मंडी: प्रदेश में लगातार जंगलों में आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं. आगजनी की घटनाओं में वन संपदा को भारी नुकसान होने के साथ-साथ भीषण गर्मी में तापमान में बढ़ोतरी होने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इन घटनाओं को रोकने के लिए करसोग वनमंडल ने नया कदम उठाया है.
करसोग वनमंडल अब जंगलों में आग लगाने वाले लोगों की सूचना देने पर ऐसे व्यक्ति को उचित धन राशि देकर सम्मानित करेगा. वनमंडल द्वारा सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा. वन विभाग का मानना है कि जंगलों में प्राकृतिक तरीके से आग लगने की घटनाएं न के बराबर होती है. आग लगने की अधिकतर घटनाएं इंसानों की वजह से होती हैं.
करसोग वन मंडल के डीएफओ आरके शर्मा ने बताया कि जंगलों में आग लगने की 98 फीसदी घटनाएं लोगों की लापरवाही से होती हैं. कभी भी नेचुरल सिस्टम से आग नहीं लगती है. जंगलों में आग लगाने वाले व्यक्ति की सूचना देने वाले व्यक्ति को उचित धनराशि देकर सम्मानित किया जाएगा और ऐसे व्यक्ति का नाम भी गुप्त रखा जाएगा.
आखिर कैसे लगती है आग?
आग लगने और इसके फैलने में मौसम की भी बहुत भूमिका होती है. कम बारिश सूखे का कारण बनती है, इससे तापमान बढ़ता है और गर्म हवाएं जंगलों में आग लगने के लिए अनुकूल माहौल बना देती है.
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कुछ लोग आदतन धूम्रपान का लुत्फ लेते समय जलती हुई सिगरेट, बीड़ी के टुकड़े या माचिस की तीली जंगल में फेंक देते हैं, जो जंगलों में पड़े हुए सूखे कचरे के संपर्क में आकर भीषण आग का कारण बन जाते हैं. इसी तरह से अलाव को जलता हुआ छोड़ना भी आग लगने का एक कारण है.