मंडी: छोटी काशी मंडी में रविवार को बाबा भूतनाथ मंदिर में श्री जगन्नाथ उड़ीसा के दर्शन श्रद्धालुओं को हुए. शिवलिंग पर चढ़े घृतकम्बल में 22वें दिन पूजा अर्चना के साथ श्री जगन्नाथ के स्वरूप में श्रृंगार किया गया.
'छोटी काशी' में हुए श्री जगन्नाथ उड़ीसा के दर्शन, विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना भूतनाथ मंदिर
मंडी में रविवार को बाबा भूतनाथ मंदिर में श्री जगन्नाथ उड़ीसा के दर्शन श्रद्धालुओं को हुए. शिवलिंग पर चढ़े घृतकम्बल में 22वें दिन पूजा अर्चना के साथ श्री जगन्नाथ के स्वरूप में श्रृंगार किया गया.
बाबा भूतनाथ मंदिर
मंडी: छोटी काशी मंडी में रविवार को बाबा भूतनाथ मंदिर में श्री जगन्नाथ उड़ीसा के दर्शन श्रद्धालुओं को हुए. शिवलिंग पर चढ़े घृतकम्बल में 22वें दिन पूजा अर्चना के साथ श्री जगन्नाथ के स्वरूप में श्रृंगार किया गया.
Intro:मंडी। छोटी काशी मंडी में रविवार को बाबा भूतनाथ मंदिर में श्री जगन्नाथ उड़ीसा के दर्शन श्रद्धालुओं को हुए। शिवलिंग पर चढ़े घृत कम्बल में 22वें दिन पूजा अर्चना के साथ श्री जगन्नाथ के स्वरूप में श्रृंगार किया गया।
Body:बाबा भूतनाथ मंदिर स्थित शिवलिंग में घृतकम्बल का आकार करीब साढ़े तीन फुट से अधिक हो गया है। अभी तक 85 किलो से अधिक मक्खन चढ़ाया जा चुका है। बाबा भूतनाथ मंदिर में तारारात्री से घृतकम्बल चढ़ा है। इस घृतकम्बल में रोजाना देशभर के प्रसिद्ध बाबाओं व शक्ति पीठों के रूप देखने को मिल रहे हैं। अब तक बाबा भूतनाथ मंदिर में 21 स्वरूप देखे जा चुके हैं। जबकि शिवरात्रि तक यह दौर जारी रहेगा। विदेशी पर्यटक भी बाबा भूतनाथ मंदिर में श्री जग्गनाथ के दर्शन करने पहुंचे।
Conclusion:बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि घृतकम्बल का रोजाना श्रृंगार किया जा रहा है। शिवरात्रि के दिन घृतकम्बल हटाया जाएगा।
Body:बाबा भूतनाथ मंदिर स्थित शिवलिंग में घृतकम्बल का आकार करीब साढ़े तीन फुट से अधिक हो गया है। अभी तक 85 किलो से अधिक मक्खन चढ़ाया जा चुका है। बाबा भूतनाथ मंदिर में तारारात्री से घृतकम्बल चढ़ा है। इस घृतकम्बल में रोजाना देशभर के प्रसिद्ध बाबाओं व शक्ति पीठों के रूप देखने को मिल रहे हैं। अब तक बाबा भूतनाथ मंदिर में 21 स्वरूप देखे जा चुके हैं। जबकि शिवरात्रि तक यह दौर जारी रहेगा। विदेशी पर्यटक भी बाबा भूतनाथ मंदिर में श्री जग्गनाथ के दर्शन करने पहुंचे।
Conclusion:बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि घृतकम्बल का रोजाना श्रृंगार किया जा रहा है। शिवरात्रि के दिन घृतकम्बल हटाया जाएगा।