मंडी: नगर निगम चुनाव के लिए बीजेपी कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी थी. अब तक प्रदेश की राजनीति इन दोनों की इर्द गिर्द ही घूमती रही है,लेकिन खुद को 2022 से पहले परखने के लिए आप ने भी निगम चुनावों में एंट्री मार ली. इस बार मंडी नगर निगम के नतीजों पर सबकी नजरें रहेंगी. पहला मंडी नगर निगम सीएम के गृह जिले में आता है और यहां सीएम ने ताबड़ तोड़ प्रचार किया है. दूसरा यहां पंडित सुखराम के परिवार का वर्चस्व है. बीजेपी के ही विधायक अनिल शर्मा सीएम के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.
वहीं, सीएम जयराम ने भी अनिल शर्मा को जवाब देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. सीएम जयराम ने भी अनिल शर्मा और उनके परिवार पर मंच से ताबड़तोड़ हमले किए. मंडी नगर निगम की बात की जाए तो मंडी को हाल ही में नगर निगम का दर्जा मिला था. मंडी नगर निगम में कुल 15 वार्ड हैं. 15 वार्डों में 75 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. कुल 32,938 कुल मतदाता मतदान करेंगे. इनमें 16,745 महिला और 16,193 पुरूष मतदाता हैं. मंडी नगर निगम में इस बार मेयर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.
मेयर पद के दावेदार
अगर बात की जाए तो बार्ड नंबर छह से चुनाव लड़ रहे वीरेंद्र आर्य और वार्ड नंबर 14 से कृष्ण भानू, बीजेपी से मेयर पद के दावेदार हैं. वहीं, कांग्रेस से वार्ड नंबर छह से संजय कुमार, वार्ड नंबर 14 से जगदीश कुमार, बार्ड नंबर 10 से बीजेपी की नेहा, वार्ड नंबर 10 से ही कांग्रेस की भारती, वार्ड नंबर 15 से कांग्रेस की अंजय कुमारी और वार्ड नंबर 15 से बीजेपी की उम्मीदवार पूजा मेयर पद की दावेदार हैं. कुल मिलाकर यहां लड़ाई सीएम जयराम की प्रतिष्ठा और तुंगल के शेर सुखराम शर्मा के परिवार के वर्चस्व की है. जो भी चुनाव जीतेगा राजनीति में उसका कद बढ़ेगा.
निगम का संग्राम: बीजेपी के मिशन रिपीट को मिलेगा बल या कांग्रेस को कमबैक का मिलेगा मौका