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चेक बाउंस मामले में दोषी शख्स को 4 माह का कारावास, 7 लाख 80 हजार हर्जाना

चेक बाउंस मामले में सुंदरनगर कोर्ट ने दोषई शख्स को चार माह कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, हर्जाना के तौर पर 7,81,768 रुपये भरने के आदेश दिए हैं.

सुंदरनगर कोर्ट
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Published : Aug 19, 2019, 8:47 PM IST

सुंदरनगर: जिला मंडी के सुंदरनगर कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में दोषी शख्स को चार माह कारावास की सजा सुनाई है, वहीं, हर्जाना के तौर पर दोषी शख्स को 7,81,768 लाख रुपये देने होंगे. न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर-2 सुंदरनगर अनीश कुमार की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.

शिकायतकर्ता हिमाचल प्रदेश राज्य को-ऑपरेटिव बैंक ब्रांच ऑफिस सुंदरनगर, जिला मंडी ने ब्रांच मैनेजर चंद्र सिंह ठाकुर के माध्यम से अधिवक्ता चमन लाल अवस्थी द्वारा दोषी चमन लाल शर्मा पुत्र बंसी राम शर्मा, निवासी साघी बाड़ी, डाकघर सुंदरनगर-1, तहसील सुंदरनगर के खिलाफ चेक बाउंस होने पर अदालत में एनआई एक्ट 1881 की धारा 138 में केस दर्ज करवाया था.

जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता के अधिवक्ता चमन लाल अवस्थी ने कहा कि दोषी चमन लाल शर्मा ने उपरोक्त बैंक से लोन लिया था. इस लोन के भुगतान के लिए दोषी चमन लाल शर्मा ने बैंक को 7,81,768 रुपये का एक चेक दिया था. चेक देते समय शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया था कि इसे बैंक में पेश करने पर कैश हो जाएगा.

अधिवक्ता चुनी लाल अवस्थी ने कहा कि दोषी चमन लाल शर्मा के खाते में पैसे न होने की वजह से चेक बाउंस हो गया था और दोषी लोन राशि वापस लौटने में असफल रहा. उन्होंने कहा कि मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए दोषी को 4 माह का साधारण कारावास व 7,81,768 रुपये हर्जाना और हर्जाना न देने की सूरत में अतिरिक्त एक माह के कारावास की सजा सुनाई है.

सुंदरनगर: जिला मंडी के सुंदरनगर कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में दोषी शख्स को चार माह कारावास की सजा सुनाई है, वहीं, हर्जाना के तौर पर दोषी शख्स को 7,81,768 लाख रुपये देने होंगे. न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर-2 सुंदरनगर अनीश कुमार की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.

शिकायतकर्ता हिमाचल प्रदेश राज्य को-ऑपरेटिव बैंक ब्रांच ऑफिस सुंदरनगर, जिला मंडी ने ब्रांच मैनेजर चंद्र सिंह ठाकुर के माध्यम से अधिवक्ता चमन लाल अवस्थी द्वारा दोषी चमन लाल शर्मा पुत्र बंसी राम शर्मा, निवासी साघी बाड़ी, डाकघर सुंदरनगर-1, तहसील सुंदरनगर के खिलाफ चेक बाउंस होने पर अदालत में एनआई एक्ट 1881 की धारा 138 में केस दर्ज करवाया था.

जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता के अधिवक्ता चमन लाल अवस्थी ने कहा कि दोषी चमन लाल शर्मा ने उपरोक्त बैंक से लोन लिया था. इस लोन के भुगतान के लिए दोषी चमन लाल शर्मा ने बैंक को 7,81,768 रुपये का एक चेक दिया था. चेक देते समय शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया था कि इसे बैंक में पेश करने पर कैश हो जाएगा.

अधिवक्ता चुनी लाल अवस्थी ने कहा कि दोषी चमन लाल शर्मा के खाते में पैसे न होने की वजह से चेक बाउंस हो गया था और दोषी लोन राशि वापस लौटने में असफल रहा. उन्होंने कहा कि मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए दोषी को 4 माह का साधारण कारावास व 7,81,768 रुपये हर्जाना और हर्जाना न देने की सूरत में अतिरिक्त एक माह के कारावास की सजा सुनाई है.

Intro:चेक बांउस मामले में 4 माह का कारवास, शिकायतकर्ता को 7 लाख 81 हजार 768 रूपए हर्जानाBody:सुंदरनगर : सुंदरनगर न्यायालय में विचाराधीन चेक बांउस के एक अहम मामले में कारावास के साथ-साथ हर्जाना भी देने का फैसला सुनाया गया है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर-2 सुंदरनगर अनीश कुमार की अदालत ने चेक बाउंस मामला सिद्ध होने पर आरोपी को 4 माह का कारावास व शिकायतकर्ता को 7 लाख 81 हजार 768 रूपए हर्जाना देने का फैसला सुनाया। शिकायतकर्ता हिमाचल प्रदेश राज्य को-आपरेटिव बैंक ब्रांच आफिस सुंदरनगर, जिला मंंडी ने ब्रांच मैनेजर चंद्र सिंह ठाकुर के माध्यम से अधिवक्ता चमन लाल अवस्थी द्वारा दोषी चमन लाल शर्मा पुत्र बंसी राम शर्मा, निवासी साघी बाड़ी, डाकघर सुंदरनगर-1, तहसील सुंदरनगर जिला मंंडी के खिलाफ चेक बाउंस होने पर अदालत में एनआई एक्ट,1881 की धारा 138 में मुकद्दमा दर्ज करवाया था। जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता के अधिवक्ता चमन लाल अवस्थी ने कहा कि दोषी चमन लाल शर्मा ने उपरोक्त बैंक से लोन लिया था। उन्होंने कहा कि दोषी ने इस लोन के भुगतान के लिए बैंक को 7 लाख 81 हजार 768 रूपए का एक चेक दिया था। उन्होंने कहा कि चेक देते समय शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया था कि इसे बैंक में पेश करने पर कैश हो जाएगा। अधिवक्ता चुनी लाल अवस्थी ने कहा कि दोषी चमन लाल शर्मा ने उपरोक्त लोन राशि को बैंक को चुकता नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि दोषी के खाते में पैसे न होने की वजह से चेक बाउंस हो गया था और दोषी लोन राशि वापिस लौटने में असफल रहा। उन्होंने कहा कि मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 4 माह का साधारण कारावास व 7 लाख 81 हजार 768 रूपए हर्जाना और हर्जाना न देने की सूरत में अतिरिक्त एक माह के कारावास की सजा सुनाई है।Conclusion:
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