सरकाघाट: सीएचसी बलद्वाड़ा में दो साल से डॉक्टरों की कमी के चलते आंख और दांत के रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में रोजाना यहां पर आने वाले रोगियों को ओपीडी पर ताला लटका देख बैरंग लौटना पड़ता है.
डॉक्टरों की कमी के चलते लोग झेल रहे परेशान
अपनी आंखों को चेक करवाने के लिए नेत्र ओपीडी के पास कई बुजुर्ग रोजाना आते हैं, लेकिन ओपीडी में डॉक्टरों के न आने की जानकारी मिलने पर निराश होकर लौट जाते हैं. आंख की ओपीडी में हमेशा ताला लटका रहता है. ऐसे में बुजुर्गों को अधिक परेशानी हो रही है. इसके चलते उन्हें हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर जाकर अपना इलाज करवाना पड़ता है. यह सभी अस्पताल बलद्वाड़ा से 50 किलोमीटर की दूर पर पड़ते हैं. ऐसे में लोगों का समय और पैसा दोनों ही बर्बाद हो रहे हैं.
उधर, भले ही दांत की ओपीडी खुली रहती है, लेकिन लोगों को उपचार देने के नाम पर कोई भी नहीं है. दांत निकलवाने की जरूरत पड़ने पर लोगों को निजी क्लिनिकों में ही जाना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि बलद्वाड़ा सीएचसी पर 18 पंचायतों की जनता निर्भर है, लेकिन जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं न होने पर इसका क्या फायदा है.
क्या कहते हैं बीएमओ?
बीएमओ केके शर्मा ने कहा कि यहां पर आंखों के चिकित्सक का पद खाली है, जिसके कारण लोगों के आंखों का इलाज नहीं हो पा रहा है. यहां पर दांतों का डॉक्टर भी नहीं है. इसलिए विभाग और सरकार से यहां पर इन दोनों रिक्त पदों को भरने के लिए मांग की गई है.
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