मंडी: हिमाचल प्रदेश की शिव नगरी छोटी काशी में शिवरात्रि की धूम रही. जिला प्रशासन की ओर से मंडी शहर में बड़े हवन यज्ञ का आयोजन किया गया. जिसमें प्राचीन परंपरा के अनुसार एक लघु जलेब निकाली गई. राज माधव राय मंदिर के बाहर प्राचीन हवन कुंड में इस बार पांच पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ हवन का किया. जिसमें जिला उपायुक्त अरिंदम चौधरी पत्नी सहित शामिल हुए. इस अवसर पर उनके साथ रितिका जिंदल, नगर निगम की मेयर दीपाली जसपाल डिप्टी मेयर वीरेन्द्ररेंद्र भट्ट, सर्व देवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे.
डीसी मंडी ने टारना माता मंदिर में बड़ा देव कमरुनाग व टारना माता की पूजा कर आशीर्वाद लिया. इसके बाद राज माधव राय मंदिर से लेकर बाबा भूतनाथ मंदिर तक शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में तीन देवी-देवता शामिल हुए. शोभायात्रा में होमगार्ड बैंड, पुलिस की टुकड़ियों ने भाग लिया. जिसके बाद बाबा भूतनाथ मंदिर में डीसी ने विधिवत पूजा अर्चना की और हवन किया. इस अवसर पर महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि बाबा भूतनाथ मठ मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर हर साल हवन यज्ञ किया जाता है. उन्होंने बताया कि डीसी मंडी ने प्राचीन काल से चली आ रही परंपराओं का निर्वहन कर हवन यज्ञ में पूर्णाहुति डाली.
अपने स्वरूप में वापस आया मंदिर का शिवलिंग- अब बाबा भूतनाथ मंदिर का शिवलिंग एक बार फिर से अपने प्राचीन स्वरूप में आ गया है. एक महीना पहले तारारात्रि को इस शिवलिंग पर माखन का लेप चढ़ाया गया था. माखन के इस लेप पर रोजाना भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों को उकेर कर भक्तों को उनके दर्शन करवाए जा रहे थे. मंदिर में भगवान के इस शिवलिंग पर माखन का लेप चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और मंडीवासी आज भी इसका बखूबी निर्वहन करते हैं.
भक्तों ने किया माखन के लेप का प्रसाद ग्रहण- तारारात्रि के बाद शिवरात्रि की सुबह इस माखन के लेप को उतारकर शिवलिंग का जलाभिषेक किया गया और जो माखन लगाया गया था उसे भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटा गया. बड़ी संख्या में लोगों ने इस प्रसाद को ग्रहण किया. बता दें कि बाबा भूतनाथ का यह मंदिर वर्ष 1527ई. में बनाया गया था और इस मंदिर के बनने के बाद ही मंडी के नए शहर की स्थापना भी हुई थी. इससे पहले यह शहर ब्यास नदी के दूसरी तरफ था. हर वर्ष शिवरात्रि वाले दिन इस मंदिर में भक्तों की लंबी लंबी कतारें देखने को मिलती हैं. लोग घंटों कतारों में खड़े होकर दर्शनों के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं. इस बार भी यहां भक्तों का भारी सैलाब देखने को मिला.
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