मंडी/करसोग: उत्तरप्रदेश के हाथरस में एक बेटी की हुई दर्दनाक मौत को लेकर करसोग में छात्र संगठन भी सड़कों पर उतर गए हैं. दलित समाज बेटी को न्याय दिलाने के लिए एनएसयूआई की करसोग इकाई ने कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान छात्रों ने उत्तर प्रदेश सरकार की महिला सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की.
छात्र संगठन ने ये भी चेतावनी दी कि अगर पीड़िता को न्याय नहीं मिला तो आने वाले दिनों में एनएसयूआई सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी. एनएसयूआई ने कहा कि 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिला में एक 19 वर्षीय युवती की बेरहमी से रीढ़ की हड्डी तोड़ने के साथ पीड़िता की जीभ काट दी थी.
29 सितंबर को पीड़िता की दर्दनाक मौत हो गई, लेकिन यूपी सरकार ने बेटी को न्याय देने की जगह रात के ढाई बजे पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया, जबकि हिन्दू धर्म के मुताबिक सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है. इस तरह से माता पिता से बेटी के अंतिम संस्कार का भी हक छीन लिया गया, जो बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है. इसके लिए एनएसयूआई ने उत्तर प्रदेश सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की है.
बता दें कि इससे पहले हाथरस मामले पर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए करसोग के कई सामाजिक संगठनों ने धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को भी ज्ञापन सौंपा था, जिसमें दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ यूपी के मुख्यमंत्री को पद से हटाए जाने की मांग की है.
एनएसयूआई करसोग महाविद्यालय के अध्यक्ष ऋत्विक शर्मा ने कहा कि उतर प्रदेश के जिला हाथरस में 14 वर्षीय युवती के साथ हुए जधन्य अपराध की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने कहा कि अगर पीड़िता को न्याय नहीं मिला तो एनएसयूआई सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन करेगी.
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