रिवालसर/मंडी: छोटी काशी मंडी के रिवालसर को त्रिवेणी धर्म स्थली के रूप में जाना जाता है. विशेष धार्मिक महत्व के चलते पूरे विश्व में रिवालसर की अपनी एक अलग पहचान है. यहां 3 दिवसीय राज्यस्तरीय छेश्चु मेले का शुभारंभ जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा किया. उन्होंने कहा कि मेला हमारी समृद्ध सभ्यता व संस्कृति के प्रतीक है. मेलों के माध्यम से न केवल आपसी भाईचारे की भावना को बल मिलता है, बल्कि हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी ये अहम भूमिका निभाते हैं.
मुख्यातिथि ने बौद्ध समुदाय को इस पर्व की बधाई देते कहा कि बढ़ती मोबाइल संस्कृति के कारण हमारी प्राचीन विरासत मेले अपना सांस्कृतिक स्वरूप खोते जा रहे हैं. उन्होंने मेलों की इस प्राचीन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखने का आह्वान किया.
प्राचीन बौद्ध मंदिर में पूजा अर्चना
रिवालसर पंहुचने पर जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा का एसडीएम बल्ह आशीष शर्मा की अगुवाई में स्थानीय प्रशासन व बौद्ध मंदिर कमेटी की ओर से जोरदार स्वागत किया गया. इसके बाद मुख्यातिथि ने प्राचीन बौद्ध मंदिर में पूजा अर्चना की. बौद्ध गुरु आचार्य रमेश नेगी ने गुरु पद्मसम्भव की जीवनी व रिवालसर के छेस्चु पर्व पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला..
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