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काम नहीं आया वन फोर्थ का फार्मूला, इस पंचायत में 7 महीने से पूरा नहीं हुए एक भी कोरम

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Published : Sep 25, 2019, 7:57 PM IST

करसोग विकासखंड में सरकार का ग्राम सभा में वन फोर्थ कोरम का फॉर्मूला भी किसी काम नहीं आ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक करसोग खंड में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में मुश्किल से 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है.

gathering in village meeting in karsog

करसोग: जिला मंडी के करसोग विकासखंड में सरकार का ग्राम सभा में वन फोर्थ कोरम का फॉर्मूला भी किसी काम नहीं आ रहा है. इसका उदाहरण मैहरन पंचायत में देखने को मिला. पिछले 7 महीनों से एक बार भी इस पंचायत में कोरम पूरा नहीं हुआ है.

बुधवार को भी 340 परिवारों वाली मैहरन पंचायत में ग्राम सभा की बैठक का वन फोर्थ के फॉर्मूले के मुताबिक कोरम पूरा होने के लिए 85 सदस्य की जरूरत थी, लेकिन 11 बजे शुरू हुई इस ग्राम सभा की बैठक में कुल 42 सदस्य ही उपस्थित हुए. इस कारण दोपहर 2 बजे ग्राम सभा की बैठक को कोरम पूरा न होने के कारण स्थगित करना पड़ा. बता दें कि मैहरन पंचायत में पिछली बार 17 फरवरी 2019 को कोरम पूरा हुआ था.

20 फीसदी पंचायतों में ही पूरा होता है कोरम: रिपोर्ट

बीडीओ ऑफिस की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक करसोग खंड में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में मुश्किल से 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है. इसके अलावा हर बार कहीं न कहीं 80 फीसदी पंचायतों में कोरम पूरा नहीं हो रहा है. इसका सीधा असर गांवों में होने वाले विकासकार्यों पर पड़ रहा है. कोरम पूरा न होने से कई पंचायतों में अभी तक बीपीएल परिवारों की समीक्षा भी नहीं हो सकी है. इस कारण ऐसी पंचायतों में अपात्र लोगों के नाम बीपीएल सूची से नहीं हटाए गए हैं. इन पंचायतों में कई पात्र लोगों ने बीपीएल सूची में नाम शामिल करने के लिए आवेदन किया है. बता दें कि करसोग विकासखंड में कुल 54 पंचायतें हैं.

जुलाई कुल 7 पंचायतों में कोरम पूरा

करसोग की सभी 54 पंचायतों में बीपीएल सूची समीक्षा के लिए जुलाई महीने में विशेष ग्राम सभा बैठकें रखी गई थी. इसमें 54 में से केवल 7 पंचायतों में ही कोरम पूरा हुआ. इस दौरान जिन 7 पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था. इसके अलावा 47 पंचायतों में कोरम अधूरा रहा. वहीं जिन पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था, उसमें चौरीधार, ग्वालपुर, थली व बगैला 4 पंचायतों में 39 अपात्र परिवारों के नाम बीपीएल सूची से हटाए गए.

कोरम पूरा न होने से विकासकार्यों पर असर: बीडीओ

बीडीओ करसोग राजेंद्र सिंह तेजटा ने कहा कि लोगों को लगातार जागरूक करने के बाद विकासखंड में सिर्फ 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है. उन्होंने कहा कि कोरम पूरा न होने का असर गांवों में होने वाले विकासकार्यों पर पड़ रहा है.

वीडियो

ये भी पढ़ें: मंडी में बुजुर्ग व्यक्ति से 7 लाख की ठगी, बेटे-बहू को दिलावाना चाहता था सरकारी नौकरी

करसोग: जिला मंडी के करसोग विकासखंड में सरकार का ग्राम सभा में वन फोर्थ कोरम का फॉर्मूला भी किसी काम नहीं आ रहा है. इसका उदाहरण मैहरन पंचायत में देखने को मिला. पिछले 7 महीनों से एक बार भी इस पंचायत में कोरम पूरा नहीं हुआ है.

बुधवार को भी 340 परिवारों वाली मैहरन पंचायत में ग्राम सभा की बैठक का वन फोर्थ के फॉर्मूले के मुताबिक कोरम पूरा होने के लिए 85 सदस्य की जरूरत थी, लेकिन 11 बजे शुरू हुई इस ग्राम सभा की बैठक में कुल 42 सदस्य ही उपस्थित हुए. इस कारण दोपहर 2 बजे ग्राम सभा की बैठक को कोरम पूरा न होने के कारण स्थगित करना पड़ा. बता दें कि मैहरन पंचायत में पिछली बार 17 फरवरी 2019 को कोरम पूरा हुआ था.

20 फीसदी पंचायतों में ही पूरा होता है कोरम: रिपोर्ट

बीडीओ ऑफिस की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक करसोग खंड में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में मुश्किल से 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है. इसके अलावा हर बार कहीं न कहीं 80 फीसदी पंचायतों में कोरम पूरा नहीं हो रहा है. इसका सीधा असर गांवों में होने वाले विकासकार्यों पर पड़ रहा है. कोरम पूरा न होने से कई पंचायतों में अभी तक बीपीएल परिवारों की समीक्षा भी नहीं हो सकी है. इस कारण ऐसी पंचायतों में अपात्र लोगों के नाम बीपीएल सूची से नहीं हटाए गए हैं. इन पंचायतों में कई पात्र लोगों ने बीपीएल सूची में नाम शामिल करने के लिए आवेदन किया है. बता दें कि करसोग विकासखंड में कुल 54 पंचायतें हैं.

जुलाई कुल 7 पंचायतों में कोरम पूरा

करसोग की सभी 54 पंचायतों में बीपीएल सूची समीक्षा के लिए जुलाई महीने में विशेष ग्राम सभा बैठकें रखी गई थी. इसमें 54 में से केवल 7 पंचायतों में ही कोरम पूरा हुआ. इस दौरान जिन 7 पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था. इसके अलावा 47 पंचायतों में कोरम अधूरा रहा. वहीं जिन पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था, उसमें चौरीधार, ग्वालपुर, थली व बगैला 4 पंचायतों में 39 अपात्र परिवारों के नाम बीपीएल सूची से हटाए गए.

कोरम पूरा न होने से विकासकार्यों पर असर: बीडीओ

बीडीओ करसोग राजेंद्र सिंह तेजटा ने कहा कि लोगों को लगातार जागरूक करने के बाद विकासखंड में सिर्फ 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है. उन्होंने कहा कि कोरम पूरा न होने का असर गांवों में होने वाले विकासकार्यों पर पड़ रहा है.

वीडियो

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Intro:बीडीओ ऑफिस की और से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक करसोग खंड में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में मुश्किल से 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है।Body:इस विकासखंड में काम नहीं आया वन फोर्थ कोरम का फार्मूला, इस पंचायत में सात महीने से पूरा नहीं हुए एक भी कोरम

करसोग
करसोग विकासखंड में सरकार का ग्राम सभा मे वन फोर्थ कोरम का फार्मूला भी किसी काम नहीं आ रहा है। पंचायतों में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठकों के लिए लोग घरों से ही निकल रहे है। इसका उदाहरण मैहरन पंचायत में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठकें हैं। इस पंचायत में पिछले 7 महीनों से एक भी बार कोरम पूर्ण नहीं हुआ है। हालांकि इस दौरान 4 से अधिक बार स्थगित ग्राम सभा की बैठकें भी आयोजित की जा चुकी है। बुधवार को भी 340 परिवारों वाली इस पंचायत में ग्राम सभा की बैठक का वन फोर्थ के फार्मूले के मुताबिक कोरम पूरा होने के लिए 85 सदस्य की जरूरत थी, लेकिन 11 बजे आरंभ हुई इस ग्राम सभा की बैठक में कुल 42 सदस्य ही उपस्थित हुए। जिस कारण दोपहर 2 बजे ग्राम सभा की बैठक को कोरम पूरा न होने के कारण स्थगित करना पड़ा। इस पंचायत में पिछली बार 17 फरवरी 2019 को कोरम पूरा हुआ था।

20 फीसदी पंचायतों में ही पूरा होता है कोरम: रिपोर्ट
बीडीओ ऑफिस की और से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक करसोग खंड में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में मुश्किल से 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है। इसके अतिरिक्त हर बार कहीं न कहीं 80 फीसदी पंचायतों में कोरम पूरा नही हो रहा है। जिसका सीधा असर गांवों में होने वाले विकासकार्यों पर पड़ रहा है। यही नहीं कोरम पूरा न होने से कई पंचायतों में अभी तक बीपीएल परिवारों की समीक्षा भी नहीं हो सकी है। जिस कारण ऐसी पंचायतों में अपात्र लोगों के नाम बीपीएल सूची से नहीं हटाए गए हैं। इन पंचायतों में कई लोगों पात्र लोगों ने बीपीएल सूची में नाम शामिल करने के लिए आवेदन किया है। करसोग विकासखण्ड में कुल 54 पंचायतें हैं।

जुलाई कुल 7 पंचायतों में कोरम पूरा:
करसोग की सभी 54 पंचायतों में बीपीएल सूची समीक्षा के लिए जुलाई महीने में विशेष ग्राम सभा बैठकें रखी गई थी। जिसमें 54 में से केवल 7 पंचायतों में ही कोरम पूरा हुआ। इस दौरान जिन 7 पंचायतों में कोरम पूर्ण हुए था। इसमे अलावा 47 पंचायतों में कोरम अधूरा रहा। जिन पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था, उसमें चौरीधार, ग्वालपुर, थली व बगैला 4 पंचायतों में 39 अपात्र परिवारों के नाम बीपीएल सूची से हटाए गए। जिन पंचायतों में कोरम पूरा नहीं हुआ था।

कोरम पूरा न होने से विकासकार्यों पर असर: बीडीओ
बीडीओ करसोग राजेंद्र सिंह तेजटा लोगों को लगातार जागरूक करने के बाद विकासखंड में सिर्फ 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है। उन्होंने कहा कि कोरम पूरा न होने का असर गांवों में होने वाले विकासकार्यों पर पड़ रहा है।Conclusion:बीडीओ करसोग राजेंद्र सिंह तेजटा लोगों को लगातार जागरूक करने के बाद विकासखंड में सिर्फ 20 फीसदी पंचायतों में ही कोरम पूरा होता है। उन्होंने कहा कि कोरम पूरा न होने का असर गांवों में होने वाले विकासकार्यों पर पड़ रहा है।
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