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कभी फोटो लेने के लिए नहीं थे साढ़े तीन रूपए, आज फोटोग्राफी में बने हिमाचल गौरव

प्रसिद्ध फोटोग्राफर बीरबल शर्मा को राज्य सरकार 15 अगस्त को हिमाचल गौरव पुरस्कार देगी. सीएम जयराम ठाकुर छायाकार बीरबल शर्मा को कुल्लू में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह के दौरान हिमाचल गौरव पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. यह सम्मान बीरबल शर्मा को फोटोग्राफी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को सहेजने के लिए दिया जाएगा.

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Published : Aug 14, 2020, 10:43 AM IST

Birbal Sharma
बीरबल शर्मा

मंडी: फोटग्राफर बीरबल शर्मा को राज्य सरकार 15 अगस्त को हिमाचल गौरव पुरस्कार से सम्मानित करने जा रही है. सीएम जयराम ठाकुर फोटोग्राफर बीरबल शर्मा को कुल्लू में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह के दौरान हिमाचल गौरव पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. यह सम्मान बीरबल शर्मा को फोटोग्राफी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को सहेजने के लिए दिया जाएगा.

15 अगस्त 1972 को फोटोग्राफर के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले मंडी शहर के रामनगर निवासी बीरबल शर्मा ने शायद सोचा भी नहीं होगा कि 48 वर्षों के संघर्ष के बाद उसी दिन उन्हें प्रदेश का सबसे बड़ा सम्मान प्राप्त होगा.

वीडियो

बीरबल शर्मा ने 48 वर्षों के दौरान प्रदेश के हर कोने का भ्रमण किया और वहां की संस्कृति को अपने कैमरे में कैद किया. यही नहीं उन्होंने प्रदेश के सभी दर्रों, छोटे बड़े धार्मिक स्थलों, नदियों, झीलों, मेलों, त्यौहारों, संस्कृति, रीति रिवाज, परंपराओं, प्रथाओं और यहां मनाए जाने वाले उत्सवों में व्यक्तिगत रूप से जाकर उनका छायांकन करके उन्हें इकट्ठा किया.

आज बीरबल शर्मा के पास ऐसे दो लाख से अधिक छायाचित्रों(फोटोग्राफ) का संग्रह है. इन सभी छायाचित्रों को बीरबल शर्मा ने अपने पैसों से खर्च करके बनाई हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी में रखा है, जहां अभी तक लाखों लोग इनके माध्यम से हिमाचल दर्शन कर चुके हैं.

Photo by Birbal Sharma
बीरबल शर्मा द्वारा खींचा गया फोटो

बीरबल शर्मा बताते हैं कि जब वह 8वीं कक्षा के छात्र थे तो सत्र के अंत में एक यादगार ग्रुप फोटो लिया गया था. उस वक्त एक फोटो के लिए साढ़े तीन रूपए अदा करने होते थे. परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह साढ़े तीन रूपए देकर उस फोटो को खरीद सकते. इसलिए उन्होंने फोटो लेने से इन्कार कर दिया और इसके बदले में उन्हें सजा भी मिली थी. इसके बाद संयोगवश वह फोटोग्राफी के क्षेत्र में आगे बढ़े और उन्होंने ऐसे लोगों के फोटो लेना शुरू किया जो फोटो नहीं खिंचवा सकते थे.

बीरबल शर्मा ने सिर्फ फोटोग्राफी ही नहीं की बल्कि प्राचीन वस्तुओं का संग्रह भी किया. इनकी हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी में आज बहुत सी प्राचीन आकृतियां, पुराने जमाने के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, किताबें और अन्य प्रकार का सामान भी देखने को मिलता है. यह सब इन्होंने अपने खर्चे पर किया और कभी सरकार की तरफ नहीं देखा.

फोरलेन की जद में आने से हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी तोड़ दी गई, लेकिन इन्होंने नया भवन बनाकर उसे फिर से पुनर्जीवित किया. अब बीरबल शर्मा फोटो गैलरी के साथ-साथ वीडियो गैलरी भी बनाना चाहते हैं, ताकि लोग वीडियो के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति और खूबसूरती को निहार सकें.

मौजूदा समय में बीरबल शर्मा कॉलेज रोड मंडी में बीरबल स्टूडियो के नाम से एक फोटो स्टूडियो का संचालन कर रहे हैं. बीरबल शर्मा ने उन्हें हिमाचल गौरव पुरस्कार देने के लिए राज्य सरकार का आभार जताया है.

आपको बता दें कि बीरबल शर्मा को अब तक प्रदेश और देश की कई नामी संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं. अभी तक प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर यह प्रदर्शनियां भी लगा चुके हैं, जिन्हें देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है. अब सरकार बीरबल शर्मा को हिमाचल गौरव मानकर पुरस्कार देने जा रही है.

ये भी पढ़ें: करसोग में सूक्ष्म होगा स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम, सांसकृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे आयोजित

मंडी: फोटग्राफर बीरबल शर्मा को राज्य सरकार 15 अगस्त को हिमाचल गौरव पुरस्कार से सम्मानित करने जा रही है. सीएम जयराम ठाकुर फोटोग्राफर बीरबल शर्मा को कुल्लू में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह के दौरान हिमाचल गौरव पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. यह सम्मान बीरबल शर्मा को फोटोग्राफी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को सहेजने के लिए दिया जाएगा.

15 अगस्त 1972 को फोटोग्राफर के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले मंडी शहर के रामनगर निवासी बीरबल शर्मा ने शायद सोचा भी नहीं होगा कि 48 वर्षों के संघर्ष के बाद उसी दिन उन्हें प्रदेश का सबसे बड़ा सम्मान प्राप्त होगा.

वीडियो

बीरबल शर्मा ने 48 वर्षों के दौरान प्रदेश के हर कोने का भ्रमण किया और वहां की संस्कृति को अपने कैमरे में कैद किया. यही नहीं उन्होंने प्रदेश के सभी दर्रों, छोटे बड़े धार्मिक स्थलों, नदियों, झीलों, मेलों, त्यौहारों, संस्कृति, रीति रिवाज, परंपराओं, प्रथाओं और यहां मनाए जाने वाले उत्सवों में व्यक्तिगत रूप से जाकर उनका छायांकन करके उन्हें इकट्ठा किया.

आज बीरबल शर्मा के पास ऐसे दो लाख से अधिक छायाचित्रों(फोटोग्राफ) का संग्रह है. इन सभी छायाचित्रों को बीरबल शर्मा ने अपने पैसों से खर्च करके बनाई हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी में रखा है, जहां अभी तक लाखों लोग इनके माध्यम से हिमाचल दर्शन कर चुके हैं.

Photo by Birbal Sharma
बीरबल शर्मा द्वारा खींचा गया फोटो

बीरबल शर्मा बताते हैं कि जब वह 8वीं कक्षा के छात्र थे तो सत्र के अंत में एक यादगार ग्रुप फोटो लिया गया था. उस वक्त एक फोटो के लिए साढ़े तीन रूपए अदा करने होते थे. परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह साढ़े तीन रूपए देकर उस फोटो को खरीद सकते. इसलिए उन्होंने फोटो लेने से इन्कार कर दिया और इसके बदले में उन्हें सजा भी मिली थी. इसके बाद संयोगवश वह फोटोग्राफी के क्षेत्र में आगे बढ़े और उन्होंने ऐसे लोगों के फोटो लेना शुरू किया जो फोटो नहीं खिंचवा सकते थे.

बीरबल शर्मा ने सिर्फ फोटोग्राफी ही नहीं की बल्कि प्राचीन वस्तुओं का संग्रह भी किया. इनकी हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी में आज बहुत सी प्राचीन आकृतियां, पुराने जमाने के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, किताबें और अन्य प्रकार का सामान भी देखने को मिलता है. यह सब इन्होंने अपने खर्चे पर किया और कभी सरकार की तरफ नहीं देखा.

फोरलेन की जद में आने से हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी तोड़ दी गई, लेकिन इन्होंने नया भवन बनाकर उसे फिर से पुनर्जीवित किया. अब बीरबल शर्मा फोटो गैलरी के साथ-साथ वीडियो गैलरी भी बनाना चाहते हैं, ताकि लोग वीडियो के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति और खूबसूरती को निहार सकें.

मौजूदा समय में बीरबल शर्मा कॉलेज रोड मंडी में बीरबल स्टूडियो के नाम से एक फोटो स्टूडियो का संचालन कर रहे हैं. बीरबल शर्मा ने उन्हें हिमाचल गौरव पुरस्कार देने के लिए राज्य सरकार का आभार जताया है.

आपको बता दें कि बीरबल शर्मा को अब तक प्रदेश और देश की कई नामी संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं. अभी तक प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर यह प्रदर्शनियां भी लगा चुके हैं, जिन्हें देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है. अब सरकार बीरबल शर्मा को हिमाचल गौरव मानकर पुरस्कार देने जा रही है.

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