करसोग: जिला मंडी के करसोग में शुक्रवार को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जागरूकता रैली निकाली गई. जिसमें विभिन्न स्कूलों की छात्राओं ने समाज को घटते लिंगानुपात में वृद्धि लाने का संदेश दिया. ये रैली एसडीएम ऑफिस से सीडीपीओ कार्यालय तक निकाली गई. इस दौरान दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या सहित महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानून को लेकर भी जानकारी दी गई. इस अवसर एसडीएम ओमकांत ठाकुर, सीडीपीओ विपाशा भाटिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
प्रदेश से बेहतर लिंगानुपात: करसोग की धरती के लिए बेटी ही रत्न है. यहां लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है. स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 के मुताबिक हिमाचल में लिंगानुपात 941 है. वहीं, बाल विकास परियोजना का लिंगानुपात 983 है.
बेटी के जन्म पर मनाया जाता है उत्सव: करसोग में शिशु लिंगानुपात राष्ट्रीय स्तर से यूं ही बेहतर नहीं है. यहां बेटी के जन्म पर उत्सव मनाया जाता है. ये जिम्मा खुद बाल विकास परियोजना सहित ग्रामीण महिलाओं ने संभाला है. यहां विभिन्न गतिविधियों के तहत आंगनबाड़ी स्तर पर बालिका जन्मोत्सव, हर माह की 24 तारीख को बालिका दिवस मनाना, एक बूटा बेटी के नाम आदि शामिल है.
बेटी के जन्म पर गाए जाते हैं बधाई गीत: करसोग में बेटी के जन्म पर मां बाप मुंह न लटके और घर में मायूसी न छाए. इसके लिए ग्रामीण महिलाएं बधाई गीत गाती हैं. महिलाएं बेटी के जन्म वाले घर पर जाकर खुशियां मनाती हैं और परिवार को गुड़िया और अन्य उपहार दिए जाते हैं. इसके अतिरिक्त अब बेटी के जन्मदिन पर पौधरोपण भी किया जाता है. सीडीपीओ विपाशा भाटिया ने बताया कि प्रदेश में महिला एवम बाल विकास विभाग की ओर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में करसोग में जागरूकता रैली निकाली गई.
इसका उद्देश्य घटते लिंगानुपात में सुधार लाना है. हालांकि बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव आ रहा है, लेकिन अभी भी समाज में कुछ कुरीतियां है. जिन्हे दूर करने की आवश्यकता है. इसके लिए सरकार कई तरह की गतिविधियां चलाई है.
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