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MLSM कॉलेज सुंदरनगर के हाल, 43 साल बाद भी नहीं मिला छात्र हॉस्टल

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Published : Oct 17, 2019, 11:52 PM IST

एमएलएसएम कॉलेज सुंदरनगर के छात्रों को 43 वर्ष बाद भी होस्टल की सुविधा नही मिल पाई है. कॉलेज प्रबंधन को बार-बार अवगत करवाने के बाद भी कोई कार्रवाई नही की गई.

MLSM कॉलेज सुंदरनगर को 43 साल बाद भी नहीं मिला छात्र हॉस्टल

मंडी: हिमाचल प्रदेश के बड़े कॉलेजों में सुंदरनगर का महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कॉलेज की हालत इन दिनों अपनी बदहाली के आसूं बहा रहा है. प्रदेश सहित उत्तर भारत में एमएलएसएम कॉलेज नाम कमा रहा है. कॉलेज प्रबंधन आज तक कालेज में पढ़ने वाले छात्रों को सुविधाओं से पूर्ण एक होस्टल उपलब्द नहीं करवा पाया है.

पिछले कई वर्षो से दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों से कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र को इस समस्या का सामना कर रहे है. हाल यह है कि छात्रों को अपने अभिवावकों की जेब ढीली कर प्राइवेट पीजी व भवनों में रहना पड़ रहा है.
कॉलेज प्रबंधन को कई बार इस समस्या से अवगत करवाया गया लेकिन प्रबंधन अपनी आंखें बंद करके बैठा है और छात्रों में प्रबंधन के खिलाफ गहरा रोष है.
43 वर्षों में नहीं मिल पाई छात्रों को होस्टल सुविधा
महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कॉलेज सुंदरनगर की शुरुआत वर्ष 1976 में सुकेत रियासत के राजा ललित सेन द्वारा महाराजा ललित सेन ट्रस्ट के एकमात्र ट्रस्टी के रूप में की गई थी. इस कॉलेज की बागडोर राजघराने के डॉ. हरिसेन के हाथों में है. वहीं एनएएसी के मानकों के अनुसार कॉलेज को 'बी' श्रेणी प्राप्त होने के बाद भी छात्रों को आज तक होस्टल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है.

वीडियो.

विवेकानंद छात्र होस्टल बंद होने के बाद नहीं मिली सुविधा
छात्रों को पहले सुंदरनगर में विवेकानंद छात्र होस्टल के नाम पर सुविधा उपलब्ध करवाई जाती थी, लेकिन 17 वर्ष पहले प्रबंधन द्वारा इसे भी बंद कर छात्रों को हास्टल सुविधा से वंचित कर दिया गया. वर्तमान में विवेकानंद छात्र हॉस्टल की तुलना भूतिया भवन से की जा सकती है. इस भवन की दुर्दशा इतनी खराब है कि दीवारों पर दरारें और फर्श पर क्रैक आम देखने को मिलते है.

एबीवीपी भी उठा चुकी है छात्र हास्टल की मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सुंदरनगर के अध्यक्ष रूपेंद्र ने कहा कि महाविद्यालय के प्रधनाचार्य व स्थानीय विधायक राकेश जंवाल को ज्ञापन देकर छात्रवास के अभाव की समस्या से रूबरू करवाया गया है.

उन्होंने कहा कि विधायक और प्रबंधन ने जल्द ही छात्रावास बनाने का आस्वासन दिया है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है और लगभग पिछले 43 वर्ष बित जाने के बाद भी कॉलेज के छात्रो को होस्टल की सुविधा नहीं मिल पाई है. जिस कारण मंहगाई के दौर में छात्रों को किराया देकर कमरों में रहना पड़ रहा है.

कॉलेज प्रिंसिपल अजय कपूर ने मामले की जानाकरी देते हुए कहा की कॉलेज में पहले ब्वायज होस्टल था लेकिन अब यह बंद हो चुका है. कॉलेज में लड़कियों की संख्या 75 प्रतिशत है. फिलहाल 120 लड़कियों के लिए गर्ल्स हास्टल की व्यवस्था है और इसको बढ़ाने की भी योजना है. ब्वायज होस्टल बनाने के लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक राकेश जम्वाल से बात की जाएंगी.

मंडी: हिमाचल प्रदेश के बड़े कॉलेजों में सुंदरनगर का महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कॉलेज की हालत इन दिनों अपनी बदहाली के आसूं बहा रहा है. प्रदेश सहित उत्तर भारत में एमएलएसएम कॉलेज नाम कमा रहा है. कॉलेज प्रबंधन आज तक कालेज में पढ़ने वाले छात्रों को सुविधाओं से पूर्ण एक होस्टल उपलब्द नहीं करवा पाया है.

पिछले कई वर्षो से दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों से कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र को इस समस्या का सामना कर रहे है. हाल यह है कि छात्रों को अपने अभिवावकों की जेब ढीली कर प्राइवेट पीजी व भवनों में रहना पड़ रहा है.
कॉलेज प्रबंधन को कई बार इस समस्या से अवगत करवाया गया लेकिन प्रबंधन अपनी आंखें बंद करके बैठा है और छात्रों में प्रबंधन के खिलाफ गहरा रोष है.
43 वर्षों में नहीं मिल पाई छात्रों को होस्टल सुविधा
महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कॉलेज सुंदरनगर की शुरुआत वर्ष 1976 में सुकेत रियासत के राजा ललित सेन द्वारा महाराजा ललित सेन ट्रस्ट के एकमात्र ट्रस्टी के रूप में की गई थी. इस कॉलेज की बागडोर राजघराने के डॉ. हरिसेन के हाथों में है. वहीं एनएएसी के मानकों के अनुसार कॉलेज को 'बी' श्रेणी प्राप्त होने के बाद भी छात्रों को आज तक होस्टल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है.

वीडियो.

विवेकानंद छात्र होस्टल बंद होने के बाद नहीं मिली सुविधा
छात्रों को पहले सुंदरनगर में विवेकानंद छात्र होस्टल के नाम पर सुविधा उपलब्ध करवाई जाती थी, लेकिन 17 वर्ष पहले प्रबंधन द्वारा इसे भी बंद कर छात्रों को हास्टल सुविधा से वंचित कर दिया गया. वर्तमान में विवेकानंद छात्र हॉस्टल की तुलना भूतिया भवन से की जा सकती है. इस भवन की दुर्दशा इतनी खराब है कि दीवारों पर दरारें और फर्श पर क्रैक आम देखने को मिलते है.

एबीवीपी भी उठा चुकी है छात्र हास्टल की मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सुंदरनगर के अध्यक्ष रूपेंद्र ने कहा कि महाविद्यालय के प्रधनाचार्य व स्थानीय विधायक राकेश जंवाल को ज्ञापन देकर छात्रवास के अभाव की समस्या से रूबरू करवाया गया है.

उन्होंने कहा कि विधायक और प्रबंधन ने जल्द ही छात्रावास बनाने का आस्वासन दिया है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है और लगभग पिछले 43 वर्ष बित जाने के बाद भी कॉलेज के छात्रो को होस्टल की सुविधा नहीं मिल पाई है. जिस कारण मंहगाई के दौर में छात्रों को किराया देकर कमरों में रहना पड़ रहा है.

कॉलेज प्रिंसिपल अजय कपूर ने मामले की जानाकरी देते हुए कहा की कॉलेज में पहले ब्वायज होस्टल था लेकिन अब यह बंद हो चुका है. कॉलेज में लड़कियों की संख्या 75 प्रतिशत है. फिलहाल 120 लड़कियों के लिए गर्ल्स हास्टल की व्यवस्था है और इसको बढ़ाने की भी योजना है. ब्वायज होस्टल बनाने के लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक राकेश जम्वाल से बात की जाएंगी.

Intro:महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कालेज सुंदरनगर के छात्रो को 43 वर्ष बाद भी नहीं मिली बॉयज हॉस्टल की सुविधाBody:एकर : हिमाचल प्रदेश के बड़े कालेजों में शुमार सुंदरनगर का महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कालेज इन दिनों अपनी बदहाली के आसूं बहा रहा है। बेशक एमएलएसएम कालेज प्रदेश सहित उत्तर भारत में नाम कमा रहा है, लेकिन कालेज प्रबंधन आजदिन तक कालेज में पढ़ने वाले छात्रों को सुविधाओं से पूर्ण एक हास्टल मुहैया नहीं करवा पाया है। इस कारण कालेज में पढ़ने वाले दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों को कई दशकों से समस्या का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि छात्रों को अपनी अभिवावकों की जेब ढीली कर स्थानीय प्राइवेट पीजी व भवनों का रूख करना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर विभिन्न माध्यमों से बार-बार कालेज प्रबंधन को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन इस समस्या को लेकर आजदिन तक कालेज प्रबंधन ने अपनी आंखें बंद कर इतिश्री कर ली है। इसको लेकर कालेज में पढ़ने वाले छात्रों के बीच प्रबंधन के खिलाफ गहरा रोष व्याप्त है।

43 वर्षों में नहीं मिल पाई छात्रों को हास्टल सुविधा :

महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कालेज सुंदरनगर की शुरुआत वर्ष 1976 में सुकेत रियासत के राजा ललित सेन द्वारा महाराजा ललित सेन ट्रस्ट के एकमात्र ट्रस्टी के रूप में की गई थी। अब इस कालेज की बागडोर राजघराने के डा.हरिसेन के हाथों में है। वहीं एनएएसी के मानकों के अनुसार कालेज को 'बी' श्रेणी भी प्राप्त होने के बाद भी छात्रों को आजदिन तक हास्टल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है।


विवेकानंद छात्र हास्टल बंद होने के बाद नहीं मिली सुविधा :

एमएलएसएम कालेज सुंदरनगर में पहले विवेकानंद छात्र हास्टल के नाम पर छात्रों को सुविधा उपलब्ध करवाई जाती थी। लेकिन लगभग 17 वर्ष पहले इसे भी बंद कर प्रबंधन द्वारा कालेज के छात्रों को हास्टल सुविधा से महरूम कर दिया गया। वर्तमान में विवेकानंद छात्र हास्टल की तुलना भूतिया भवन से की जा सकती है। इस भवन की दुर्दशा इतनी खराब है कि दीवारों पर दरारें व फर्श पर क्रैक आम देखे जा सकते हैं। 


एबीवीपी भी उठा चुकी है छात्र हास्टल की मांग :

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सुंदरनगर के इकाई अध्यक्ष रूपेंद्र ने कहा कि छात्रवास के अभाव की समस्या को लेकर महाविद्यालय के प्रधनाचार्य व स्थानीय विधायक राकेश जंवाल को ज्ञापन देकर इस समस्या से रूबरू करवाया है। उन्होंने कहा कि बेशक विधायक व प्रबंधन द्वारा जल्द ही छात्रावास बनाने का आस्वासन भी दिया है। लेकिन आजदिन तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है और पिछले लगभग 43 वर्ष वित्त जाने के बाद भी कॉलेज के छात्रो को हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल पाई है जिस कारण मंहगाई के इस दौर में छात्रों को मंहगे किराए के कमरे ले कर रहना पड़ रहा है।Conclusion:ब्यान :
कॉलेज प्रिंसिपल अजय कपूर ने मामले की जानाकरी देते हुए कहा की
कालेज में पहले ब्वायज होस्टल मौजूद था। अब यह बंद हो चुका है। कालेज में लड़कियों संख्या 75 प्रतिशत है। फिलहाल 120 लड़कियों के लिए गर्ल्स हास्टल की व्यवस्था है और इसको बढ़ाने की भी योजना है। ब्वायज होस्टल बनाने के लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक राकेश जम्वाल से बात की जाएंगी।

बाइट 01 : विद्यार्थी परिषद सुंदरनगर इकाई अध्यक्ष रूपेंद्र

बाइट 02 : अजय कपूर प्रिसिंपल एमएलएसएम कालेज सुंदरनगर
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