मंडी: कृषि बिल के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया था, मंडी के सेरी मंच सीटू के बैनर तले विभन्न, हिमाचल किसान मोर्चा, बल्ह बचाओ संघर्ष समिति ने किसानों के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया.
इस मौके पर मंडी शहर में विरोध रैली निकाल कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. हिमाचल किसान सभा उपाध्यक्ष परसराम ने कहा कि किसान किसी भी हाल में तीनों कानूनों का निरस्तीकरण चाहते हैं और इसको लेकर सरकार के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा.
वहीं, इलेक्ट्रिसिटी बिल 2020 को वापस लेने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि यह बिल किसानों को बिजली में मिलने वाली सब्सिडी को भी खत्म कर देगा और बिजली वितरण का कार्य निजी क्षेत्र को दे दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज भारत बंद के आवाहन पर किसानों, मजदूरों, नौजवानों, छात्रों और महिला संगठनों ने किसानों के समर्थन में धरना प्रदर्शन करो को वापस लेने की मांग की है.
वहीं जिला कांग्रेस कमेटी ने किसान विरोधी बिल के खिलाफ मंडी शहर में रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, इस मौके पर कांग्रेस कमेटी ने कृषि बिल्लों को वापस लेने के लिए एसीटूडीसी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी प्रेषित किया. कांग्रेस कमेटी का कहना है कि केंद्र सरकार कृषि बिलों को वापिस लें और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून में शामिल किया जाए.
आपको बता दें कि दिल्ली में किसान तीन किसान कानूनों के खिलाफ 13 दिनों से संघर्षरत हैं, मंडी जिला में भी कांग्रेस पार्टी और विभिन्न मजदूर संगठनों के द्वारा किसान सभा तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने की मांग पर जोरो से की जा रही है, साथ ही इलेक्ट्रिसिटी बिल 2020 को वापस लेने की मांग कर रही है.