मंडीः राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड कर्मचारी संघ ने ड्राफ्ट बिजली संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में प्रदर्शन किया है. जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन में कर्मचारी संघ ने रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड कर्मचारी संघ के जिला सचिव जगमेल सिंह ठाकुर ने कहा कि बिजली बोर्ड कर्मचारियों के अथक परिश्रम से ही इस पहाड़ी प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों तक बिजली पहुंचाई गई है. अब भी बिजली बोर्ड हिमाचल प्रदेश सरकार का उपक्रम है और बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती दरों में बिजली के साथ-साथ बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहा है.
बिजली संशोधन बिल 2021 को वापस लेने की मांग
उन्होंने कहा कि सरकार बिजली संशोधन बिल 2021 को वापस ले और बिजली बोर्ड को निजी हाथों में देना बंद करें. उन्होंने कहा कि सरकार न्यू पेंशन स्कीम को खत्म कर सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रणाली में जोड़ा जाए. उनका कहना है कि यदि बिजली बोर्ड का निजीकरण होता है तो उपभोक्ताओं के बिजली बिल बढ़ेंगे और उपभोक्ताओं को फिर निजी कंपनी की सेवा शर्तों के अनुरूप बिल की अदायगी करनी पडेगी.
नियमित कर्मियों की भर्ती की मांग
राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड कर्मचारी संघ ने आउटसोर्स प्रणाली का भी विरोध किया. कर्मचारी संघ का कहना है कि सरकार आउटसोर्सिंग प्रणाली को बंद कर, रिक्त पड़े पदों पर नियमित कर्मियों की भर्ती करें. कर्मचारी संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार यदि उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है. जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
ये भी पढ़ें: 'हिन्दुस्तान' मोदी और शाह ने नहीं, इस देश के मजदूरों और किसानों ने बनाया है: जगदीश भारद्वाज