशन संस्कार में बच्चों को आयुर्वेदिक औषधियों से सिद्ध, शुद्ध, स्वर्ण, भस्म, घी व शहद के साथ पिलाया जाता है. यह संस्कार हर महीने में एक बार पुष्प नक्षत्र के दिन किया जाता है. उन्होंने बताया कि 6 माह से लेकर 16 वर्ष की आयु तक के बच्चों में स्वर्ण प्राशन संस्कार किया जाता है.
ये हैं स्वर्ण प्राशन का लाभ: इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है. बच्चा शारीरिक व मानसिक रुप से मजबूत बनता है और बच्चे का स्टेमिना हम उम्र के बच्चों से ज्यादा बेहतर रहता है. भूख भी अच्छी लगती है. बुद्धि व स्मरण शक्ति तेज होती है. एलर्जी के कारण उत्पन्न कफ विकार जैसे बार-बार सर्दी नजला, बुखार, खांसी, दमा, बालकफ, टांसी लाईटस की समस्या दूर होती है. वजन व लंबाई समयानुसार बढ़ती है. रात को बिस्तर गीला करने की आदत छूटती है. एंटिबायोटिक के बार-बार इस्तेमाल से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाता है. बोलने सुनने व देख ने की शक्ति में अद्भुत लाभ प्रदान करता है. (Swarn Prashan drop benefits) (Swaran Prashan drops uses)
पूर्व काल की परंपरा को दोबारा किया गया है शुरु: अभिषेक कौशल ने बताया कि पूर्व काल में भी इस परंपरा को निभाया जाता था और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यह ड्रॉप पिलाई जाती थी. स्वामी पूर्णानंद मेमोरियल आयुर्वेद चिकित्सालय में इस परंपरा को फिर से शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि स्वर्ण प्राशन के बहुत लाभ है. इसमें अगर बच्चा बार-बार बीमार होता है, शिशु को एलर्जी के कारण बार-बार सर्दी, नजला, बुखार, खांसी, दमा, खांसी होता हो, बार-बार एंटीबायोटिक दवाई देनी पड़ती हो या वजन कम हो रहा हो, उन बच्चों को स्वर्ण प्राशन के सेवन करवाकर रोग मुक्त कर सकते हैं.
अभिभावक क्या बोले: वहीं, स्वर्ण प्राशन गोल्डन ड्रॉप के बारे में बच्चों के माता-पिता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह ड्रॉप बच्चों के लिए बेहद ही लाभकारी सिद्ध हो रही है. इसको पिलाने के बाद बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है. बच्चों को होने वाले सर्दी खांसी जुकाम से राहत मिली है. इस ड्रॉप को पिलाने के बाद बच्चों को अब ना के बराबर एंटीबायोटिक दवाई दी जा रही है.