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MANDI : बिजली बोर्ड के ओवरफ्लो पानी से लोग परेशान, जानें क्या है मामला

मंडी जिले के छपरोट गांव के बाशिंदों का बिजली बोर्ड पर आरोप है कि विभाग लगातार ओवरफ्लो पानी को छोड़ रहा, जिससे जमीनें खराब हो रही है. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि मामला कोर्ट में है,जैसा कोर्ट आदेश देगा वैसा किया जाएगा.

बिजली बोर्ड के ओवरफ्लो पानी से लोग परेशान
बिजली बोर्ड के ओवरफ्लो पानी से लोग परेशान
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Published : Apr 24, 2023, 8:40 AM IST

मंडी: जोगिंदर नगर की ने रघरवासड़ा पंचायत के छपरोट गांव पर बिजली बोर्ड की अनदेखी के चलते खतरा मंडरा रहा है. विद्युत गृह बस्सी के लिए छपरोट गांव में रेजरवायर का निर्माण किया गया है. जब विद्युत गृह में कोई खराबी आती है तो पानी का ओवरफ्लो किया जाता हैं, जिसेक चलते लोगों की जमीन खराब हो रही है.

लगातार लोगों की खराब हो रही जमीन: ग्राम सुधार कमेटी छपरोट के प्रधान चंदन ठाकुर सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि रेजरवायर से पानी के ओवरफ्लो से कुछ लोगों की जमीनें खराब हो चुकी,जबकि कुछ लोगों की जमीनें लगातार धंस रही हैं, जिसके चलते अब लोगों को घरों में भी खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि जमीन के कटान को रोकने के लिए बोर्ड द्वारा ओवरफ्लो के लिए जिस नहर का निर्माण किया गया था वह भी जगह-जगह टूट चुकी है.

प्रेशर टैंक भी क्षतिग्रस्त : यही नहीं पानी के तेज बहाव को रोकने के लिए बनाए गया प्रेशर टैंक भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और जो क्रेट बाल लगाई गई थी वह भी बह चुकी हैं, जिसके चलते लोगों की जमीनों पर दूर-दूर तक दरारें आ चुकी हैं. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई बार बोर्ड के अधिकारियों को अवगत करवाया गया ,लेकिन अभी तक बोर्ड द्वारा कोई भी उचित कदम नहीं उठाया गया.

मामला कोर्ट में: वहीं ,जब इस बारे में विद्युत गृह बस्सी अभियंता अरुण धीमान ने बताया कि मामला उनके ध्यान में है. बोर्ड द्वारा छपरोट रेजरवायर से बहुत कम ही ओवरफ्लो किया जाता है. इस संबंध में कोर्ट में मामला विचाराधीन है जो आदेश मिलेगा उसके मुताबिक ही बोर्ड कदम उठाएगा.

ये भी पढ़ें : मंडी शहर को ऊहल के पानी की बहार, सूखे से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार

मंडी: जोगिंदर नगर की ने रघरवासड़ा पंचायत के छपरोट गांव पर बिजली बोर्ड की अनदेखी के चलते खतरा मंडरा रहा है. विद्युत गृह बस्सी के लिए छपरोट गांव में रेजरवायर का निर्माण किया गया है. जब विद्युत गृह में कोई खराबी आती है तो पानी का ओवरफ्लो किया जाता हैं, जिसेक चलते लोगों की जमीन खराब हो रही है.

लगातार लोगों की खराब हो रही जमीन: ग्राम सुधार कमेटी छपरोट के प्रधान चंदन ठाकुर सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि रेजरवायर से पानी के ओवरफ्लो से कुछ लोगों की जमीनें खराब हो चुकी,जबकि कुछ लोगों की जमीनें लगातार धंस रही हैं, जिसके चलते अब लोगों को घरों में भी खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि जमीन के कटान को रोकने के लिए बोर्ड द्वारा ओवरफ्लो के लिए जिस नहर का निर्माण किया गया था वह भी जगह-जगह टूट चुकी है.

प्रेशर टैंक भी क्षतिग्रस्त : यही नहीं पानी के तेज बहाव को रोकने के लिए बनाए गया प्रेशर टैंक भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और जो क्रेट बाल लगाई गई थी वह भी बह चुकी हैं, जिसके चलते लोगों की जमीनों पर दूर-दूर तक दरारें आ चुकी हैं. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई बार बोर्ड के अधिकारियों को अवगत करवाया गया ,लेकिन अभी तक बोर्ड द्वारा कोई भी उचित कदम नहीं उठाया गया.

मामला कोर्ट में: वहीं ,जब इस बारे में विद्युत गृह बस्सी अभियंता अरुण धीमान ने बताया कि मामला उनके ध्यान में है. बोर्ड द्वारा छपरोट रेजरवायर से बहुत कम ही ओवरफ्लो किया जाता है. इस संबंध में कोर्ट में मामला विचाराधीन है जो आदेश मिलेगा उसके मुताबिक ही बोर्ड कदम उठाएगा.

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