करसोग: जिन सड़कों के निर्माण के लिए लोगों ने शपथपत्र दिए हैं. अब वह सब बेकार हो गए है. अब ऐसी सड़कों के लिए भी लोगों को पहले जमीन पीडब्ल्यूडी के नाम करनी होगी, तभी सड़क का कार्य होगा. ऐसे में अब करसोग में कई सड़कों का निर्माण कार्य लटक गया है. सभी सब डिवीजन को इन आदेशों को सख्ती से लागू करने को कहा गया है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में लोगों ने समझदारी से काम लेते हुए शपथपत्र की जगह जमीन विभाग के नाम की है. यहां विभाग को अब सड़क निर्माण में किसी तरह की परेशानी नहीं आ रही. लोग भी निर्माण कार्य की प्रोग्रेस से खुश हैं.
हिस्सेदार डाल रहे अंड़गा
करसोग में कुछ जगहों पर शपथपत्र देने के बाद भी विभाग को सड़क निर्माण के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ा. लोगों ने सड़क निर्माण के लिए पहले तो शपथपत्र दे दिए, लेकिन जब कार्य शुरू हुआ तो फिर खुद ही निर्माण कार्य में अड़ंगा डालना शुरू कर दिया. कुछ जगहों पर तो ऐसे भी मामले सामने आए कि शपथपत्र देने वाले व्यक्ति के हिस्सेदार ही सड़क के निर्माण कार्य को रोकने के लिए खड़े हो जाते हैं. जिस जगह से सड़क निकली जा रही है, उस भूमि के हिस्सेदार तो कई होते हैं, जबकि सड़क निर्माण के लिए शपथपत्र सिर्फ एक ही व्यक्ति ने दिया होता है. ऐसे में कोई भी हिस्सेदार सड़क के कार्य में अड़ंगा डालने के लिए आ जाता है.काम नहीं होने से सरकार का पैसा खराब हो रहा है.
सड़क निर्माण के लिए अब नहीं चलेगा शपथपत्र, PWD के नाम करना होगी जमीन - गिफ्ट डीड
सड़क निर्माण को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग सख्त हो गया है. डिवीजन में बिना गिफ्ट डीड के अब किसी भी प्रकार की सड़कों का निर्माण नहीं होगा. लोगों को अगर सड़क चाहिए तो पहले उन्हें अपनी जमीन पीडब्ल्यूडी के नाम करनी होगी.
करसोग: जिन सड़कों के निर्माण के लिए लोगों ने शपथपत्र दिए हैं. अब वह सब बेकार हो गए है. अब ऐसी सड़कों के लिए भी लोगों को पहले जमीन पीडब्ल्यूडी के नाम करनी होगी, तभी सड़क का कार्य होगा. ऐसे में अब करसोग में कई सड़कों का निर्माण कार्य लटक गया है. सभी सब डिवीजन को इन आदेशों को सख्ती से लागू करने को कहा गया है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में लोगों ने समझदारी से काम लेते हुए शपथपत्र की जगह जमीन विभाग के नाम की है. यहां विभाग को अब सड़क निर्माण में किसी तरह की परेशानी नहीं आ रही. लोग भी निर्माण कार्य की प्रोग्रेस से खुश हैं.
हिस्सेदार डाल रहे अंड़गा
करसोग में कुछ जगहों पर शपथपत्र देने के बाद भी विभाग को सड़क निर्माण के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ा. लोगों ने सड़क निर्माण के लिए पहले तो शपथपत्र दे दिए, लेकिन जब कार्य शुरू हुआ तो फिर खुद ही निर्माण कार्य में अड़ंगा डालना शुरू कर दिया. कुछ जगहों पर तो ऐसे भी मामले सामने आए कि शपथपत्र देने वाले व्यक्ति के हिस्सेदार ही सड़क के निर्माण कार्य को रोकने के लिए खड़े हो जाते हैं. जिस जगह से सड़क निकली जा रही है, उस भूमि के हिस्सेदार तो कई होते हैं, जबकि सड़क निर्माण के लिए शपथपत्र सिर्फ एक ही व्यक्ति ने दिया होता है. ऐसे में कोई भी हिस्सेदार सड़क के कार्य में अड़ंगा डालने के लिए आ जाता है.काम नहीं होने से सरकार का पैसा खराब हो रहा है.