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बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विरोध, पीएम मोदी को भेजा ज्ञापन

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Published : Oct 18, 2020, 2:10 PM IST

रविवार को बल्ह बचाओ संघष समिति और हिमाचल किसान सभा सरकाघाट के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र सिंह के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है. इस ज्ञापन में प्रधानमंत्री को हवाई अड्डे का बल्ह में विरोध करने का कारण बताया गया है.

बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विरोध
बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विरोध

सरकाघाट/मंडी: बल्ह में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विरोध में आवाज बुलंद हो रही है. बल्ह बचाओ संघर्ष समिति ने अब इस अभियान में विभिन्न संगठनों को साथ जोड़ रहा है. हिमाचल किसान सभा सरकाघाट इकाई भी बल्ह बचाओ संघर्ष समिति को अपना समर्थन दे रही है.

रविवार को बल्ह बचाओ संघर्ष समिति और हिमाचल किसान सभा सरकाघाट के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र सिंह के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भेजा है. यह ज्ञापन बल्ह बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगिंद्र वालिया, सचिव नंदलाल वर्मा और हिमाचल किसान सभा सरकाघाट के खंड सचिव मनीष शर्मा की अगुवाई में विधायक को सौंपा गया.

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ज्ञापन के माध्यम से हवाई अड्डे का बल्ह में विरोध करने का कारण बताया गया है. ज्ञापन में बताया गया है कि यह हवाई अड्डा बल्ह में बनाना सही नहीं है. हवाई अड्डे की प्रस्तावित जमीन किसानों की उपजाऊ जमीनें हैं. इन जमीनों को उजाड़ने से हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. बेरोजगारी के इस दौर में पढ़े लिखे युवा भी नकदी फसलें उगाकर अपना गुजार कर रहे हैं. यह क्षेत्र पूरी तरह से फ्लड जोन में है और 2018 की बरसात में इस एयरपोर्ट की प्रस्तावित 80 प्रतिशत हवाई पट्टी पानी में थी.

इससे कई लघु उद्योग, सिंचाई योजनाएं खत्म हो जाएंगी. बल्ह से भुंतर हवाई अड्डे की आकाशीय दूरी 30 किलोमीटर है, शिमला हवाई अड्डा करीब 50 किलोमीटर है और गग्गल हवाई अड्डा भी करीब 50 किलोमीटर है. यह ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट पॉलिसी का उल्लंघन है.

यह 2150 मीटर रनवे, केवल एटीएस-72 सीटर छोटा हवाई जहाज के लिए ही प्रस्तावित है और अगर 3150 मीटर हवाई पट्टी बनानी है तो ओएलएस सर्वे के अनुसार सुंदरनगर की पहाड़ियां (बंदली धार) 500 मीटर काटनी पड़ेगी, जो कभी संभव नहीं है. इसके अलावा और भी कई ऐसी चुनौतियां हैं, जिनको पूरा करना संभव नहीं है. प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है कि इस हवाई अड्डे को बल्ह के अलावा किसी और जगह बनाया जाए.

सरकाघाट/मंडी: बल्ह में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विरोध में आवाज बुलंद हो रही है. बल्ह बचाओ संघर्ष समिति ने अब इस अभियान में विभिन्न संगठनों को साथ जोड़ रहा है. हिमाचल किसान सभा सरकाघाट इकाई भी बल्ह बचाओ संघर्ष समिति को अपना समर्थन दे रही है.

रविवार को बल्ह बचाओ संघर्ष समिति और हिमाचल किसान सभा सरकाघाट के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र सिंह के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भेजा है. यह ज्ञापन बल्ह बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगिंद्र वालिया, सचिव नंदलाल वर्मा और हिमाचल किसान सभा सरकाघाट के खंड सचिव मनीष शर्मा की अगुवाई में विधायक को सौंपा गया.

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ज्ञापन के माध्यम से हवाई अड्डे का बल्ह में विरोध करने का कारण बताया गया है. ज्ञापन में बताया गया है कि यह हवाई अड्डा बल्ह में बनाना सही नहीं है. हवाई अड्डे की प्रस्तावित जमीन किसानों की उपजाऊ जमीनें हैं. इन जमीनों को उजाड़ने से हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. बेरोजगारी के इस दौर में पढ़े लिखे युवा भी नकदी फसलें उगाकर अपना गुजार कर रहे हैं. यह क्षेत्र पूरी तरह से फ्लड जोन में है और 2018 की बरसात में इस एयरपोर्ट की प्रस्तावित 80 प्रतिशत हवाई पट्टी पानी में थी.

इससे कई लघु उद्योग, सिंचाई योजनाएं खत्म हो जाएंगी. बल्ह से भुंतर हवाई अड्डे की आकाशीय दूरी 30 किलोमीटर है, शिमला हवाई अड्डा करीब 50 किलोमीटर है और गग्गल हवाई अड्डा भी करीब 50 किलोमीटर है. यह ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट पॉलिसी का उल्लंघन है.

यह 2150 मीटर रनवे, केवल एटीएस-72 सीटर छोटा हवाई जहाज के लिए ही प्रस्तावित है और अगर 3150 मीटर हवाई पट्टी बनानी है तो ओएलएस सर्वे के अनुसार सुंदरनगर की पहाड़ियां (बंदली धार) 500 मीटर काटनी पड़ेगी, जो कभी संभव नहीं है. इसके अलावा और भी कई ऐसी चुनौतियां हैं, जिनको पूरा करना संभव नहीं है. प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है कि इस हवाई अड्डे को बल्ह के अलावा किसी और जगह बनाया जाए.

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