करसोग: सिविल अस्पताल करसोग से सर्जन कमल दत्ता को रिलीव करने पर जनता भड़क गई है. लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. इसके बाद भी अगर सर्जन को लेकर कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया तो कोरोना कर्फ्यू हटते ही लोग सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे.
सर्जन के तबादले के पीछे राजनीति का आरोप
सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल ने सर्जन के तबादले को राजनीति से प्रेरित बताया है. इसके लिए उन्होंने स्थानीय विधायक हीरालाल पर निशाना साधा. किशोरी लाल ने कहा कि कोरोना महामारी में डॉक्टर के तबादले का निर्णय उचित नहीं है. सिविल अस्पताल में पहले की डॉक्टरों की भारी कमी है. उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू की आड़ में डॉक्टर को रिलीव किया गया है जो करसोग की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय है. जिला परिषद सदस्य ने कहा कि करसोग मुख्यमंत्री के सिराज विधानसभा क्षेत्र से सटा है. ऐसे में करसोग की सीमा के साथ लगते मुख्यमंत्री के क्षेत्र से भी लोग इलाज के लिए सिविल अस्पताल में आते हैं. ऐसे में इस अस्पताल में दो विधानसभा क्षेत्रों की जनता को इलाज की सुविधा मिलती है.
कोई एक्शन न लिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी
किशोरी लाल ने कहा कि सर्जन के तबादले पर जनता सड़कों पर उतरी थी, जिसके बाद स्थानीय विधायक ने जनता को सर्जन का तबादला आदेश रद्द करवाए जाने का आश्वसन दिया था, लेकिन हैरानी की बात है कि इसके बाद भी सर्जन को रिलीव किया जाता है. उन्होंने इस मामले पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है. इसके बाद भी अगर लोगों की आवाज को सुना नहीं गया तो जनता कोरोना कर्फ्यू हटते ही सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी.
9 महीने में ही कर दिया गया सर्जन कमल दत्ता का तबादला
बता दें कि मंडी जिला से जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकार ने जुलाई 2020 में पहली बार करसोग सिविल अस्पताल में एक साथ 5 विभागों रेडियोलॉजिस्ट, सर्जन, गायनी, एनेस्थीसिया व ईएनटी में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भरने के आदेश जारी किए थे. इससे करसोग की जनता को घरद्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने की उम्मीद जगी है. इसके लिए लोगों ने मुख्यमंत्री का आभार भी प्रकट किया था, लेकिन हैरानी की बात है कि इसमें से तीन विभागों गाइनी, एनेस्थीसिया और ईएनटी विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने तो ज्वाइन ही नहीं किया. ऐसे में केवल रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रवीण कुमार सहित सर्जन कमल दत्ता ने ही अगस्त 2020 में अपना कार्यभार संभाला था. इसमें भी सरकार ने 9 महीनों में ही सर्जन कमल दत्ता का तबादला कर दिया है.
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